वो 7 सांसद जो स्पीकर चुनाव में नहीं डाल सकेंगे वोट! NDA या INDIA किसे होगा सबसे ज्यादा नुकसान? समझिए
Lok Sabha Speaker Election: कांग्रेस सदस्य कोडिकुनिल सुरेश को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार ओम बिरला के खिलाफ विपक्ष का उम्मीदवार बनाया गया है। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान बुधवार को होगा।
कौन-कौन सांसद लोकसभा चुनाव में नहीं डाल पाएंगे वोट (फोटो- PTI&IANS)
आमतौर पर स्पीकर पद के लिए सहमति से होता रहा है चुनाव
इस बार विपक्ष ने रखी है मोदी सरकार के सामने शर्त
Lok Sabha Speaker Election: संसद में लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। सालों बाद लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होने जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष पद पर सत्ता पक्ष एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच सहमति नहीं बन पाई, जिसके कारण दोनों पक्षों ने अपना-अपना उम्मीदवार उतार दिया है। जिसके बाद से दोनों पक्षों के लिए एक-एक वोट महत्वपूर्ण हो गया है। इस लड़ाई के बीच कुछ सांसद ऐसे भी हैं, जो लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे।
ये भी पढ़ें- 10 प्वाइंट में जानिए क्या होता है सदन के नेता का काम, जिसके लिए जेपी नड्डा का हुआ है राज्यसभा में चुनाव
क्यों नहीं डाल पाएंगे वोट
18वीं लोकसभा के पहले सत्र का पहला दो दिन सांसदों के शपथग्रहण के लिए निर्धारित था। इन दोनों दिन करीब-करीब सभी सांसदों ने शपथ ले ली है, लेकिन 7 सांसदों ने शपथ नहीं ली है। जिसके कारण वो जीतने के बाद भी सांसद के अधिकार से वंचित रह जाएंगे। शपथ नहीं लेने के कारण ये सातों सांसद बुधवार को होने वाले लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे।
पीएम मोदी और एनडीए के लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ओम बिरला
कौन हैं वो सात सांसद
शपथ नहीं लेने वालों में विपक्ष के पांच सांसद और दो निर्दलीय सांसद शामिल हैं। जिसमें से दो तो जेल में बंद हैं। जिसके कारण वो सदन में शपथ लेने के लिए उपस्थित नहीं हो सके, बाकी पांच को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं है।
- कट्टरपंथी उपदेशक और खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्वाचित अमृतपाल सिंह संसद सदस्य के रूप में शपथ नहीं ले सके, क्योंकि वह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत असम की जेल में बंद हैं।
- बारामूला लोकसभा सीट से निर्वाचित इंजीनियर राशिद सोमवार को सांसद के रूप में शपथ नहीं ले सके क्योंकि वह गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
- टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा, दीपक अधिकारी, नुरूल इस्लाम ने शपथ नहीं ली।
- कांग्रेस नेता शशि थरूर भी शपथ लेने आज संसद नहीं पहुंचे।
- समाजवादी पार्टी के अफजाल अंसारी ने भी शपथ नहीं ली।
NDA या INDIA किसे होगा सबसे ज्यादा नुकसान
जैसा कि साफ है कि सत्ता पक्ष यानि के एनडीए के सभी सांसदों ने शपथ ले ली है। शपथ नहीं लेने वाले में पांच विपक्षी सांसद ही हैं। ऐसे में सीधे-सीधे नुकसान तो विपक्ष का ही है। हालांकि एक ऑपशन है। मतदान की प्रक्रिया शुरू होने से पहले अगर ये सांसद बुधवार को शपथ ग्रहण कर लें तो वो लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में वोट डाल सकते हैं। हालांकि सूत्रों की मानें तो जिन 7 सांसदों ने लोकसभा में संसद सदस्य की शपथ नहीं हैं। उन्हें स्पीकर चुनाव के बाद शपथ दिलाई जायेगी। अगर ऐसा होता है तो बुधवार को ये 7 सांसद लोकसभा स्पीकर चुनाव में मतदान नहीं कर पायेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष पद चुनाव में किसका पलड़ा भारी
अगर लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर मतदान होता है तो ज्यादा संभावना इस बात की है कि यह मतदान पर्ची से करवाया जाएगा। लोकसभा में शपथ ले चुके नवनिर्वाचित सांसद मतदान के जरिए यह तय करेंगे कि लोकसभा के नए स्पीकर कौन होंगे, ओम बिरला या के. सुरेश। हालांकि, सदन में संख्या बल की बात करें तो एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर ओम बिरला का आसानी से चुनाव जीतना तय माना जा रहा है। क्योंकि एनडीए के पास 292 सांसद हैं और इंडिया ब्लॉक के पास 233 सांसद हैं।
लोकसभा अध्यक्ष चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक की मीटिंग
1976 के बाद इस तरह का पहला मौका
लोकसभा बुधवार को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का गवाह बनेगी जो 1976 के बाद इस तरह का पहला मौका होगा। स्वतंत्र भारत में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए केवल तीन बार 1952, 1967 और 1976 में चुनाव हुए।
- वर्ष 1952 में कांग्रेस सदस्य जी वी मावलंकर को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। मावलंकर को प्रतिद्वंद्वी शांताराम मोरे के खिलाफ 394 वोट मिले, जबकि मोरे सिर्फ 55 वोट हासिल करने में सफल रहे।
- वर्ष 1967 में टी. विश्वनाथम ने कांग्रेस उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लड़ा। रेड्डी को विश्वनाथम के 207 के मुकाबले 278 वोट मिले और वह अध्यक्ष चुने गए।
- कांग्रेस नेता बलिराम भगत को पांच जनवरी, 1976 को लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था। इंदिरा गांधी ने भगत को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुनने के लिए प्रस्ताव पेश किया था, जबकि कांग्रेस (ओ) के प्रसन्नभाई मेहता ने जनसंघ नेता जगन्नाथराव जोशी को चुनने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। भगत को जोशी के 58 के मुकाबले 344 वोट मिले।
भाजपा-कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव से एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को बुधवार को सुबह 11 बजे से सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी तीन लाइन का व्हिप लोकसभा के सभी सांसदों पर लागू होगा। इस व्हिप के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के सभी लोकसभा सांसदों को बुधवार को सदन में मौजूद रहना होगा। एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने भी व्हिप जारी किया है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited