कांग्रेस की राह का कौन बना रोड़ा? क्या 3 राज्यों की वजह से टूट जाएगा INDIA गठबंधन...समझिए

Lok Sabha Elections: तीन राज्य ऐसे हैं जहां सीट बंटवारे को लेकर आम सहमति बनती नहीं दिख रही है। पंजाब और बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टियों ने अकेले चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। वहीं महाराष्ट्र में उद्धव गुट ने जितनी सीटों की मांग की है, उस पर कांग्रेस राजी नहीं है।

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किसने बिगाड़ा कांग्रेस का प्लान

Lok Sabha Elections: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे की राह आसान नहीं होने वाली है। भले ही गठबंधन के नेता सबकुछ ठीक होने की बात कर रहे हों और जल्द ही सीट शेयरिंग को लेकर बैठने वाले हों, लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है। दरअसल, तीन राज्य ऐसे हैं जहां सीट बंटवारे को लेकर आम सहमति बनती नहीं दिख रही है। ऐसे में कांग्रेस के लिए एक कठिन काम लगता है।
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अकेले चुनाव लड़ने पर जोर दिया है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) ने 23 सीटों की मांग कर दी है, जिस पर कांग्रेस और राकांपा के बीच सहमति नहीं है।

पश्चिम बंगाल का हाल

टीएमसी मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को घोषणा की कि टीएमसी 2024 का लोकसभा चुनाव राज्य में अकेले लड़ेगी, जबकि इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर मौजूद रहेगा। उन्होंने कहा है कि बंगाल में केवल टीएमसी ही भाजपा को सबक सिखा सकती है। ममता बनर्जी के बयानों से स्पष्ट है कि टीएमसी आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व किसी अन्य पार्टी के साथ सीट बंटवारा नहीं करने जा रही है। बता दें, पश्चिम बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 42 में से अकेले 22 सीटों पर जीत हासिल की थी।

महाराष्ट्र में भी कठिन है राह

महाराष्ट्र का रुख करें तो यहां उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 23 लोकसभा सीटों की मांग की है। हालांकि, कांग्रेस ने शिवसेना की मांग खारिज कर दी है। उधर, शिवसेना ने अपने दावे को मजबूत करते हुए कहा है कि पार्टी हमेशा से 23 सीटों पर चुनाव लड़ती आ रही है। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों की बात करें तो शिवसेना दो फाड़ हो चुकी है और अधिकांश सदस्य एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना के साथ हैं। ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि उद्धव गुट की मांग अधिक है ऐसे में पार्टियों के बीच समायोजन की जरूरत है। बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। 48 सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट और एनसीपी को 4 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा ने 23 सीटें और शिवसेना ने 18 सीटें जीतीं थीं।

पंजाब में 'आप' का रोड़ा

इसी तरह पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी भी लोकसभा चुनाव में सीटों पर बंटवारा नहीं करना चाहती है। दरअसल, 17 दिसंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के बठिंडा में रैली की थी। इस दौरान केजरीवाल ने लोगों से 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 13 सीटों पर आम आदमी पार्टी को वोट देने की अपील की थी। इससे तय हो गया है कि सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस की दाल यहां भी आसानी से गलने वाली नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, 13 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने आठ सीटें जीतीं और AAP केवल एक सीट हासिल करने में सफल रही।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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