हरियाणा में क्यों चुनाव की तारीख बदलने को मजबूर हुआ इलेक्शन कमीशन? समझिए कारण से लेकर समीकरण तक

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 1 अक्टूबर को आयोग को मिलकर कहा था कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के बिश्नोई समाज के लोग लंबे समय से राजस्थान जाते हैं। राजस्थान के मुकाम में गुरु जम्भेश्वर का जन्म हुआ था। बीकानेर के इस गांव में असोज अमावस्या को बड़ा कार्यक्रम होता है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव की नई तारीखों में बदलाव

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए इलेक्शन कमीशन ने पूरा शेड्यूल ही बदल डाला है। शनिवार को चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा करते हुए कई कारण बताए। भाजपा और बिश्नोई समाज ने चुनाव आयोग से चुनाव की तारीख बदलने की मांग की थी। इससे पहले इलेक्शन कमीशन ने घोषणा की थी कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक अक्टूबर को एक ही चरण में होंगे और नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किये जायेंगे। जिसमें अब बदलाव किए गए हैं।

क्यों बदली चुनाव की तारीख

दरअसल हरियाणा के बिश्नोई समाज की तरफ से ये मांग की गई थी कि वो तीन सदी से ज्यादा समय से गुरु जंबेश्वर की स्मृति में असोज अमावस्या पर पर्व मनाते हैं, ऐसे में हरियाणा में मतदान की तारीख को आगे बढ़ा दिया जाए। ऐसे में परंपराओं का सम्मान करते हुए और मतदाताओं के मताधिकार का ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने फैसला लिया। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 1 अक्टूबर को आयोग को मिलकर कहा था कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के बिश्नोई समाज के लोग लंबे समय से राजस्थान जाते हैं। राजस्थान के मुकाम में गुरु जम्भेश्वर का जन्म हुआ था। बीकानेर के इस गांव में असोज अमावस्या को बड़ा कार्यक्रम होता है। इस बार ये त्योहार 2 अक्टूबर को है और ऐसे में हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में रहने वाले हजारों बिश्नोई परिवार राजस्थान जायेंगे और अपना वोट नहीं डाल सकेंगे। चुनाव आयोग ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, राज्य राजनीतिक दलों और अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा से हरियाणा के बिश्नोई समुदाय के लोगों के सदियों पुराने आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने के लिए राजस्थान में बड़े पैमाने पर आने के संबंध में ज्ञापन प्राप्त हुए हैं।
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