ट्र्ंप को मारने की रची साजिश, अमेरिकी जेल में 14 साल बिताने के बाद अब ईरान में घूम रहा आजाद, जानिए कौन है फरहाद शकेरी?
डोनाल्ड ट्रंप की असफल हत्या की योजना बनाने के आरोपी अफगानिस्तान के फरहाद शकेरी को जेल में समय बिताने के बाद अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया था। 51 वर्षीय शकेरी को डकैती के आरोप में 14 साल की सजा काटने के बाद 2008 में जेल से रिहा कर दिया गया था।
डोनाल्ड ट्रंप
Who is Farhad Shakeri: एफबीआई ने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की ईरानी साजिश को विफल कर दिया है। न्याय विभाग ने शुक्रवार को कहा कि उसने निर्वाचित रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में एक ईरानी नागरिक पर आरोप लगाया और दो अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तार किया। एफबीआई (FBI)ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGS) के 51 वर्षीय सदस्य फरहाद शकेरी पर आरोप लगाया, जिसके बारे में माना जाता है कि वह ईरान में रहता है। इसके अलावा दो आरोपियों कार्लिस्ले रिवेरा (49) और जोनाथन लोडहोल्ट (36) को गुरुवार को न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन और स्टेटन द्वीप से गिरफ्तार किया गया था।
कौन है फरहाद शकेरी?
डोनाल्ड ट्रंप की असफल हत्या की योजना बनाने के आरोपी अफगानिस्तान के फरहाद शकेरी को जेल में समय बिताने के बाद अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया था। 51 वर्षीय शकेरी को डकैती के आरोप में 14 साल की सजा काटने के बाद 2008 में जेल से रिहा कर दिया गया था। न्याय विभाग के अनुसार, इसके बाद वह इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) में शामिल हो गया। शकेरी पर न्यूयॉर्क के दो लोगों स्टेटन द्वीप के 36 वर्षीय जोनाथन लोडहोल्ट और ब्रुकलिन के 49 वर्षीय कार्लिस्ले रिवेरा के साथ मिलकर तेहरान की ओर से एक बड़ी हत्या की साजिश में हिस्सा लेने का आरोप लगाया गया है।
शकेरी की क्राइम कुंडली आई सामने
वर्षों पहले शकेरी एक युवा के रूप में अमेरिका पहुंचा था। हालांकि, एफबीआई ने उनके अमेरिका में आने के वर्ष और उसके निवास का खुलासा नहीं किया है। अभियोग के अनुसार, अमेरिका में जेल में रहने के दौरान वह सह-षड्यंत्रकारियों से मिला। अभियोग में दावा किया गया है कि 1994 में दोषी ठहराए जाने के बाद उसे वुडबॉर्न सुधार केंद्र सहित कई राज्य जेलों में रखा गया था।
शकेरी को 2005 में बीकन सेंटर में ट्रांसफर कर दिया गया था, जब अधिकारियों का दावा था कि उसका यहां पहली बार रिवेरा से मुलाकात हुई थी। शाकेरी 2008 में अपने निष्कासन तक अमेरिका में ही रहा।
न्यूयॉर्क सुधार और सामुदायिक निगरानी विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, शकेरी की पैरोल निगरानी 2015 में खत्म हुई। अभियोग के अनुसार, 92 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती के संबंध में ठीक चार साल बाद उसे श्रीलंका में फिर से हिरासत में लिया गया था।
ईरान के निशाने पर क्यों हैं ट्रंप?
तेहरान ने ईरानी प्रमुख जनरल और कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बदले में ट्रंप के खिलाफ साजिश की योजना बनाई थी। सुलेमानी की हत्या के बाद से ही ट्रंप निशाने पर हैं क्योंकि उन्होंने सत्ता में आने के बाद ईरान को और गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी थी।
शकेरी को ट्रंप को मारने का आदेश केवल एक महीने पहले ही दिया गया था जब अमेरिकियों ने 5 नवंबर को मतदान किया था। रिकॉर्ड की गई फोन बातचीत में उसने एफबीआई को बताया कि दिए गए समय के भीतर ऑपरेशन पूरा करने का उसका कोई इरादा नहीं था। बाद में शाकेरी को योजना स्थगित करने का निर्देश दिया गया क्योंकि ईरान का मानना था कि ट्रंप व्हाइट हाउस की लड़ाई हार जाएंगे और राष्ट्रपति की गुप्त सेवा सुरक्षा के बिना उन तक पहुंचना आसान होगा।
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