कैसा है F-35 फाइटर जेट, जिसकी डील की खबर से ही चीन-पाकिस्तान की उड़ गई है नींद, भारत के लिए कितना जरूरी

भारत इस समय ऐसे लड़ाकू विमान की तलाश में जो स्टील्थ हो, जिससे चीन और उसके दुलारे पाकिस्तान को आसानी से चुनौती दी जा सके। चीन खुद का स्टील्थ विमान बना चुका है, वो पाकिस्तान को भी स्टील्थ विमान दे रहा है। ऐसे में भारत के F-35 के आने से हमारी वायुसेना और मजबूत होगी।

f 35.

F-35 से भारत को कितना फायदा (फोटो-lockheed martin)

पीएम मोदी इस बार जब अमेरिका गए तो एक ऐसी डील पर बात आगे बढ़ी, जिसपर चीन से लेकर पाकिस्तान तक बेचैन हो उठेगा। पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान अमेरिका, भारत के साथ उस फाइटर प्लेन की डील करने के लिए तैयार हो गया है, जिसे रडार की नजर में आना काफी मुश्किल माना है, हमले की क्षमता ऐसी कि दुश्मन को भनक भी न लगे और अटैक हो जाए। भारत अमेरिका से एफ 35 (F-35) फाइटर जेट खरीदने जा रहा है। एफ-35 कई खूबियों से लैस है, जिसमें उसका स्टील्थ होना भी शामिल है। अमेरिकी सेना और अन्य देशों द्वारा अपनी वायु सेनाओं में शामिल किया गया है और यह दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक है।

ये भी पढ़ें- जिस एयर टर्बूलेंस के कारण हवा में ही हिचकोले खाने लगता है प्लेन, जानिए वो कितना है खतरनाक, क्या विमान भी हो सकता है क्रैश?

स्टील्थ विमान किसे कहा जाता है?

स्टील्थ विमान को रडार, इन्फ्रारेड और अन्य प्रकार के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से बचने के लिए डिजाइन किया जाता है। हालांकि रडार से पूरी तरह से बचना मुश्किल है लेकिन यह विमान अन्य प्लेन के मुकाबले रडार की पकड़ में मुश्किल से आते हैं। एफ-35 ऐसा ही एक स्टील्थ प्लेन है जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने डेवलप किया है। विमान का आकार रडार एनर्जी को सोर्स से दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है, जैसे कि एक तिरछा दर्पण। इसकी सतह को भी मिश्रित और चिकना किया गया है ताकि रडार ऊर्जा आसानी से इससे प्रवाहित हो सके - ठीक वैसे ही जैसे पानी चिकनी सतह पर बहता है।

एफ-35 लड़ाकू विमान की खासियत

एफ-35 (F-35) एक अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जिसे लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित किया गया है। यह विमान खास तौर पर अपनी स्टील्थ (चुपके) तकनीक, उच्चतम तकनीकी विशेषताओं और मल्टी-रोल क्षमताओं के लिए जाना जाता है।

  • स्टील्थ तकनीक
एफ-35 का डिज़ाइन इस प्रकार है कि यह रडार से बचने की क्षमता रखता है, जिससे यह दुश्मन के रडार पर नजर नहीं आता और इसके हमले के खतरे को कम करता है।
  • मल्टी-रोल क्षमता
एफ-35 को एक बहु-भूमिका विमान के रूप में डिजाइन किया गया है। यह हवा से हवा, हवा से ज़मीन, और इंटेलिजेंस गेदरिंग जैसे कई प्रकार के मिशनों को अंजाम दे सकता है।
  • उन्नत एवियोनिक्स
इसमें अत्याधुनिक रडार और सेंसर सिस्टम लगे होते हैं, जो पायलट को जटिल युद्धक्षेत्र में भी अधिक सटीकता और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  • सुपरक्रूज
एफ-35 विमान सुपरसोनिक गति (मच 1 से अधिक) पर बिना थ्रस्ट वेक्टर के उड़ान भर सकता है, जिससे यह अपनी गति बनाए रखते हुए हवा में आगे बढ़ सकता है।
  • वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (F-35B)
एफ-35 का विशेष संस्करण F-35B वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (VTOL) की क्षमता रखता है, जिससे यह कम जगह में भी उड़ान भर सकता है और उतर सकता है। यह खास तौर पर समुद्री जहाजों से उड़ान भरने और उतरने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इंटीग्रेटेड कम्युनिकेशन और नेटवर्किंग
एफ-35 एक उन्नत नेटवर्क से जुड़ा होता है, जिससे यह जमीनी, आकाशीय और समुद्री बलों के साथ बेहतर तरीके से समन्वय कर सकता है।
  • फ्यूचर-प्रूफ डिजाइन
एफ-35 को भविष्य में नए हथियारों और सिस्टम को जोड़ने के लिए तैयार किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक सेवा में रह सकता है।

भारत के लिए एफ-35 कितना जरूरी

भारत इस समय दो मोर्चों पर तनाव झेल रहा है, एक तरफ पाकिस्तान है तो दूसरी तरफ चीन। ऐसे में वायुसेना को मजबूत होना काफी जरूरी है। भारतीय वायुसेना राफेल के आने के बाद से मजबूत तो हुई है, लेकिन उसे चीन की बराबरी करने के लिए एक ऐसे विमान की जरूरत है, जो स्टील्थ हो, बेहतरीन अटैकर हो और अत्याधुनिक तकनीक से लैस हो। चीन, पाकिस्तानी वायुसेना को जे-35 ए दे रहा है, जो कि स्टील्थ से लैस है। यानि भारत के दोनों दुश्मन के पास स्टील्थ होगा और भारत के पास नहीं, तो जंग में भारत पिछड़ सकता है।

  • भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों से सुरक्षा खतरे हैं। एफ-35 की मल्टी-रोल क्षमता और उच्चतम तकनीकी विशेषताएं भारत को इन देशों के मुकाबले युद्ध में बढ़त दिला सकती हैं। चीन के पास पहले से ही आधुनिक लड़ाकू विमान हैं, जैसे कि J-20, और पाकिस्तान के पास भी एफ-16 और अन्य आधुनिक विमान हैं, जिससे भारत को तकनीकी दृष्टि से बराबरी पर रहने की आवश्यकता है।
  • एफ-35B संस्करण की वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग क्षमता भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर जब इसे समुद्र में स्थित एयरक्राफ्ट कैरियर्स से ऑपरेट किया जाए। यह क्षमता भारत को अपने समुद्री क्षेत्र में अधिक नियंत्रण और ताकत प्रदान करेगी।
  • एफ-35 को हवा से हवा, हवा से जमीन, और इंटेलिजेंस गेदरिंग जैसे विभिन्न मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मतलब है कि भारत के पास एक ही विमान के साथ विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन करने की क्षमता होगी, जो युद्ध क्षेत्र में उसकी लचीलापन और प्रभावशीलता बढ़ाएगा।
  • एफ-35 में नए प्रकार के हथियार, जैसे कि अत्याधुनिक मिसाइलें और बम, लगाए जा सकते हैं। यह विमान आने वाले दशकों तक भारत को आधुनिक युद्ध परिस्थितियों में प्रभावी बनाए रखेगा।
  • एफ-35 जैसी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी भारतीय वायु सेना को एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान कर सकती है। यह विमान भारतीय सुरक्षा रणनीतियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर भारत को भविष्य में किसी उच्च-स्तरीय सैन्य संघर्ष का सामना करना पड़े।

भारत का वायुसेना मानी जाती है काफी खतरनाक

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बाद, खासकर लद्दाख में। एफ-35 जैसी उन्नत स्टील्थ और मल्टी-रोल विमान क्षमता के साथ भारत अपनी सुरक्षा स्थिति को और मजबूत कर सकता है, जो किसी भी संभावित संघर्ष में निर्णायक साबित हो सकता है। हालांकि भारत की वायु सेना के पास पहले से ही सुखोई-30MKI, राफेल, और तेजस जैसे सक्षम विमान हैं, जो काफी खतरनाक हैं, भारतीय वायुसेना के पास 4 जंगों का अनुभव भी है, जिसके कारण वो काफी खतरनाक मानी जाती है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited