EVM Manufacturing Company: भारत में कौन सी कंपनी बनाती है EVM, क्या होती है ईवीएम की कीमत
EVM Manufacturing Company: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानि ईवीएम। इसका प्रस्ताव 1977 में आया था। तब ईवीएम के निर्माण का काम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (ECIL) को सौंपा गया था।
भारत में ईवीएम कौन बनाता है
EVM Manufacturing Company: चुनावी माहौल में नेताओं और उनके बिगड़े बोलों के बाद किसी चीज की चर्चा है तो वो है- ईवीएम (EVM) यानि कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine) की। ईवीएम को लेकर साफ तौर पर दो खेमे दिख रहे हैं। एक जो ईवीएम के सपोर्ट में हैं, दूसरा जो ईवीएम के विरोध में है। विपक्ष भले ही चुनाव लड़ रहा हो लेकिन उसका शायद ही कोई ऐसा नेता है जो ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल न उठा रहा हो। ये बहस पिछले कई सालों से जारी है। इसके निर्माण से लेकर कीमत तक पर सोशल मीडिया पर अनेक तरह के दावे किए जाते रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत में जिस ईवीएम से चुनाव होता है उसे कौन बनता है और उसकी कीमत क्या होती है?
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सबसे पहले किसने बनाया था भारत में ईवीएम (Who Made First EVM in India)
ईवीएम का प्रस्ताव 1977 में आया था। तब ईवीएम के निर्माण का काम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (ECIL) को सौंपा गया था। 1979 में, एक कार्यशील मॉडल विकसित किया गया और 6 अगस्त 1980 को विभिन्न राजनीतिक दलों के सामने इसे पेश किया गया था।
कौन सी कंपनी बनाती है ईवीएम (EVM Manufacturing Company in India)
चुनाव आयोग के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें चुनाव आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति (टीईसी) द्वारा दो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों यानी इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बैंगलोर के सहयोग से डिजाइन और बनाई गई हैं। आज भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानि कि ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बैंगलोर और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
कितनी होती है एक ईवीएम की कीमत (What is the Cost of EVM in India?)
रिपोर्ट्स के अनुसार वर्तमान में भारत में ईवीएम के दो प्रकार बनाए जाते हैं। एक है एम2 ईवीएम (M2 EVMs) और दूसरी है एम3 ईवीएम (M3 EVMs)। एम2 ईवीएम (जो 2006 और 2010 के बीच निर्मित हुई) की लागत 8670 रुपये प्रति ईवीएम (बैलेटिंग यूनिट और कंट्रोल यूनिट सहित) थी। वहीं एम3 ईवीएम की कीमत अस्थायी तौर पर करीब 17,000 रुपये प्रति यूनिट है।
विदेशों में भी भारतीय ईवीएम से मतदान (Made in India EVMs in Demand Abroad)
भारत में बने ईवीएम से सिर्फ इंडिया में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी वोटिंग होती है। भारत में बनी ईवीएम से नेपाल, भूटान, नामीबिया और केन्या में वोटिंग होती है। इन देशों ने भारत में बने ईवीएम को पिछले कुछ सालों में खरीदा है। 2013 में, नामीबिया के चुनाव आयोग ने भारत की भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से 1700 नियंत्रण इकाइयां और 3500 मतपत्र इकाइयां खरीदीं थीं। इन इकाइयों का उपयोग 2014 में क्षेत्रीय और राष्ट्रपति चुनावों में किया गया था। इसके अलावा कई और देश भारत के ईवीएम में रूचि दिखा रहे हैं।
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