नीति आयोग की बैठक छोड़ क्यों चली गईं ममता बनर्जी? खुद बताई अपने गुस्से की वजह; 5 पॉइंट में समझें सारा विवाद

Mamata vs Modi: क्या आप जानते हैं कि नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी क्यों भड़क उठीं? वो अचानक बैठक छोड़कर चली गईं और उन्होंने ये आरोप लगाया है कि उन्हें बोलने से बीच में ही रोक दिया गया। वहीं केंद्रीय मंत्री ने उल्टे ममता पर गंभीर आरोप लगा दिया है। आपको सारा विवाद समझाते हैं।

ममता बनर्जी vs पीएम मोदी

Why Mamata Banerjee leave NITI Aayog Meeting: नीति आयोग की बैठक को लेकर जहां एक ओर हर कोई इस इंतजार में था कि क्या इसमें कोई बड़े फैसलों पर मुहर लग सकती है। वहीं दूसरी ओर इस बैठक में एक नए सियासी विवाद ने जन्म ले लिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक छोड़कर अचानक बाहर निकल आईं। वो इस दौरान गुस्से में नजर आईं और उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था। ममता ने कहा कि पांच मिनट के बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को अधिक देर तक बोलने की अनुमति दी गई। आपको इस लेख में सारा विवाद 5 बिंदुओं में समझाते हैं।

1). आगे से किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी ममता बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, 'यह अपमानजनक है। मैं आगे से किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लूंगी।' उन्होंने बैठक से बाहर आने के बाद मीडिया से कहा, 'मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं। (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए। असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10 से 12 मिनट तक अपनी बात रखी। मुझे पांच मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया। यह अनुचित है।' ममता ने कहा, 'विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं। मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए।'

2). ममता के आरोपों को सरकारी सूत्रों ने कर दिया खारिज

सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह कहना गलत है कि ममता का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि घड़ी के अनुसार, उनके बोलने का समय समाप्त हो गया था। सूत्रों ने बताया कि वर्णानुक्रम के अनुसार, ममता की बोलने की बारी दोपहर के भोजन के बाद आती, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में बोलने की अनुमति दी गई, क्योंकि उन्हें जल्दी कोलकाता लौटना था। ममता के अनुसार, उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि सरकार ने राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण बजट पेश किया है और सवाल किया कि केंद्र राज्यों के बीच भेदभाव क्यों कर रहा है।

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