कौन हैं भर्तृहरि महताब जिन्हें बनाया गया प्रोटेम स्पीकर, कांग्रेस क्यों उठा रही सवाल?
25 वर्षों से अधिक समय तक संसद सदस्य के रूप में कार्य करने वाले भर्तृहरि महताब, डॉ. हरेकृष्ण महताब के पुत्र हैं, जो कांग्रेस के सदस्य थे और दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री भी रहे।
भृर्तहरि महताब के बारे में जानिए
Who is Bhartruhari Mahtab: भारतीय जनता पार्टी के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष यानी प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को महताब को अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त किया गया है। 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्य प्रोटेम स्पीकर के समक्ष शपथ लेंगे। इनकी सहायता कांग्रेस नेता के सुरेश, डीएमके नेता टीआर बालू, भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और और टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय का एक पैनल करेगा।
कौन हैं नए लोकसभा प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब?कटक निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य महताब लोकसभा में सबसे वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं और अब तक सात बार चुनाव जीत चुके हैं। भर्तृहरि महताब ओडिशा की कटक सीट से सांसद हैं और राज्य के एक प्रमुख राजनेता हैं। महताब सात बार सांसद चुने गए हैं, उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से 57,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की है। इससे पहले, भाजपा नेता बीजू जनता दल (बीजेडी) के सदस्य थे और इस पार्टी के साथ छह बार आम चुनाव जीता। 2024 के आम चुनाव से कुछ समय पहले महताब भाजपा में चले गए।
25 वर्षों से अधिक समय तक संसद सदस्य के रूप में कार्य करने वाले भर्तृहरि महताब, डॉ. हरेकृष्ण महताब के पुत्र हैं, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और 1947 में स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। डॉ. हरेकृष्ण महताब दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रह चुके थे। भर्तृहरि महताब को एक सांसद के रूप में उनकी उत्कृष्ट भूमिका के लिए 2017 में उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार और 2017, 2018, 2019 और 2020 में संसद रत्न पुरस्कार मिल चुका है। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। नवनिर्वाचित सदस्य 24-25 जून को शपथ लेंगे। अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है।
कांग्रेस क्यों उठा रही सवाल
वहीं, कांग्रेस महताब के चयन पर सवाल उठा रही है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि संसदीय मानदंडों को नष्ट करने के एक और प्रयास के तहत भर्तृहरि महताब को कोडिकुनिल सुरेश जगह लेते हुए लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सुरेश बतौर सांसद अपने अपने आठवें कार्यकाल में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा, यह एक निर्विवाद मानदंड है कि अध्यक्ष के विधिवत चुनाव से पहले सबसे वरिष्ठ सांसद सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करता है। यह हमारी पार्टी के लिए बेहद गर्व की बात है कि समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्ग के नेता के सुरेश ने आठ बार सांसद रहने की यह उपलब्धि हासिल की है। वहीं, जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि उसने के सुरेश को नज़रअंदाज क्यों किया, वह कौन सा कारण था जिसने उन्हें इस पद से अयोग्य ठहराया? क्या इस निर्णय को प्रभावित करने वाले कुछ गहरे मुद्दे हैं, शायद सिर्फ योग्यता और वरिष्ठता से परे?
कांग्रेस के कोडिकुनिल सुरेश 8 बार के सांसदकांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार, जिस सांसद ने अधिकतम कार्यकाल पूरा किया है, उसे पहले दो दिन के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है, जब सभी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि 18वीं लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद कोडिकुनिल सुरेश (कांग्रेस) और वीरेंद्र कुमार (भाजपा) हैं, दोनों अब अपना आठवां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। कुमार अब केंद्रीय मंत्री हैं और इसलिए यह उम्मीद थी कि कोडिकुनिल सुरेश अस्थायी अध्यक्ष होंगे।
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