क्यों सऊदी अरब पर फोकस कर रहा है भारत? समझिए PM मोदी की वो नीति, जिससे हाशिए पर जा रहा पाकिस्तान

PM Modi Saudi Arabia Visit: पीएम मोदी के सऊदी अरब के दौरे के दौरान कई बड़े समझौते का ऐलान हो सकता है। पीएम मोदी की जेद्दा यात्रा के दौरान मंगलवार को भारत और सऊदी अरब के बीच कम से कम छह समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

pm modi with saudi king

सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो)

PM Modi Saudi Arabia Visit: हाल के वर्षों में भारत खाड़ी देशों से और मजबूत संबंध पर फोकस करते रहा है, खासकर उन देशों के साथ, जहां पाकिस्तान की पैठ थी। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर खाड़ी देशों को अपनी साइड करते रहा है, लेकिन अब उसे झटका लग रहा है। जिन खाड़ी को देशों को भड़काकर पाकिस्तान पैसे बटोरते रहा है, अब वो भारत की सुन रहे हैं, भारत को ज्यादा तजरीह दे रहे हैं। इसका श्रेय कुछ हद तक पीएम मोदी की उस नीति को जाता है, जिसमें उन्होंने खाड़ी देशों पर ज्यादा फोकस किया है। यही कारण है कि पीएम मोदी अब खाड़ी देशों के सबसे अहम देश सऊदी अरब का तीसरी बार दौरा करने जा रहे हैं।

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पीएम मोदी का तीसरी बार सऊदी अरब का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सऊदी अरब की ऐतिहासिक दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी की खाड़ी देश की तीसरी यात्रा होगी, इससे पहले वह 2016 और 2019 में रियाद जा चुके हैं। यह दौरा भारत और सऊदी अरब के बीच गहराते रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है, खासकर ऊर्जा सहयोग, व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में। यह यात्रा सितंबर 2023 में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा और भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के बाद हो रही है।अपनी यात्रा से पहले अरब न्यूज को दिए विशेष साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब को एक सकारात्मक और स्थिरता लाने वाली ताकत बताया।

भारत किन-किन क्षेत्रों में सऊदी से रिश्ते कर रहा है मजबूत?

पीएम मोदी के तीसरे सऊदी अरब के दौरे के दौरान व्यापार से लेकर रक्षा तक पर बातें होंगी, समझौते होंगे। पीएम मोदी ने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा- "हम सऊदी अरब को इस क्षेत्र में सकारात्मकता और स्थिरता की शक्ति मानते हैं। समुद्री पड़ोसी होने के नाते, भारत और सऊदी अरब का स्वाभाविक हित इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में है।" वहीं विदेश मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह जारी बयान में कहा गया- "भारत और सऊदी अरब के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक और व्यापारिक संपर्कों का लंबा इतिहास है और वे घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करते हैं। रणनीतिक साझेदारों के रूप में, दोनों देश राजनीतिक, रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं।"

भारत-सऊदी के बीच कौन-कौन से समझौते होने की उम्मीद?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जेद्दा यात्रा के दौरान मंगलवार को भारत और सऊदी अरब के बीच कम से कम छह समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इन समझौतों में दोनों पक्षों द्वारा अंतरिक्ष, ऊर्जा, स्वास्थ्य, विज्ञान और वैज्ञानिक अनुसंधान, संस्कृति और उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। सऊदी अरब में भारतीय राजदूत सुहेल एजाज खान ने प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘भारत और सऊदी अरब के बीच संपर्क के मामले में जेद्दा एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है क्योंकि सदियों से जेद्दा दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए बंदरगाह रहा है और यह मक्का का प्रवेश द्वार भी है। इसलिए जो कोई भी उमराह और हज के लिए आता है, वह जेद्दा में उतरता है और फिर मक्का जाता है।’’

भारतीय कामगार और व्यापार दोनों में वृद्धि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब की आगामी यात्रा से पहले भारतीय व्यवसायी जफर सरेशवाला ने इसे रणनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह दोनों देशों के रिश्तों में एक नए युग की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में भारतीय प्रवासियों की संख्या लगभग 28 लाख है, और यह लगातार बढ़ रही है। पिछले नौ साल में सऊदी अरब में भारतीयों की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पहले जहां ज्यादातर भारतीय श्रमिक केरल से थे, अब उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी लोग बड़ी संख्या में यहां आ रहे हैं। साथ ही अब ब्लू कॉलर के अलावा मिड लेवल और सीनियर पदों पर भी भारतीय काम कर रहे हैं। सरेशवाला ने बताया कि 2016 के बाद से 1,000 से अधिक भारतीय कंपनियों ने सऊदी अरब में अपने कार्यालय स्थापित किए हैं, विशेष रूप से निर्माण, बुनियादी ढांचे, सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में। सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में तेजी, विशेष रूप से निर्माण और आईटी क्षेत्रों में भारतीयों के लिए नए अवसर पैदा कर रही है।

कैसे पाकिस्तान जा रहा हाशिए पर

सऊदी अरब वो मुल्क है, जो पाकिस्तान को सालों से मदद करते रहा है, पाकिस्तान हर बार सऊदी अरब से पैसे मांगते रहा है। इन पैसों को विकास के नाम पर पाकिस्तान भले ही मांगते रहा हो, लेकिन वास्तविकता है कि वो इसे आतंकियों पर ही खर्च करता था। कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब को भारत के खिलाफ कान भरते रहा है। अब भारत ये बात सऊदी अरब को समझाने में कामयाब रहा है कि उसके पैसे से पाकिस्तान आतंकियों को पाल रहा है, यही कारण है कि पाकिस्तान को मदद में दी जाने वाली राशि अब घट चुकी है। कश्मीर मामले पर भी सऊदी अब पाकिस्तान को अनदेखा करने लगा है। इसके साथ ही पाकिस्तान के साथ व्यापार भी घटने लगा है, दरअसल पाकिस्तानियों से सऊदी अरब भी परेशान है। हज और उमराह के नाम पर पाकिस्तानी लोग सैकड़ों की संख्या में यहां आते हैं और भीख मांगने का धंधा करने लगते हैं। ऐसे कई लोगों को सऊदी अरब देश से निकाल चुका है। भारत के साथ मजबूत संबंधों के बाद सऊदी अरब को ये बात समझ आ चुकी है कि पाकिस्तान एक मांगने वाला देश है, उसकी कीमत पर अगर वो भारत से संबंध खराब करता है तो उसे बहुत घाटा होगा। यही कारण है कि सऊदी अब पाकिस्तान से अपना कारोबार भी समेटने लगा है। सऊदी पहले ही पाकिस्तान में रिफाइनरी लगाने से इनकार कर चुका है।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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