पाकिस्तान में 'इमरान' और बांग्लादेश में 'हसीना', दोनों देशों में तख्तापलट के पीछे क्यों आ रहा अमेरिका का नाम?

Bangladesh Political Crisis: शेख हसीना सरकार ने कुछ महीने पहले कहा था कि उन पर एक विदेशी मुल्क से 'एयरबेस' के लिए दबाव बनाया जा रहा है। अगर मैं ऐसा नहीं करती हूं तो मेरी सरकार हमेशा संकट में रहेगी। बीते साल पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे। उन्होंने सीधे तौर पर कहा था कि उन्हें हटाने के लिए अमेरिका की ओर से दबाव बनाया जा रहा है।

बांग्लादेश संकट।

Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश हिंसा की आग में धधक रहा है। यहां शेख हसीना सरकार का तख्ता पलट हो चुका है। हालात इतने नाजुक हैं कि प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया और शेख हसीना को मुल्क छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी । शेख हसीना के इस्तीफे और मुल्क में हुए इस तख्तापलट के पीछे अमेरिका का नाम भी सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि शेख हसीना जैसी मजबूत शख्सियत को हटाने की पूरी प्लानिंग अमेरिका में हुई थी। हालांकि, यह कितना सच है यह तो वक्त ही बताएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शेख हसीना ने कुछ दिन पहले इशारों ही इशारों में इसका जिक्र भी किया था। शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने भी इस तख्तापलट के पीछे अमेरिका पर शक जताया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका पर इस तरह के आरोप लगे हैं। पिछले साल पाकिस्तान में इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के पीछे भी अमेरिका का ही नाम सामने आया था। इमरान खान ने खुद आरोप लगाए थे कि उन्हें हटाने के पीछे अमेरिका का हाथ था। आइए जानते हैं पिछले साल पाकिस्तान में ऐसा क्या हुआ था? अमेरिका पर क्या आरोप लगे थे? अब बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे अमेरिका का नाम क्यों आ रहा है?

पाकिस्तान में क्या हुआ था?

इसकी कहानी रूस-यूक्रेन युद्ध से शुरू होती है। जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान रूस की ऐतिहासिक यात्रा पर थे। पुतिन और इमरान खान की मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई थीं। इस दौरे से अमेरिका बहुत नाराज हुआ था। इसके बाद से ही इमरान खान को सत्ता से बाहर करने की पटकथा लिखी जाने लगी थी। खुद इमरान खान ने अपनी कई सभाओं में इस बात का जिक्र किया था कि अमेरिका उन्हें सत्ता से हटाने के लिए सेना पर दबाव बना रहा है। आखिर वही हुआ, पाकिस्तान की संसद में इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसके बाद उनकी सरकार गिर गई। माना जाता है कि पाकिस्तानी सेना के दबाव में कई सांसदों ने इमरान खान के विरोध में मतदान किया था।

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