कौन हैं बिभव कुमार? जिनका विवादों से रहा गहरा नाता, स्वाति मालीवाल से मारपीट का आरोप; देखें टाइमलाइन
Who is Bibhav Kumar: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार का विवादों से गहरा नाता रहा है। दिल्ली विजिलेंस ने उनके खिलाफ एक्शन लिया, तो महिला सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोप लगे, गिरफ्तारी हुई। अब उन्हें जमानत मिल गई। इस रिपोर्ट में पूरी टाइमलाइन बताते हैं।
केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार को स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में मिली जमानत।
Swati Maliwal Assault Case Timeline: आम आदमी पार्टी के लिए एक बार फिर राहत भरी खबर सामने आई है। कथित शराब घोटाला मामले के आरोपी पहले मनीष सिसोदिया को जमानत मिली तो आप में खुशी की लहर दौड़ उठी। 2 सितंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने पहले विजय नायर को जमानत दी और इसके ठीक बाद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपी बिभव कुमार को जमानत दे दी। ऐसे में अरविंद केजरीवाल के सिर से संकट के काले बादल छंटने लगे हैं। बिभव कुमार पर राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मारपीट का आरोप लगाया था। नीचे देखिए केस की पूरी टाइमलाइन...।
स्वाति मालीवाल से मारपीट केस की टाइमलाइन
13 मई, 2024 (सोमवार)
- राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंचीं।
- सीएम हाउस से स्वाति मालीवाल ने पुलिस को कॉल की। स्वाति ने पुलिस को अपने साथ मारपीट की जानकारी दी।
- स्वाति मालीवाल सिविल लाइंस थाने पहुंची हालांकि वो इस दौरान लिखित शिकायत दिए बिना वापस लौट गईं।
14 मई, 2024 (मंगलवार)
- घटना को लेकर हंगामा हुआ तो संजय सिंह ने कहा कि बिभव कुमार ने मालीवाल के साथ बदसलूकी की है।
- राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल बिभव कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
15 मई, 2024 (बुधवार)
- स्वाति मालीवाल के घर पहुंचकर संजय सिंह ने उनसे मुलाकात की। उनके साथ दिल्ली महिला आयोग की सदस्य भी थीं।
- दोनों सांसदों के बीच बातचीत की जानकारी बाहर नहीं आई। इसके बाद 3 दिन तक स्वाति मालीवाल ने चुप्पी साधे रखी।
16 मई, 2024 (गुरुवार)
- अरविंद केजरीवाल, अपने पीएम बिभव कुमार को लेकर लखनऊ पहुंचे। वे अखिलेश यादव के साथ नजर आए।
- दिल्ली पुलिस की दो सदस्यीय टीम स्वाति मालीवाल के आवास पर पहुंची और उनका बयान दर्ज किया।
- स्वाति मालीवाल का मेडिकल AIIMS में हुआ। बिभव कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज किया गया।
- मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने साथ हुई मारपीट को सार्वजनिक रूप से बताया।
17 मई, 2024 (शुक्रवार)
- स्वाति मालीवाल की शिकायत पर पुलिस ने बिभव कुमार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रयास, महिला के खिलाफ आपराधिक बल के इस्तेमाल समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया।
- पुलिस स्वाति मालीवाल को लेकर दिल्ली सीएम हाउस ले गई और पूरी घटना का क्राइम सीन भी रिक्रिएट कराया।
- AAP ने घटना में यूटर्न लिया, स्वाति मालीवाल को ही दोषी ठहराया और बिभव कुमार का खुलकर समर्थन किया।
- स्वाति मालीवाल का वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्हें सुरक्षाकर्मियों से बहस करते हुए सुना गया।
18 मई, 2024 (शनिवार)
- स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
- बिभव कुमार ने तीस हजारी कोर्ट अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जो खारिज हो गई है।
- मेडिकल रिपोर्ट में स्वाति के दाहिनी आंख, बाएं पैर, चेहरे और सिर पर चोट लगने की पुष्टि की गई।
- एक और वीडियो सामने आया है। सिक्योरिटी अधिकारी मालीवाल का हाथ पकड़कर उन्हें बाहर निकालते दिखाई दिया।
2 सितंबर, 2024 (सोमवार)
- राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल से मारपीट के आरोपी अरविंद केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी।
केजरीवाल के पीए बिभव कुमार का विवादों से नाता
बिभव कुमार का लंबे समय से विवादों से गहरा नाता रहा है। स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में गिरफ्तारी से पहले उनके खिलाफ दिल्ली विजिलेंस ने एक्शन लेते हुए बर्खास्तगी का फरमान जारी किया था। 2007 के केस में उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई थी। बता दें, बिभव का विवादों से पुराना नाता रहा है। 2007 के मामले के अलावा वर्ष 2017 में उनसे एंटी करप्शन ब्रांच ने कथित टैंकर घोटाले में भी पूछताछ की थी।
2007 में भी बिभव पर लगा था दुर्व्यवहार का आरोप
बिभव कुमार से जुड़ा साल 2007 वाला विवाद उस वक्त सुर्खियों में आया था जब विजिलेंस विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। विशेष सचिव वाईवीवीजे राजशेखर ने पिछले माह 10 अप्रैल, 2024 को एक आदेश पारित किया था, जिसमें 2007 के मामले का हवाला देकर उन्हें बर्खास्त किया गया था। उस मामले में बिभव पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगा था।
बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली।
सरकारी कर्मचारी ने बिभव कुमार पर लगाया था आरोप
बर्खास्तगी के दौरान ये बताया गया था कि वर्ष 2007 में बिभव पर महेश पाल नाम के एक सरकारी कर्मचारी ने ये आरोप लगाया था कि उन्होंने 'उसके काम में बाधा डाली और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।' उस वक्त अपने आदेश में विजिलेंस ने कहा था कि बिभव कुमार के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं।
क्या शराब घोटाले में भी जुड़े हैं बिभव कुमार के तार?
बीते अप्रैल के महीने में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विभव कुमार और आप विधायक दुर्गेश पाठक से पूछताछ की थी। इससे पहले फरवरी में भी ED ने बिभव से पूछताछ की थी और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत उनके बयान दर्ज किए थे।
बिभव कुमार
टैंकर घोटाले को लेकर भी हो चुकी है पूछताछ
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने वर्ष 2017 में कथित टैंकर घोटाले में भी मुख्यमंत्री केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार से पूछताछ की थी। जून 2015 में केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) द्वारा करीब 285 स्टेनलेस स्टील के पानी के टैंकरों की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। सरकार ने जून 2016 में इस कमेटी की एक रिपोर्ट को भेजा और बाद में इस मामले में FIR दर्ज की गई थी। बीते मार्च, 2024 में इससे जुड़ी एक और खबर आई थी कि दिल्ली जल बोर्ड घोटाला मामले में (ED) ने कोर्ट चार्जशीट दाखिल की है।
केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर हमला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को सोमवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने निर्देश दिया कि कुमार को केजरीवाल के निजी सहायक के रूप में बहाल नहीं किया जाएगा और न ही मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई आधिकारिक कार्यभार दिया जाएगा।
स्वाति मालीवाल, बिभव कुमार और अरविंद केजरीवाल।
अदालत ने सभी गवाहों की जांच होने तक कुमार को मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने से भी रोक दिया। बिभव कुमार ने 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया था। बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।
बिभव कुमार को हाईकोर्ट से नहीं मिली थी जमानत
हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि आरोपी "काफी प्रभावशाली" है और उन्हें राहत देने का कोई आधार नहीं बनता है। उसने कहा था कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत दी जाती है , तो गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited