Sarvan Singh Pandher: कौन हैं सरवन सिंह पंढेर? जिनकी एक आवाज पर दिल्ली बॉर्डर पर इकट्ठा हो गए हजारों किसान

Kisan Andolan Leader Sarvan Singh Pandher: कृषि कानूनों के खिलाफ जो आंदोलन हुआ था, उसे राकेश टिकैत ने लीड किया था। हालांकि, इस बार वो गायब हैं और माझा के किसान नेता सरवन सिंह पंढेर पूरे आंदोलन के अगुआ बने हुए हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में...

Sarvan Singh Pandher.

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर

Kisan Andolan Leader Sarvan Singh Pandher Biography(सरवन सिंह पंढेर जीवन परिचय ): कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में हुए किसान आंदोलन में राकेश टिकैट प्रमुख चेहरा थे। उन्होंने ही पूरे किसान आंदोलन को लीड किया था। वो राकेश टिकैट ही थे, जिनको टीवी पर रोता हुआ देखकर हजारों किसान रातों-रात दिल्ली के लिए कूच कर गए थे। हालांकि, इस बार हो रहे किसान आंदोलन से राकेश टिकैट गायब हैं। फिर इस ट्रैक्टर परेड को कौन लीड कर रहा है? किसके इशारे पर हजारों किसान दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं? चलिए आपको इस नेता से मिलवाते हैं...
किसानों के इस दिल्ली मार्च को किसान आंदोलन 2.0 कहा जा रहा है, क्योंकि किसान उसी पुराने पैटर्न पर दिल्ली पहुंच रहे हैं, जैसे 2020-21 में पहुंचे थे। हालांकि, इस बार किसान आंदोलन का चेहरा अलग है। पूरे आंदोलन को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर लीड कर रहे हैं। वही मुख्य भूमिका में भी दिखाई दे रहे है और किसान आंदोलन की पटकथा लिखने में भी वही आगे रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार के साथ बातचीत में शामिल किसानों की कमेटी में भी सरवन सिंह पंढेर शामिल रहे हैं।

सरवन सिंह पंढेर: पंजाब माझा के किसान नेता

सरवन सिंह पंढेर पंजाब के अमृतसर के रहने वाले हैं और माझा के किसान संगठन किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव भी हैं। किसान संघर्ष कमेटी से अलग होकर सतनाम सिंह पन्नू ने 2007 में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का गठन किया था। पंढेर इसी संगठन का बड़ा चेहरा बन चुके हैं। करीब 45 साल के सरवन सिंह पंढेर किसानों के हितों के लिए मुखर रहे हैं, यही वजह है कि किसानों के बीच उनकी एक अलग जगह है। बीते किसान आंदोलन के दौरान उन पर दिल्ली में हिंसा भड़काने का भी आरोप लगा था।

सरवन सिंह पंढेर पंजाब शिक्षा: 10वीं तक की है पढ़ाई

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने 10वीं तक ही पढ़ाई की है, इसके बाद वे खेती-किसानी से जुड़ गए। जानकारी के मुताबिक, अपने छात्र जीवन के दौरान भी वे आंदोलनों में शामिल रहे हैं और अपनी बात को मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं। वे अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के करीबी भी रह चुके हैं, इसके अलावा पंढेर के पास करीब सवा दो एकड़ जमीन भी है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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