ऑडी वाली ट्रेनी IAS कैसे बनीं कॉन्ट्रोवर्सी क्वीन? करोड़ों की संपत्ति वाली 'मैडम सर' का है राजनीतिक कनेक्शन; जानें पूरी गाथा
Who is IAS officer Pooja Khedkar: क्या आप जानते हैं कि आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर कौन हैं, जिनकी संपत्ति और नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। उनका राजनीतिक कनेक्शन भी सामने आया है। खेडकर परिवार का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले उनके पिता भी सवालों के घेरे में आ चुके हैं।
IAS पूजा खेडकर की करोड़ों की संपत्ति का सच क्या है?
IAS Pooja Khedkar Full Controversy: सेवा देने आई 'लेडी IAS' अचानक कंट्रोवर्सी क्वीन कैसे बन गई? ये सवाल पूजा खेडकर के लिए उठ रहा है। महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का नाम इस समय काफी चर्चा में है। पूजा खेडकर को अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है। पूजा खेडकर अब वाशिम की कलेक्टर होंगी। क्या आप जानते हैं कि आखिर सारा विवाद क्या है। आपको इस लेख के जरिए समझाते हैं कि IAS पूजा खेडकर का राजनीतिक कनेक्शन क्या है और उनके पिता कौन है?
क्या है IAS पूजा खेडकर की करोड़ों की संपत्ति का सच?
पूजा खेडकर को लेकर कई नए खुलासे सामने आ रहे हैं। उनमें से एक ये जानकारी सामने आई है कि उनके पास अकूत संपत्ति है। पता चला है कि पूजा खेडकर की सालाना कमाई 42 लाख रुपये है। वहीं उनके पास 17 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति है। पूजा की संपत्ति, नियुक्ति और पद का गलत इस्तेमाल करने को लेकर इस समय विवाद खड़ा हो गया हो है।
खेडकर परिवार का ये कोई पहला विवाद नहीं
पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई हैं। खेडकर के खिलाफ पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, खेडकर परिवार का यह पहला मामला नहीं है। उनके पिता और पूर्व सिविल सेवक दिलीप खेडकर पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
क्या है IAS पूजा खेडकर का राजनीतिक कनेक्शन?
पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर एक पूर्व चार्टर्ड अधिकारी हैं। उनका पैतृक गांव नगर जिले के पाथर्डी तालुका में भलगांव है। दिलीप खेडकर ने मैकेनिकल में ग्रेजुएशन किया है। खेडकर ने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में किस्मत आजमाई। उन्होंने वंचित बहुजन अघाड़ी से अहमदनगर लोकसभा चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव में उन्हें 13 हजार 749 वोट मिले।
IAS पूजा के पिता दिलीप खेडकर को जानिए
दिलीप खेडकर ने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास 40 करोड़ की संपत्ति है, तो चर्चा शुरू हुई। इस बात पर राजनीतिक चर्चा होने लगी कि एक चार्टर्ड अधिकारी के पास इतनी संपत्ति कैसे हो सकती है। दिलीप खेडकर की पत्नी डॉ. मनोरमा खेडकर के पिता जगन्नाथ बुधवंत भी एक चार्टर्ड अधिकारी थे। उनका करियर भी विवादास्पद रहा, उन्हें एक बार निलंबित भी किया गया था। दिलीप खेडकर के दो बच्चे हैं, पीयूष खेड़कर और डॉ. पूजा खेडकर। पीयूष खेडकर लंदन में पढ़ाई कर रहे हैं।
देवी को चढ़ाया था डेढ़ किलो वजनी चांदी का मुकुट
दिलीप खेडकर के भाई माणिक खेडकर 5 साल तक बीजेपी के तालुका अध्यक्ष रहे हैं। दिलीप खेडकर ने कहा था कि अगर उन्हें नामांकन मिलता है, तो वह देवी को डेढ़ किलो वजनी चांदी का मुकुट चढ़ाएंगे। खास बात यह है कि उन्होंने अपना वचन निभाते हुए उस प्रतिज्ञा को पूरा किया।
पूजा खेडकर ने यूपीएससी परीक्षा 2021 में उत्तीर्ण की थी। इस परीक्षा में उनकी ऑल इंडिया रैंक 821 थी। सामने आया है कि उन्होंने खुद को दिव्यांग बताया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पास एक याचिका भी दायर की गई है। पूजा का तर्क है कि दिव्यांग अभ्यर्थियों को एससी/एसटी अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्हें भी यही लाभ मिलना चाहिए।
लालबत्ती के अनधिकृत इस्तेमाल की जांच करेगी पुणे पुलिस
पुणे पुलिस विवादास्पद आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पुणे में पदस्थापन के दौरान उनकी निजी कार पर अनधिकृत तौर पर ‘लाल और नीली’ बत्ती लगाने तथा महाराष्ट्र सरकार की ‘नेमप्लेट’ लगाने की गहन जांच करेगी और जरूरी कार्रवाई करेगी। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खेडकर द्वारा इस्तेमाल की गयी ऑडी कार एक निजी कंपनी के नाम से पंजीकृत है और अतीत में इस वाहन के खिलाफ चालान काटे गये हैं।
फर्जी दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र सौंपने का आरोप
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की 32 वर्षीय परिवीक्षाधीन अधिकारी खेडकर ने अलग केबिन और कर्मियों की मांग कर विवाद खड़ा कर दिया था जिसके बाद प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही उनका तबादला पुणे से विदर्भ क्षेत्र के वाशिम में कर दिया गया। उन्होंने बृहस्पतिवार को वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के तौर पर अपना पदभार संभाला। पूजा खेडकर पर ये आरोप भी हैं कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित रूप से फर्जी दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र सौंपे थे।
जब पुणे पुलिस की एक टीम बृहस्पतिवार को यहां पाषाण क्षेत्र में खेडकर के बंगले पर लालबत्ती और वीआईपी नंबर संबंधी उल्लंघन के सिलसिले में ऑडी कार का निरीक्षण करने गई, तो उसे बंगले के द्वार बंद मिले। पुणे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बाद में कहा, 'ऑडी कार से संबंधित कथित उल्लंघन के सिलसिले में मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। पाया गया है कि खेडकर ने जो कार इस्तेमाल की थी, वह एक निजी कंपनी के नाम से पंजीकृत थी।' उन्होंने कहा, 'इस मामले की गहन जांच की जाएगी क्योंकि उनकी निजी गाड़ी पर ‘लाल-नीली’ बत्ती लगायी गयी थी और उस पर ‘महाराष्ट्र शासन’ की नेमप्लेट भी लगी थी। अतीत में उस कार के खिलाफ चालान भी काटे गये थे लेकिन हम उन उल्लंघनों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो गाड़ी से किए गए हैं।'
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