कौन हैं आर सी पी सिंह? जिन्होंने पहले नीतीश कुमार को दिया गच्चा, अब भाजपा छोड़ बनाई अपनी नई पार्टी; जानें 5 खास बातें

RCP Singh Profile: कभी नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओं में शुमार रहने वाले जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आर सी पी सिंह ने पहले जेडीयू छोड़कर भाजपा का रुख किया। अब उन्होंने भाजपा से भी अपना नाता तोड़ लिया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी छोड़ "आप सबकी आवाज" नामक एक नई पार्टी बनाई है। आपको बताते हैं कि आखिर आर सी पी सिंह कौन हैं।

RCP Singh Profile

RCP सिंह ने बनाई अपनी नई पार्टी।

Who is RCP Singh: आरसीपी सिंह ने पहले नीतीश कुमार का साथ छोड़ा था और अब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भी कन्नी काट ली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आर सी पी सिंह ने भाजपा छोड़ ‘आप सब की आवाज (एएसए)’ नामक नई पार्टी बनाने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। भाजपा छोड़ चुके सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो बार चर्चा की और उनकी सराहना की। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की आज जयंती है। मैं अपने सभी साथियों की ओर से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को उनकी (पटेल की) जयंती के 150वें वर्ष को पूरे एक साल तक मनाये जाने की घोषणा के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।'

दीपावली के अवसर पर लॉन्च की नई पार्टी

उन्होंने दीपावली का जिक्र करते हुए कहा, 'मैंने अपनी पार्टी का नाम आप सबकी आवाज रखा है।' RCP सिंह ने कहा, 'बिहार विधानसभा की कुल 243 सीट हैं। हमारे 140 साथियों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।' उन्होंने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की कथित बदतर हालत, राष्ट्रीय तुलना में प्रदेश में काफी कम प्रति व्यक्ति आय और शराबबंदी के निर्णय को लेकर प्रदेश को हो रहे राजस्व की हानि को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशान साधा। नौकरशाह से नेता बने सिंह ने जदयू के साथ अपने रिश्ते के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने कभी जदयू की अगुवाई की थी। सालभर पहले ही वह भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन कथित तौर पर वह वहां हाशिये पर रहे।

कभी भाजपा के इतने करीब थे आरसीपी सिंह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद के सदस्य रह चुके जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह ने साल 2023 में भाजपा का दामन थामा था। पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी महासचिव अरुण सिंह और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की मौजूदगी में आरसीपी सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।

आरसीपी सिंह से जुड़ी 5 अहम बातें

आरसीपी सिंह मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी यहीं से हैं। आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार दोनों ही कुर्मी समाज से ही आते हैं। आरसीपी सिंह को नीतीश का बेहद करीबी माना जाता रहा है। एक वक्त था जब उन्हें जेडीयू में नंबर 2 का दर्जा हासिल था। वर्ष 2020 में जेडीयू अध्यक्ष बनने से पहले वो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे।

सियासत में कदम रखने से पहले आरसीपी सिंह यूपी कैडर के आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। वर्ष 1996 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री थे तो उन दिनों आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव हुआ करते थे, यही दौर था जब नीतीश की नजर आरसीपी पर पढ़ी थी और जब नीतीश को रेल मंत्रालय मिला तो उन्होंने आरसीपी सिंह को अपना विशेष सचिव बनाया।

नीतीश कुमार जब वर्ष 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने आरसीपी सिंह को दिल्ली से बिहार बुला लिया। उस वक्त नीतीश ने आरसीपी सिंह को अपना प्रधान सचिव नियुक्त किया और यही दौर था जब आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में अपना प्रभाव जमा लिया और अपनी पकड़ लगातार मजबूत कर लिया।

वर्ष 2010 तक नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के तौर पर आरसीपी सिंह कार्यरत रहे. इसके बाद समय से पहले ही उन्होंने 2010 में आईएएस की सेवा से रिटायरमेंट ले लिया। नीतीश कुमार ने इसके बाद उन्हें राज्यसभा भेज दिया। हालांकि वर्ष 2015 में जब नीतीश और लालू एक दूजे के हुए और प्रशांत किशोर (पीके) की अहमियत नीतीश के लिए बढ़ने लगी, उस दौरान आरसीपी सिंह हाशिये पर आ गए थे।

वर्ष 2016 में नीतीश कुमार ने दोबारा आरसीपी सिंह पर भरोसा जताया और उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजा। 2019 में नीतीश और पीके के बीच दरार बढ़ी तो आरसीपी सिंह के लिए ये लड़ाई संजीवनी साबित हुई और प्रशांत किशोर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। एक बार फिर जेडीयू में आरसीपी सिंह का वर्चस्व बढ़ने लगा और उन्हें जेडीयू की कमान सौंप दी गई। ये फैसला करना नीतीश के लिए मुश्किल था कि ललन सिंह या आरसीपी सिंह?

साल 2022 के अगस्त में जदयू से दिया था इस्तीफा

कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में शुमार रहे आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जदयू से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा से नजदीकियों के चलते जदयू ने उन्हें दोबारा राज्यसभा भी नहीं भेजा। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री का पद भी गंवाना पड़ा था।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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