कौन है जॉर्ज सोरोस, जिसका नाम लेकर कांग्रेस को घेर रही है BJP
संसद के शीतकालीन सत्र में एक तरफ कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष सरकार को गौतम अडानी के नाम पर घेरने की कोशिश कर रहा है, दूसरी तरफ भाजपा जॉर्ज सोरोस को लेकर कांग्रेस पर हमलावर है। शांभवी कुमारी की इस रिपोर्ट से जानिए आखिर कौन है ये जॉर्ज सोरोस और क्यों भाजपा सोरोस के नाम पर कांग्रेस को घेर रही है।
जॉर्ज सोरोस के नाम पर संसद में भी हंगामा हो रहा है
हंगरी के यहूदी परिवार में जन्मे अमेरिकी अरबपति बिजनेसमैन की चर्चा आखिर भारत में समय-समय पर क्यों होती है? एक बार फिर से भारत की राजनीति में सोरोस का नाम उछला है। सोरोस का नाम लेकर बीजेपी ने हाल ही में कांग्रेस पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा का कहना है कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के संबंध ऐसी संस्था से हैं जो कश्मीर को भारत से अलग करने की दलील देता है। साथ ही कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन (George Soros Foundation) द्वारा फंड किए गए संस्था, फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लिडर्स इन द एशिया पेसेफिक (Forum of Democratic Leaders in the Asia-Pacific- FDL-AP) की को-प्रेसिडेंट हैं। जो कि भारत विरोधी है।
इसके अलावा भाजपा ने कांग्रेस पर दो और गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसमें कहा गया है कि जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की तरफ से राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) को फंडिंग दी गई है। साथ ही राहुल गांधी कई बार ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट का हवाला देकर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। OCCRP को फंड देने वाले समूहों में से एक नाम जॉर्ज सोरोस का भी है। हालाकि, इन आरोपों को कांग्रेस और विपक्षी दलों ने बेबुनियाद बताया है।
ये भी पढ़ें - देश में सबसे ज्यादा 4 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य, जानें चारों एयरपोर्ट के नाम
कौन हैं जॉर्ज सोरोस?
12 अगस्त, 1930 को जॉर्ज सोरोस का जन्म हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के यहूदी परिवार में हुआ। हिटलर के नाज़ी जर्मनी में यहूदियों का जब नरसंहार किया जा रहा था, तब सोरोस बच निकले। बाद में वो कम्यूनिस्ट देश छोड़कर पश्चिमी देश में बस गए। सोरोस ने शेयर मार्केट में पैसे लगाकर करीब 44 अरब डॉलर की कमाई की। साल 1979 में सोरोस ने ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की स्थापना की, जो अब लगभग 120 देशों में काम करती है।
कांग्रेस का सोरोस से क्या है कनेक्शन?
BJP का दावा है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी देश तोड़ने वालों के संपर्क में हैं। राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट की कुर्सी संभाल चुके “सलील शेट्टी” शामिल हुए थे। इसके अलावा राहुल OCCRP संस्था से जुड़े बांग्लादेशी पत्रकार मुश्फिकुल फजल अंसारी से भी मिलते रहे हैं। बीजेपी के अनुसार ओपन सोसाइटी फाउंडेशन OCCRP को फंड करता है, ताकि भारत विरोधी एजेंडा चलाया जा सके।
ये भी पढ़ें - जिस बीकानेर से आते हैं नए RBI गवर्नर, जानें उसे किसने बसाया और नाम कैसे पड़ा
मोदी पर कई बार साध चुके हैं निशाना
अगस्त 2023 में म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में सोरोस का बयान काफी चर्चा में रहा था, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। उनके तेजी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है।” इसके अलावा सोरोस ने CAA, 370 पर भी कई विवादित बयान दिए हैं।
OCCRP क्या है?
OCCRP का जन्म 2006 में हुआ। यह एक इन्वेस्टिगेटिव संस्था है। इसे जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स जैसे कारोबारी और इन्वेस्टर द्वारा फंड किया जाता है। यह संस्था एशिया, यूरोप, अमेरिका, लैटिन अमेरिका में कार्यरत है। OCCRP दुनियाभर में पत्रकारों, मीडिया संस्थानों और नागरिक समाज के साथ मिलकर काम करता है। इसने पनामा पेपर्स, पैराडाइस पेपर्स और अडानी ग्रुप इंवेस्टिगेशन जैसी रिपोर्ट्स प्रकाशित की हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
पत्रकारिता में 5 सालों का सफर पूरा किया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया से टीवी पत्रकारिता में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा करने के बाद, India TV से अपनी शुरु...और देखें
चंद्रयान-4, गगनयान मिशन में अहम होगी ISRO की स्पेस डॉकिंग तकनीक, यह हुनर रखने वाला भारत अब चौथा देश
बंधकों की रिहाई से लेकर इजरायली सैनिकों की वापसी तक, हमास के साथ हुए सीजफायर में आखिर है क्या
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति, आप और बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश
केजरीवाल का 'खेल' बिगाड़ सकता है कांग्रेस का लोकसभा जैसा प्रदर्शन, आक्रामक प्रचार से AAP को होगा सीधा नुकसान
इस बार किधर रुख करेंगे पूर्वांचली वोटर, 22 सीटों पर है दबदबा, AAP, BJP, कांग्रेस सभी ने चला दांव
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited