हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन पर ही क्यों खेला दांव, ये फैसला कैसे साबित हो सकता है मास्टरस्ट्रोक?

हेमंत ने चंपई सोरेन के नाम पर ही दांव क्यों खेला? अपने उत्तराधिकारी के रूप में चंपई सोरेन को चुनने के पीछे हेमंत सोरेन की आखिर रणनीति क्या है?

चंपई सोरेन

Hemant Soren: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जब नौंवीं बार हेमंत सोरेन से पूछताछ करने पहुंची तो शायद उन्हें अपनी गिरफ्तारी का आभास हो गया था। दो दिन तक वह नजह ही नहीं आए और ईडी भी उन्हें दिल्ली से लेकर रांची तक ढूंढती रही। इस बीच खबर सामने आई कि उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के बाद अगले सीएम पर भी फैसला कर लिया है। उन्होंने विधायकों के साथ बैठक कर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया और विधायकों से भी सलाह-मश्विरा किया। आखिर में मुहर चंपई सोरेन के नाम पर लगी। सवाल उठता है कि हेमंत ने चंपई सोरेन के नाम पर ही दांव क्यों खेला? अपने उत्तराधिकारी के रूप में चंपई सोरेन को चुनने से पहले हेमंत सोरेन ने आखिर किन कारकों पर विचार किया? इसके पीछे क्या है हेमंत की रणनीति?

संबंधित खबरें

जेएमएम के संस्थापक सदस्य रहे चंपई सोरेन

संबंधित खबरें

चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। लेकिन हेमंत सोरेन के उन पर भरोसे के पीछे यही एकमात्र कारण नहीं है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन के वफादार हैं और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पिता के करीबी माने जाते हैं। साथ ही झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई कोल्हान क्षेत्र से हैं, जो बीजेपी का गढ़ माना जाता है। झारखंड को अब तक कोल्हान से तीन मुख्यमंत्री मिले हैं - दो भाजपा से थे, जिनमें अर्जुन मुंडा (2010 से 2013 तक) और रघुबर दास (2014 से 2019 तक) शामिल थे।

संबंधित खबरें
End Of Feed