कौन है अबू मो. अल जुलानी जिसने पलट दी सीरिया में असद परिवार की दशकों पुरानी सत्ता

अबू मोहम्मद अल-जुलानी मौजूदा वक्त में सीरिया में सबसे शक्तिशाली सशस्त्र विपक्षी सैन्य गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का प्रमुख है, जिसका कभी अल-कायदा से संबंध था।

Al Julani

अबू मो. अल जुलानी

Who Is Abu Mohammed Al-Julani: सीरियाई विद्रोहियों ने सीरिया में बशर अल असद की सत्ता को एक झटके में खत्म कर दिया है। विद्रोही इतनी तेजी से आगे बढ़े कि असद की सेना इनका कोई प्रतिरोध भी नहीं कर सकी। विद्रोहियों ने एक के बाद एक शहरों पर कब्जा जमाते हुए आखिर में दमिश्क को भी अपने कब्जे में ले लिया। हमले के बाद 24 साल तक देश पर शासन करने वाले असद एक विमान से देश से भाग गए। बताया जा रहा है कि उन्हें रूस ने शरण दी है।

इस सैन्य हमले का नेतृत्व करने वाले और राष्ट्रपति असद के शासन को समाप्त करने वाले शख्स का नाम है अबू मोहम्मद अल-जुलानी। जुलानी मौजूदा वक्त में सीरिया में सबसे शक्तिशाली सशस्त्र विपक्षी सैन्य गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का प्रमुख है, जिसका कभी अल-कायदा से संबंध था। 2018 में अमेरिका ने एचटीएस को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) नामित कर जुलानी पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था।

कौन है अबू मोहम्मद अल-जुलानी

1982 में सऊदी अरब में जन्मे जुलानी ने अपने बचपन के शुरुआती सात साल रियाद में बिताए, जहां उसके पिता पेट्रोलियम इंजीनियर के रूप में काम करते थे। 1989 में जुलानी सीरिया लौट आए क्योंकि उनके परिवार ने दमिश्क के पास बसने का फैसला किया था। अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलानी 2003 में इराक में अल-कायदा में शामिल हो गया था, जब अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के तहत मध्य पूर्व पर हमला बोला था। अल-कायदा के साथ काम करते हुए जुलानी ने 2011 में अल-कायदा के प्रत्यक्ष सहयोगी के रूप में एक अलग नाम, जबात अल-नुसरा के तहत एचटीएस का गठन किया।

अल-कायदा में रहते हुए जुलानी ने इस्लामिक स्टेट इन इराक (ISIS) के प्रमुख अबू बक्र अल-बगदादी के साथ भी काम किया। बाद में बगदादी को अमेरिकी सेना ने 2022 में सीरिया में एक सैन्य हमले में मार गिराया था। 2013 में जुलानी ने घोषणा की कि उनका समूह बगदादी के साथ संबंध तोड़ देगा। 2013 में इस्लामिक स्टेट द्वारा नुसरा फ्रंट को एकतरफा अपने अधीन करने की मांग के बाद उसने बगदादी के खिलाफ खूनी युद्ध भी लड़ा था।

अल-कायदा से अलग होने के लगभग आठ साल बाद जुलानी उस वक्त फिर से मीडिया की सुर्खियों में आया जब उसने एक अमेरिकी मीडिया संगठन से एचटीएस को एक आतंकवादी समूह के रूप में नामित करने के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा और बताया कि उसने निर्दोष लोगों की हत्या का विरोध किया था।

एक साल के भीतर पांच हजार लड़ाके हुए शामिल

उसने अपने साक्षात्कार में विस्तार से बताया कि कैसे नुसरा फ्रंट का विस्तार इराक से उनके साथ आए छह लोगों से बढ़कर एक साल के भीतर 5,000 तक हो गया। जैसे ही 2022 में बगदादी की हत्या के बाद इस्लामिक स्टेट का पतन हुआ जुलानी ने उत्तर-पश्चिमी सीरियाई प्रांत इदलिब में एचटीएस की पकड़ मजबूत कर ली, और साल्वेशन सरकार नामक एक नागरिक प्रशासन की स्थापना की। मध्य पूर्व विशेषज्ञों के अनुसार, सीरियाई विद्रोही बलों द्वारा दमिश्क पर नियंत्रण करने के साथ जुलानी का लक्ष्य अब एचटीएस को सीरिया में एक विश्वसनीय शासकीय इकाई और वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों में एक संभावित भागीदार के रूप में ब्रांड करना है। जुलानी इसमें कितना कामयाब होगा ये देखना बाकी है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited