Mughal Chapters Removed Explained: यूपी में 12वीं के छात्रों के लिए मुगलों की हिस्ट्री का चैप्टर बना इतिहास, NCERT ने क्यों किताब से हटाया?
एनसीईआरटी के नए सिलेबस में न सिर्फ मुगल इतिहास के चैप्टर हटाए गए हैं, बल्कि हिंदी, नागरिक शास्त्र और कई अन्य विषयों में भी बदलाव किया गया है।

यूपी में एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा के छात्र इतिहास की नई किताबें पढ़ेंगे
NCERT Removes Mughal Chapters: आपने एनसीईआरटी (NCERT) की 12वीं की किताब में 'मुगल दरबार' अध्याय जरूर पढ़ा होगा। इस अध्याय में मुगलों की शासन व्यवस्था की खूबियों के साथ-साथ उनकी न्याय व्यवस्था और कला-साहित्य के क्षेत्र में उनके कार्यों के बारे में विस्तार से बताया गया है। लेकिन अब यूपी के छात्रों के लिए मुगलों का ये इतिहास ही इतिहास बन गया है। यूपी में योगी सरकार ने नए शैक्षणिक सत्र (2023-24) के लिए बड़ा फैसला लिया है।
यूपी के सरकारी स्कूल इस शैक्षणिक सत्र से एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की इतिहास की नई किताबें पढ़ेंगे। इसमें मुगल दरबारों के बारे में अंश हटा दिए गए हैं। एनसीईआरटी ने जून 2022 में मुगल इतिहास और शीत युद्ध पर अध्याय हटा दिए थे। सीबीएसई बोर्ड ने इस बदलाव को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया था। लेकिन यूपी बोर्ड में किताबें पहले ही छप चुकी थीं और इस वजह से पिछले साल इन्हें नहीं निकाला जा सका था।
एनसीईआरटी के नए सिलेबस में न सिर्फ मुगल इतिहास के चैप्टर हटाए गए हैं, बल्कि हिंदी, नागरिक शास्त्र और कई अन्य विषयों में भी बदलाव किया गया है। लेकिन मुगलों सहित कुछ अध्यायों को क्यों हटा दिया गया ये सवाल सामने आ रहा है।
मुगलों से जुड़े अध्याय हटाने की है ये वजह
दरअसल, यह गलतियों को सुधारने और देश में स्कूली किताबों में पढ़ाए जाने वाले इतिहास में नए तथ्यों को जोड़ने के लिए किया गया है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने राज्यसभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता में एक संसदीय समिति का गठन किया था। इस कमेटी ने 30 नवंबर 2021 को भारत सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इतिहास की किताबों से गलत तथ्यों को हटाकर भारत के असली नायकों का इतिहास किताबों में पढ़ाने की सिफारिश की थी। कमेटी ने इन अध्यायों को आज के दौर के मुताबिक असंगत पाया था और इन्हें हटाने की सिफारिश की थी।
इसके बाद सीबीएसई ने 23 अप्रैल 2022 को एनसीईआरटी का नया संशोधित सिलेबस जारी किया और उसे लागू भी कर दिया और अब इस बदले हुए सिलेबस को यूपी बोर्ड में भी लागू कर दिया गया है। यानी यह कहना कि यूपी सरकार ने अचानक इन अध्यायों को किताबों से हटा दिया सही नहीं है। एनसीईआरटी के फैसले के बाद ही ये कदम उठाया गया है।
एनसीआरटी ने किए थे कई बदलाव
बदलावों को सूचीबद्ध करते हुए एनसीईआरटी ने एक नोट में कहा था कि किताबों की सामग्री को कई कारणों से युक्तिसंगत बनाया गया है, जिसमें एक ही कक्षा में दूसरे विषय क्षेत्रों में समान सामग्री के साथ ओवरलैपिंग, जूनियर और सीनियर कक्षाओं में समान सामग्री जैसे मामले शामिल हैं। इसमें यह भी कहा गया था कि कठिनाई स्तर के मद्देनजर जो पठन सामग्री शिक्षकों के अधिक हस्तक्षेप के बिना छात्र आसानी से समझ व सीख सकते हैं और जो सामग्री मौजूदा संदर्भ में अप्रासंगिक है, उसे हटा दिया गया है।
कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में 'गुजरात दंगे' विषय पर पृष्ठों को हटा दिया गया है और इसकी जगह 'भारतीय राजनीति में हालिया विकास' शीर्षक वाले अध्याय लाया गया है। 2002 की हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट का जिक्र और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा राज धर्म टिप्पणी को भी किताब से हटा दिया गया है।
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