अखिलेश यादव विधायक रहेंगे या सांसद? खुद दिया इसका जवाब; जानें सपा सुप्रीमो का प्लान
UP Politics: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आगामी सियासी प्लान तैयार कर लिया है, जिसका खुलासा वो खुद करेंगे। सपा प्रमुख ने बताया है कि जो सीट छोड़नी है उसकी जानकारी बहुत जल्द विधानसभा में दे देंगे। वो फिलहाल करहल से विधायक और कन्नौज से सांसद हैं, जिसमें से एक पद उन्हें छोड़ना होगा।
क्या होगा अखिलेश यादव का अगला कदम?
Akhilesh Yadav Plan for Lok Sabha and Vidhan Sabha: अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से विधायक बने रहेंगे या फिर कन्नौज के सांसद के तौर पर नई जिम्मेदारी उठाएंगे। ये सवाल का उत्तर प्रदेश की सियासत में दिलचस्पी रखने वाले हर शख्स के जेहन में उठ रहा है। इस बीच सपा सुप्रीमो ने खुद इसका जवाब दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 में ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश ने जो फैसला किया है, वो कहीं न कहीं राजनीति को आगामी सियासत पर खास प्रभाव डालेगी।
अखिलेश यादव ने खुद किया इस सवाल का जवाब
अखिलेश यादव ने ये बताया है कि वह बहुत जल्द विधानसभा में जानकारी देंगे कि लोकसभा सीट और विधानसभा सीट में से वह कौन सी सीट अपने पास रखेंगे। सपा प्रमुख इटावा जिले के अपने पैतृक गांव सैफई में मीडिया से बातचीत कर रहे थे, इस बीच पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि लोकसभा और विधानसभा सीट में से कौन सी सीट वह अपने पास रखेंगे, तो उन्होंने कहा 'करहल और मैनपुरी के कार्यकर्ताओं को मैंने बताया है कि मैं दो जगह से चुनाव तो जीत गया हूं लेकिन एक सीट छोड़नी पड़ेगी। बहुत जल्द विधानसभा में इसकी जानकारी दी जाएगी।'
क्या हो सकती है अखिलेश यादव की रणनीति?
फिलहाल विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) के पास लोकसभा में 236 सांसद हैं, जबकि सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के पास 293 सांसदों का समर्थन हासिल है। विपक्ष बार-बार ये दावा कर रहा है कि मोदी सरकार 3.0 ज्यादा समय तक नहीं चलने वाली है, ऐसे में वो ऐसा करना नहीं चाहेगा कि एक भी सीट उसके खाते से कम हो। अखिलेश को सपा संसदीय दल का नेता चुने जाने की खबरें हैं। ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अखिलेश करहल सीट छोड़कर कन्नौज से सांसद रहने का फैसला कर सकते हैं। हालांकि इसका खुलासा वो विधानसभा में करेंगे।
अखिलेश यादव करहल छोड़ेंगे या फिर कन्नौज?
सपा प्रमुख यादव हालिया लोकसभा चुनाव में कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव जीते हैं, जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में वह मैनपुरी जिले के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। विधानसभा में फिलहाल उनके पास नेता प्रतिपक्ष का दायित्व है। ऐसा कहा जा रहा है कि यादव विधानसभा की सदस्यता छोड़कर लोकसभा में सपा संसदीय दल के नेता बनेंगे। उप्र की 80 लोकसभा सीटों में से सपा 37 सीटें जीत कर लोकसभा में तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने सपा सांसदों की बैठक में अखिलेश यादव को संसदीय दल का नेता चुने जाने के बारे में बताया कि अखिलेश यादव ही सपा संसदीय दल के नेता होंगे। लेकिन इसके लिए एक औपचारिकता होती है जो दिल्ली में पूरी होगी। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देंगे। हालांकि अखिलेश ने ये साफ कर दिया है कि वो इसका जवाब विधानसभा में देंगे।
अखिलेश यादव ने किसे दिया सपा की जीत का श्रेय
सैफई में अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में सपा की बड़ी जीत का श्रेय, सपा कार्यकर्ताओं, नेताओं, संगठन के पदाधिकारियों को देते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा 'मैं अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दे रहा हूं, इस बार चुनाव में ऐसी जीत हुई, जिससे सपा देश में तीसरे नंबर की पार्टी बन गयी।' एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा 'जब सदन चलेगा तो वहां जनता और संविधान के सवालों को रखा जाएगा। जब समाजवादी पार्टी देश में तीसरे नंबर पर पहुंची है, तो हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ी है।'
अखिलेश के चाचा को मिलेगी यूपी की कमान?
अब सवाल ये है कि यदि अखिलेश यादव दिल्ली का रुख करेंगे तो उत्तर प्रदेश विधानसभा में उनकी जगह कौन लेगा। तो आपको बता दें कि यूपी में अखिलेश अपने चाचा के कंधों पर बड़ा जिम्मा सौंप सकते हैं। बताया ये जा रहा है कि शिवपाल यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं।
अखिलेश ने दमदार परिणाम से किया हैरान
लोकसभा चुनाव के नतीजों मे उत्तर प्रदेश ने पूरे देश को चौंका दिया। अखिलेश यादव की सपा उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और भारतीय जनता पार्टी द्वारा राम मंदिर निर्माण का मुद्दा प्रमुखता से उठाने के बावजूद भाजपा को मजह 33 सीटों पर जीत मिली। सपा का शानदार चुनावी प्रदर्शन जमीनी स्तर पर अखिलेश की लोकप्रियता और उनकी राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है।
सपा की स्थापना के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन
चुनावी परिणाम में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से सपा ने 37 सीटों पर जीत हासिल कर ली, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने भी छह सीट पर जीत दर्ज की है। सपा की स्थापना के बाद लोकसभा चुनावों में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इसका श्रेय अखिलेश यादव को जाता है। इससे पहले वर्ष 2004 के चुनाव में मुलायम के नेतृत्व में सपा ने 35 सीटों पर जीत हासिल की थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव ने न केवल अपनी पारिवारिक एकता कायम की है, बल्कि 2019 में बसपा से गठबंधन के बावजूद सिर्फ पांच सीटें जीतने वाली सपा ने अकेले (यादव) परिवार में ही पांच सीटें हासिल कर ली हैं। वर्ष 2019 में अकेले 62 सीट पर जीत हासिल करने वाली भाजपा को इस बार बड़ा झटका लगा।
यूपी की कन्नौज सीट से अखिलेश यादव जीते
अखिलेश यादव ने कन्नौज संसदीय सीट पर 1,70,922 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आयी। निर्वाचन आयोग के अनुसार, सपा उम्मीदवार अखिलेश यादव को कन्नौज में 6,42,292 मत मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी सुब्रत पाठक को 4,71, 370 मत प्राप्त हुए। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के इमरान बिन जफर को 81,639 मत मिले।
अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा इस चुनाव में राज्य के सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। जबकि देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। अखिलेश वर्ष 2000 में कन्नौज सीट पर उपचुनाव में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। अखिलेश ने 2004 और 2009 चुनाव में भी जीत दर्ज की थी। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी मैनपुरी सीट से चुनाव जीत गयी हैं।
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