मालीवाल मामले पर आखिर क्यों चुप हैं केजरीवाल? इस विवाद का चुनाव पर कितना पड़ेगा असर; समझें सारा नफा-नुकसान

Delhi News: स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री के पीएस के खिलाफ FIR दर्ज कराई, दिल्ली पुलिस ने बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया। आम आदमी पार्टी ने मालीवाल पर साजिश और भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगा दिया... इस सारे प्रकरण के बीच आखिर अरविंद केजरीवाल ने चुप्पी क्यों साध रखी है?

Arvind Kejriwal on Swati Maliwal

स्वाति मालीवाल मामले में कब चुप्पी तोड़ेंगे केजरीवाल?

Why is Arvind Kejriwal Silent: दिल्ली की सियासत में उस वक्त भूचाल आ गया जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की करीबी और आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के संग सीएम के आवास पर उनके पीएस ने मारपीट की। मालीवाल का आरोप है कि बड़ी बेरहमी से उनकी पिटाई की गई, मेडिकल जांच की रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हो चुका है कि स्वाति मालीवाल को कई जगह चोट लगी है। इस बीच आम आदमी पार्टी और स्वाति मालीवाल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया, लेकिन इन सारे प्रकरण के बीच सीएम केजरीवाल की खामोशी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में सवाल उठने लाजमी हैं कि क्या वो इसलिए चुप हैं कि देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं।

चुप्पी तोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं केजरीवाल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पूर्व सीएम अखिलेश यादव के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, जब एक पत्रकार ने उनसे स्वाति मालीवाल के मुद्दे पर सवाल किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली, वो कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हुए, उनके हाव-भाव ये बता रहे थे कि उन्हें इससे जुड़े सवाल पर कोई जवाब ही नहीं देना है। आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने मालीवाल पर भाजपा से मिलीभगत तक का आरोप लगा दिया, लेकिन अब तक सीएम केजरीवाल खमोशी में डूबे हुए हैं। क्या उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि छठे और सातवें चरण में दिल्ली की 7 और पंजाब की 13 सीटों पर होने वाले मतदान में कही उनकी पार्टी को नुकसान न झेलना पड़ जाए?

कल तक खास, आज कैसे बन गईं दुश्मन?

जो स्वाति मालीवाल अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के NGO परिवर्तन से जुड़कर, अन्ना आंदोलन से राजनीति तक के सफर में आम आदमी पार्टी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती रहीं। खुद केजरीवाल ने उनके कंधों पर महिला आयोग की अध्यक्ष पद का जिम्मा दिया, उन्हें राज्यसभा भेजा, आखिर वही स्वाति अब कैसे उसी पार्टी के लिए दुश्मन बन गईं? मुख्यमंत्री के घर में ही जब एक महिला सांसद के साथ ऐसा सलूक किया जाता है तो ऐसे सवाल उठने लाजमी हैं।

सबसे कम उम्र की DWC अध्यक्ष बनीं स्वाति

अन्ना आंदोलन के बाद मालीवाल एक प्रखर वक्ता और कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में उभरीं और इसके बाद उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार के रूप में काम किया। वर्ष 2015 में जब दूसरी बार दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनी तो उन्हें दिल्ली महिला आयोग की कमान दे दी गई। वो दिल्ली महिला आयोग की सबसे कम उम्र की अध्यक्ष बनीं। करीब 9 वर्षों तक स्वाति मालीवाल ने बड़े ही बेबाक अंदाज में इस पद का निर्वहन किया। वो महिलाओं से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए मशहूर होती चली गईं। उनके बेबाक अंदाज और कार्यशैली को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने इसी साल उन्हें राज्यसभा सदस्य के लिए आगे किया। फिलहाल वो राज्यसभा सांसद हैं।

AAP के पास एक ही जवाब- भाजपा की साजिश

आम आदमी पार्टी के पास हर सवाल का एक ही जवाब है, ये भाजपा की साजिश है। कभी ऑपरेशन लोटस का आरोप, तो कभी पंजाब और दिल्ली में सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप, अब जब अपने ही पार्टी के अंदर गृह युद्ध छिड़ गया तो इसके लिए भी आप ने भाजपा को साजिशकर्ता बता दिया। वैसे ये कोई नई बात नहीं है, बिभव की गिरफ्तारी से एक दिन पहले भी आतिशी ने यही राग अलापा, गिरफ्तारी के बाद भी पार्टी यही आरोप लगा रही है कि भाजपा ने मालीवाल को 'ब्लैकमेल' कर केजरीवाल के खिलाफ साजिश में शामिल किया। अब सवाल ये है कि स्वाति मालीवाल को भाजपा किस बात के लिए ब्लैकमेल कर रही थी।

तो इसके लिए आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने ये आरोप लगाया है कि 'भाजपा का एक ‘पैटर्न’ है। पहले वे मामले दर्ज कराते हैं और फिर नेताओं को जेल भेजने की धमकी देते हैं। स्वाति मालीवाल अवैध भर्ती मामले में आरोपों का सामना कर रही हैं, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है। एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और इस स्थिति में उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।'

सीएम केजरीवाल की चुप्पी के मायने समझिए

अरविंद केजरीवाल फिलहाल अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वो दो मई को दोबारा सलाखों के पीछे होंगे। उन्हें कोर्ट से लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए जमानत मिली है। ऐसे में केजरीवाल ऐसे किसी विवाद में फंसने से बचना चाहते होंगे, जिसका असर चुनाव पर पड़े। दिल्ली की सभी सात सीटों के लिए छठे चरण यानी 25 मई, 2024 को मतदान होने हैं, वहीं अगर पंजाब की बात करें तो इस राज्य की सभी 13 सीटों पर 1 जून यानी आखिरी चरण में वोट डाले जाएंगे। जिस तरह से स्वाति मालीवाल के मामले ने तूल पकड़ा है, इसका असर चुनाव पर पड़ना तय माना जा रहा है।

क्या लोकसभा चुनाव में आप को होगा नुकसान?

स्वाति मालीवाल हमला मामले में भाजपा ने आम आदमी पार्टी को 'एंटी औरत पार्टी' = AAP करार दिया है। इस पूरे प्रकरण के चलते काफी हद तक आप और केजरीवाल की छवि पर असर पड़ा है। पार्टी पर इस तरह कि आतिशी जैसे नेता लगातार स्वाति मालीवाल पर ही आरोप लगा रहे हैं। पहले संजय सिंह ने इस बात को कबूल किया कि सीएम आवास में स्वाति के साथ बदसलूकी हुई है, उसके दो दिन बात ही पार्टी का स्टैंड बदल गया और वो उल्टे मालीवाल पर ही भाजपा के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगा दिया। पार्टी के साथ-साथ केजरीवाल की छवि भी खराब हुई है, हाथरस जैसे मुद्दे पर आवाज उठाने वाले केजरीवाल इस मुद्दे पर चुप हैं, जिसमें उनके आवास में ही एक महिला के साथ मारपीट हुई।

भाजपा इस मुद्दे पर कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहती है, चुनाव की अहमियत को देखते हुए उसने आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को भी लपेटे में ले लिया है। भाजपा ने दावा किया कि बिभव कुमार केवल एक कठपुतली हैं, जिनकी डोर केजरीवाल के हाथों में है। भाजपा ने इस मुद्दे पर नहीं बोलने के लिये प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी और प्रियंका चतुर्वेदी जैसी विपक्षी नेताओं पर हमला बोला। ये देखना अहम होगा कि स्वाति मालीवाल प्रकरण का चुनावी नतीजों पर कितना असर पड़ेगा।

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