कौन हैं ISS अंतरिक्ष मिशन के लिए चुने गए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला? बनेंगे भारत के सबसे कम उम्र के एस्ट्रोनॉट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को घोषणा की कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को आईएसएस पर भेजे जाने वाले आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए चुना गया है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
Who is Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए भारत-अमेरिका मिशन के लिए अपने नामित अंतरिक्ष यात्रियों को चुन लिया है। इसरो ने शुक्रवार को घोषणा की कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को आईएसएस पर भेजे जाने वाले आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए चुना गया है। आइए जानते हैं उन दो अफसरों के बारे में जिसे इस खास मिशन के लिए चुना गया है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को चुना गयाइसरो ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्रमुख अंतरिक्ष यात्री नामित किया गया है। शुक्ला के साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी होंगे और ये दोनों आगामी आईएसएस मिशन का हिस्सा होंगे। ग्रुप कैप्टन नायर को सुभांशु शुक्ला के बैकअप के रूप में नामित किया गया है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला और नायर भारतीय वायु सेना के अफसर हैं और आगामी बेहद जोखिम वाले अंतरिक्ष मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) द्वारा अमेरिका स्थित अंतरिक्ष इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) के साथ एक अंतरिक्ष उड़ान समझौते के तहत दोनों अफसर ट्रेनिंग लेंगे। ग्रुप कैप्टन शुक्ला और नायर एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा होंगे जहां वे प्राथमिक मिशन पायलट और बैकअप पायलट के तौर पर जिम्मेदारी पूरी करेंगे।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
ग्रुप कैप्टन शुक्ला, जिन्हें हाल ही में प्रमोशन मिला है, उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र, उन्हें 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की लड़ाकू स्ट्रीम में नियुक्त किया गया था। ग्रुप कैप्टन शुक्ला एक फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30एमकेआई, मिग-21, मिग-29, एएन-32, डोर्नियर, हॉक और जगुआर विमान भी उड़ाए हैं।
कारगिल युद्ध से प्रेरित रहे सुधांशु शुक्ला
सुभांशु शुक्ला कारगिल युद्ध की बहादुरी की कहानियों से प्रेरित थे और बाद में सशस्त्र बलों में शामिल हो गए। 1999 में युद्ध छिड़ने पर वह सिर्फ 14 साल के थे और इस ऐतिहासिक घटना ने उनकी भविष्य की महत्वाकांक्षाओं को आकार दिया। 39 साल की उम्र में वह नामित अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने जाने के बाद सबसे कम उम्र के अंतरिक्ष यात्री होंगे।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर?
इस बीच, मिशन के लिए बैक-अप अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर का जन्म 26 अगस्त 1976 को केरल के तिरुवज़ियाड में हुआ था। नायर जो राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भी हैं, एयर फोर्स एकेडमी में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्राप्त कर चुके हैं।
फाइटर स्ट्रीम में कमीशन मिला
वहीं, इस मिशन के लिए बैक-अप अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर का जन्म 26 अगस्त 1976 को केरल के तिरुवजियाड में हुआ था। नायर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भी हैं और, एयर में स्वॉर्ड ऑफ ऑनर के प्राप्तकर्ता हैं। बल अकादमी. 19 दिसंबर 1998 को नायर को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया। उनके पास उड़ान प्रशिक्षक होने की सर्वोच्च उपलब्धि भी है और उनके पास लगभग 3000 घंटे की उड़ान का अनुभव है।
क्या है एक्सिओम मिशन 4?
एक्सिओम मिशन-4 अक्टूबर 2024 में लॉन्च होने वाला है और यह एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित आईएसएस के लिए एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है। मिशन को स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान की मदद मिलेगी। यह फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 लांचर से उड़ान भरेगा। बताया जा रहा है कि यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा। एक्सिओम मिशन-4, एक्सिओम-1, एक्सिओम-2 और एक्सिओम-3 की सफलता के बाद शुरू हुआ है। इसरो, एक्सिओम स्पेस और नासा के बीच यह सहयोग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
शुभांशु शुक्ला के परिजन उनकी कामयाबी से बेहद खुश
लखनऊ में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का परिवार खुशी से फूला नहीं समा रहा है, क्योंकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर भेजे जाने वाले भारत-अमेरिका के अगले मिशन के लिए चुना गया है। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं, कहते हैं कि परिवार घबराया हुआ नहीं है, बल्कि गर्व महसूस कर रहा है। वहीं, मां आशा शुक्ला ने अपने सबसे छोटे बेटे को शांत दिमाग वाला बताया, जो बिना आपा खोए हर स्थिति का सामना करता है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को घोषणा की कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को आईएसएस पर भेजे जाने वाले आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए चुना गया है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में इसरो ने कहा कि उसके मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने आईएसएस के लिए अपने चौथे मिशन के वास्ते अमेरिका के एक्सिओम स्पेस इंक के साथ समझौता किया है और ‘नेशनल मिशन असाइनमेंट बोर्ड’ ने दो गगनयात्रियों-ग्रुप कैप्टन शुक्ला व ग्रुप कैप्टन नायर के नाम की सिफारिश की है।
इसरो ने कहा कि शुक्ला के नाम की सिफारिश प्राथमिक अंतरिक्ष यात्री के रूप में की गई है और नायर उनके 'बैकअप' होंगे। शुक्ला और नायर उन चार अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं, जिनके नाम की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 27 फरवरी को भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए की थी। दो अन्य पायलट ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप हैं। इसरो की शुक्रवार की घोषणा के बाद लखनऊ में शुक्ला परिवार के घर पर जश्न का माहौल है। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, हम बहुत खुश हैं और शुभांशु की उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं। हम भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि मिशन सफल हो, जिसे लेकर हमें पूरा भरोसा भी है। देश के लोग भी अपना आशीर्वाद बरसा रहे हैं। (भाषा इनपुट के साथ)
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