कई राज्यों में ट्रकों के पहिए थमे, सामान ढुलाई पर असर, हिट एंड रन पर ड्राइवरों को क्यों डरा रहा नया कानून?

Truck Drivers protest: ड्राइवरों का कहना है कि इस नए कानून पर उनसे कोई सुझाव नहीं लिया गया। यही नहीं हिट एंड रन मामले में देश में वैज्ञानिक जांच का अभी अभाव है। ट्रक ड्राइवरों की चिंता है कि हादसे की जिम्मेदारी उनके सिर पर डाली जा सकती है।

ट्रक ड्राइवर अपने वाहन नहीं चला रहे।

Truck Drivers protest: हिट एंड रन पर सरकार के नए कानून के विरोध में ट्रक ड्राइवर अपने वाहन नहीं चला रहे हैं। ट्रक नहीं चलने से जगह-जगह आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होने लगी है। कई जगहों पर डीजल एवं पेट्रोल की कमी होने की खबर है। ट्रक नहीं चलने का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में देखा गया है। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान का कहना है कि अभी हड़ताल की घोषणा नहीं की गई है। इस बारे में फैसला मंगलवार को होनी वाली बैठक में होगा। बता दें कि देश में 95 लाख ट्रक हैं और इनमें से 30 लाख से ज्यादा ट्रकों का परिचालन नहीं हो रहा है।

हिट एंड रन पर नए कानून का विरोध क्यों

हिंट एंड रन पर सरकार ने जो नया कानून बनाया है। उसके मुताबिक लापरवाही एवं तेज गति की वजह से यदि किसी की सड़क पर मौत हो जाती है और ऐसे में वाहन चालक यदि पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित किए बगैर यदि घटनास्थल से भाग जाता है तो उसे 10 साल की कैद और सात लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। ड्राइवरों की दलील है कि दुर्घटना के बाद यदि वे मौके पर रहते हैं तो उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। इसमें उनकी जान जाने का भी खतरा है।

ड्राइवरों की चिंता-हादसे की जिम्मेदारी उनके सिर पर डाली जा सकती है

ड्राइवरों का कहना है कि इस नए कानून पर उनसे कोई सुझाव नहीं लिया गया। यही नहीं हिट एंड रन मामले में देश में वैज्ञानिक जांच का अभी अभाव है। ट्रक ड्राइवरों की चिंता है कि हादसे की जिम्मेदारी उनके सिर पर डाली जा सकती है। इस कानून के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि घायल को अस्पताल ले जाने वाले एवं पुलिस को सूचना देने वालों के ड्राइवरों के साथ नरमी बरती जाएगी। फिर भी ट्रक ड्राइवरों में इस कानून को लेकर कई तरह की शंकाएं हैं।

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