अखिलेश यादव ने पुलिस को क्यों कह दिया डाकू? रोजाना हो रही 15 लाख की वसूली; जानें क्या है पूरा विवाद

Akhilesh Yadav vs Police: उत्तर प्रदेश पुलिस को डाकू की उपाधि देकर अखिलेश यादव ने एक नए सियासी विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने ये दावा किया कि पुलिस हर दिन 15 लाख वसूल रही है। क्या आप जानते हैं कि आखिर अखिलेश ने ऐसा क्यों कहा? ये विवाद बिहार-बलिया बॉर्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली से जुड़ा है।

अखिलेश यादव vs योगी आदित्यनाथ।

UP Politics: क्या यूपी में पुलिस डाकू बन चुकी है, क्या यूपी पुलिस वसूली करती है, क्या यूपी पुलिस एनकाउंटर का रेट तय करती है? ये सवाल हम नहीं उठा रहे हैं, उत्त प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस आरोप की वजह किसी से नहीं छिपी है। दरअसल, एक दिन पहले ही बिहार-बलिया बॉर्डर पर पुलिस के वसूली गैंग का पर्दाफाश हुआ, जिसके अगले ही दिन अखिलेश यादव ने सरकार और पुलिस को निशाना बनाया और कई बड़े दावे कर दिए। आपको इस लेख में समझाते हैं कि आखिर ये सारा माजरा क्या है।

अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस को बताया डाकू

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने शुक्रवार (26 जुलाई, 2024) को ये दावा किया कि 'यूपी में पुलिस की वसूली से परेशान हैं ट्रक ड्राइवर से लेकर व्यापारी। भाजपा राज में क्या यही है ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ का काला चेहरा। उप्र में तथाकथित डबल इंजन की सरकार में जनता डबल भ्रष्टाचार का शिकार हो रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता, भाजपा राज में जिस अभूतपूर्व भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं, ऐसे समाचार उनके दावे के हलफनामे हैं।'

अखिलेश ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेस किया और कहा कि पुलिस ही डाकू बन गई है। हर दिन 15 लाख वसूल रही है। सपा अध्यक्ष यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि एनकाउंटर का रेट तय करती है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में हत्या हुई, उसमें बीजेपी के लोग शामिल हैं। अखिलेश यादव ने ये भी दावा किया है कि M-Y यानी मोदी-योगी को हराने के लिए सपा ने रणनीति बदली और PDA बनाया है। पी में सांप्रदायिकता का दीया बुझने से पहले फड़फड़ा रहा है।

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