राज्य क्यों मांगते हैं विशेष राज्य का दर्जा, आखिरी बार किसे मिला था, खास दर्जा पाने की क्या है कसौटी?

What is Special Category Status : किसी क्षेत्र या राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ नियम, शर्तें एवं योग्यता तय की हैं। इसके मुताबिक राज्य या क्षेत्र पहाड़ी और दुर्गम होना चाहिए। राज्य में आबादी का घनत्व काफी कम हो अथवा वहां आदिवासी समुदाय की संख्या अच्छी-खासी हो।

विशेष राज्य के दर्जे पर राजनीतिक विवाद।

मुख्य बातें
  • विशेष राज्य के दर्जे पर राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है, राजद ने नीतीश पर दबाव बनाया है
  • राजद की मांग है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष आर्थिक पैकेज मिलना चाहिए
  • किसी क्षेत्र को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कसौटी तय की गई है

What is Special Category Status : बजट 2024 में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष घोषणाएं होने के बाद राज्यों को 'विशेष राज्य का दर्जा' सुर्खियों में आ गया है। इस पर सियासत भी होने लगी है। विपक्ष का दावा है कि सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश को सौगातें दी हैं जबकि गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है, उनके लिए बजट आवंटन में कोताही बरती गई है। विपक्ष के सांसदों ने बजट में 'अन्याय' करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को संसद में विरोध-प्रदर्शन किया। खासकर, विशेष राज्य के दर्जे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग जारी है। बिहार को विशेष राज्य का दर्ज नहीं मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश कुमार को तंज कसा है। राजद का कहना है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष आर्थिक पैकेज दिलाने के अपनी लड़ाई संसद से सड़क तक जारी रखेगी।

बजट में बिहार-आंध्र प्रदेश को मिली खास सौगात

वर्षों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग होती रही है। जद-यू प्रमुख एवं बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी राज्य को खास दर्जा दिलाने की मांग कई बार कर चुके हैं। चूंकि, केंद्र की मोदी सरकार सत्ता में बने रहने के लिए जद-यू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के समर्थन पर निर्भर है, इसलिए माना जा रहा है कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग पूरी कराने के लिए इन दोनों नेताओं के पास एक अवसर है। हालांकि, 23 जुलाई को पेश बजट में दोनों राज्यों का विशेष ख्याल रखा गया है। आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रुपए तो बिहार को 60 हजार करोड़ रुपए की सौगात मिली है।

क्या है विशेष राज्य का दर्जा

विशेष राज्य की श्रेणी देश के उन प्रदेशों एवं हिस्से के लिए है जो अपनी भौगोलिक संरचना एवं अन्य वजहों से पिछड़े हुए हैं और विकास के मापदंडों में अन्य राज्यों से पीछे हैं। विकास की मुख्य धारा से राज्य को जोड़ने और क्षेत्र का विकास करने के लिए केंद्र सरकार इन्हें विशेष वित्तीय पैकेज और टैक्स लाभ देती है। पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों पर पहली बार 1969 में विशेष राज्य का दर्जा पेश किया गया।

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