दिल्ली में टूटा ठंड का रिकॉर्ड, 21 साल बाद जनवरी सबसे सर्द, जानें कब-कब बरपा राजधानी पर ठंड का कहर?

Cold Wave in Delhi: आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 33 साल पहले के रिकॉर्ड में यह केवल तीसरा उदाहरण रहा जब जनवरी में औसत अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा था।

Cold in Delhi

दिल्ली में टूटा ठंड का रिकॉर्ड

Cold Wave in Delhi: राजधानी दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में ठंड कहर बरपा रही है और शीतलहर से फिलहाल राहत भी मिलती नहीं दिख रही है। इस बार ठंड ने दिल्ली में पिछले 21 वर्षों को रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस महीने प्रचंड ठंड और कोहरे के कारण दिल्ली में बमुश्किल धूप निकली और तापमान ने 21 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा दिया। पिछले 21 वर्षों में दिल्ली में जनवरी का महीना सबसे ठंडा रहा। सफदरजंग में जनवरी के दौरान औसत अधिकतम तापमान 17.9 डिग्री सेल्सियस था, जो 2015 के समान और 2003 के बाद सबसे कम था।

जनवरी 2024 ने तोड़ा रिकॉर्ड

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 33 साल पहले के रिकॉर्ड में यह केवल तीसरा उदाहरण रहा जब जनवरी में औसत अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा था। वर्ष 2015 और 2003 में औसत तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस था। जनवरी में सामान्य अधिकतम तापमान 20.1 डिग्री सेल्सियस रहा था जो इस महीने दर्ज किए गए तापमान से 2.2 डिग्री अधिक है। जनवरी 2024 में बहुत खराब हवा की गुणवत्ता, भारी कोहरे वाली सुबह और कड़कड़ाती ठंड ने इस महीने को 2003 के बाद से तापमान के मामले में सबसे ठंडा महीना बना दिया। इस जनवरी में दिन का औसत तापमान 17.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.2 डिग्री कम है। 2015 में भी यही औसत अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था। हालांकि, 2003 में अधिकतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस था।

न्यूनतम तापमान 6.43 डिग्री सेल्सियस रहा

इस जनवरी में 2013 के बाद से सबसे ठंडा न्यूनतम या रात का तापमान भी देखा गया। इस महीने का औसत न्यूनतम तापमान 6.43 डिग्री सेल्सियस रहा जिसमें पांच शीतलहर के दिन भी शामिल रहे। इसका मतलब यह है कि दिल्ली में कम से कम एक दशक में जनवरी में सबसे अधिक चरम मौसम वाले दिन देखे गए। ठंड के साथ-साथ दिल्ली में अधिकांश दिनों में घने कोहरे की चादर छाई रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 32 वर्षों में जनवरी में औसत अधिकतम तापमान केवल तीन बार 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। जनवरी 2024 और 2015 दोनों में औसत अधिकतम तापमान 17.9 डिग्री सेल्सियस था, जो जनवरी 2003 की तुलना में केवल 0.3 डिग्री अधिक है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 21.4 डिग्री रहा, जो सामान्य से एक डिग्री कम है। इसे 31 जनवरी का तापमान माना जाएगा क्योंकि आईएमडी अगले दिन अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड रखता है।

2013 में 6.1 डिग्री सेल्सियस था तापमान

मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी के लिए सबसे कम औसत न्यूनतम तापमान 2013 में दर्ज किया गया था जब पारा 6.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। इस जनवरी का सामान्य न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस है। असामान्य रूप से गर्म रहे दिसंबर 2023 के बाद जनवरी की ठंड ने बड़ा झटका दिया। पिछला महीना छह वर्षों में सबसे गर्म दिसंबर था, जिसमें औसत अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और औसत न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस था।

ठंडे दिन और शीत लहर का दौर

जनवरी में ठंड के कई दौर भी देखे गए। शहर के बेस स्टेशन सफदरजंग ने कुल 10 चरम मौसम की घटनाएं दर्ज कीं- पांच ठंडे दिन और इतनी ही संख्या में शीत लहर के दिन। जिससे यह कम से कम 12 वर्षों में जनवरी में दर्ज किए गए ऐसे दिनों की सबसे अधिक संख्या है। दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 10 दिनों तक ठंडे दिन की स्थिति देखी गई।

ठंड के साथ कोहरे का भी कहर

आईएमडी में वैज्ञानिक और क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, जनवरी का पहला पखवाड़ा कोहरे की परत की चपेट में था, जिसके कारण ठंड का सामना करना पड़ा। कोहरे का असर जारी रहा। कोहरे का असर 25 दिसंबर को शुरू हुआ और या तो सतह-स्तर पर कोहरे या ऊपर उठे कोहरे के रूप में रहा। शहर में 90% दिनों में कोहरा देखा गया। हालांकि, जनवरी के दूसरे सप्ताह में कोहरा छंटने के बाद उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलने से आसमान साफ हो गया। इससे न्यूनतम तापमान में गिरावट आई और यह 3-4 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया, जिससे लगातार पांच 12 से 16 जनवरी तक शीत लहर वाले दिन रहे।

बता दें कि 'ठंडा दिन' तब घोषित किया जाता है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम हो। शीत लहर तब होती है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से चार या अधिक डिग्री नीचे होता है या जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम होता है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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