अचानक से यूपी की राजनीति में राजा भैया की बढ़ गई कीमत, सपा से लेकर बीजेपी तक डाल रही डोरे; समझिए सियासी गणित

Raja Bhaiya: बीजेपी अगर यूपी में राज्यसभा चुनाव में 10वीं सीट के लिए उम्मीदवार नहीं उतारती तो सपा आराम से जीत जाती। सपा की सहयोगी पार्टी अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने दो टूक में कह दिया है वो सपा उम्मीदवार बच्चन और रंजन को वोट नहीं देगी।

राजा भैया के ऊपर सपा और बीजेपी दोनों डाल रहे हैं डोरे

Raja Bhaiya: कहा जाता है कि राजनीति में कब किसकी वैल्यू बढ़ जाए पता नहीं। छोटी पार्टियों को लेकर यूपी में यही देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव की शोर के बीच देश में राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं। राज्यसभा की 56 सीटों में से 41 पर उम्मीदवार निर्विरोध जीत चुके हैं। अब 15 सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग होनी है। यूपी में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। यहां 10 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं। जिसमें से सात पर बीजेपी और 3 पर सपा जीत सकती थी, लेकिन बीजेपी ने 8वां उम्मीदवार उतार कर 10वीं सीट के लिए लड़ाई को उलझा दिया है। जिसके कारण जनसत्ता पार्टी के बाहुबली नेता राजा भैया का महत्व बढ़ गया है।

सपा के लिए दोहरी मुसीबत

बीजेपी अगर यूपी में राज्यसभा चुनाव में 10वीं सीट के लिए उम्मीदवार नहीं उतारती तो सपा आराम से जीत जाती। सपा की सहयोगी पार्टी अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने दो टूक में कह दिया है वो सपा उम्मीदवार बच्चन और रंजन को वोट नहीं देगी। पल्लवी पटेल के वोट हटा दें तो सपा के पास 107 विधायकों का समर्थन है, क्योंकि इरफान सोलंकी को वोट देने की अनुमति नहीं मिली है। कांग्रेस के दो विधायक मिलाकर 109 वोट होते हैं। अब अगर तीसरी सीट निकालनी है तो 111 प्रथम वरीयता के वोट चाहिए, क्योंकि यूपी में एक राज्यसभा सीट के लिए 37 वोटों की जरूरत है। सपा की नजर राजा भैया और रालोद के उन 3 विधायकों पर है, जो अखिलेश यादव के करीबी माने जाते रहे हैं।
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