जब उप राष्ट्रपति ने कृषि मंत्री चौहान की मौजूदगी में ही सरकार पर दागे सवाल, पूछा-किसानों के मुद्दे पर हम कुछ नहीं कर रहे

Jagdeep Dhankhar : दरअसल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के किसान जमीन अधिग्रहण और उचित मुआवजे की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। एमएसपी सहित उनकी अन्य मांगें भी हैं। इन मांगों को लेकर ये सोमवार को महामाया फ्लाईओवर के पास एकत्र होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें दलित प्रेरणा स्थल के पास रोक लिया जिसके बाद किसान वहीं धरने पर बैठ गए।

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़।

Jagdeep Dhankhar : किसान एक बार फिर सड़क पर हैं। बीते सोमवार को इन्होंने नोएडा से दिल्ली कूच की तैयारी की, लेकिन अलर्ट मोड में आए प्रशासन और पुलिस ने ने इन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। प्रशासन के समझाने-बुझाने पर किसानों ने अपने तेवर थोड़े नरम किए और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सात दिनों का समय दिया। किसानों ने कहा है कि उनकी मांगें यदि पूरी नहीं हुईं तो वे फिर दिल्ली की तरफ बढ़ना शुरू करेंगे। फिलहाल, सरकार क थोड़ी मोहलत तो जरूर मिल गई है लेकिन इस बीच उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का ऐसा बयान आया जिससे विपक्ष फ्रंटफुट पर आ गया। किसानों को लेकर उप राष्ट्रपति धनखड़ ने जो बातें कहीं हैं, उससे सरकार पर सवाल खड़े हुए हैं। धनखड़ का बयान सरकार को आईना दिखाने वाला और जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की याद दिलाने वाला है। मलिक और धनखड़ दोनों ही जाट नेता हैं और दोनों ने अपने बयानों से भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं।

सत्यपाल मलिक ने पीएम को अहंकारी बताया था

पहले बात सत्यपाल मलिक की। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद पर से हटने के बाद किसानों के मुद्दे पर सत्यपाल मलिक ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्हें अहंकारी तक बता डाला था। मलिक का कहना था कि वह किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी से चर्चा करने के लिए गए थे लेकिन उनकी पीएम मोदी से लड़ाई हो गई। मलिक ने जयपुर की एक सभा में कहा था कि वह जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया, तो उनसे मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई। वो बहुत घमंड में थे। यही नहीं, इसके बाद ऐसे कई मौके आए जब मलिक ने अपने बयानों से भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कीं।

'किसानों से किया वादा क्या हमने निभाया?'

अब दूसरे जाट नेता ने किसानों पर बयान देकर भाजपा पर एक तरह से नैतिक दबाव बना दिया है। आइए जानते हैं कि किसान आंदोलन को लेकर धनखड़ ने कहा क्या है। मुंबई में केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि किसान संकट में हैं और आंदोलन कर रहे हैं। यह स्थिति देश के लिए अच्छी नहीं है। धनखड़ ने कहा कि सरकार को आत्मावलोकन की आवश्यकता है। खास बात यह है कि धनखड़ जब बोल रहे थे तो वहां कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। उपराष्ट्रपति ने पूछा कि आखिरकार किसानों से वार्ता क्यों नहीं हो रही है? क्या किसानों से कोई वादा किया गया था? और वह वादा क्यों नहीं निभाया गया? हम वादा पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं? पिछले साल भी आंदोलन था, इस साल भी आंदोलन है, और समय जा रहा है, लेकिन हम कुछ नहीं कर रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि कृषि मंत्री जी, मुझे तकलीफ हो रही है। मेरी चिंता यह है कि अब तक यह पहल क्यों नहीं हुई। आप कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। जाहिर है कि धनखड़ के इस तेवर और तल्खी की उम्मीद कृषि मंत्री चौहान नहीं कर रहे होंगे।

End Of Feed