कर्नाटक चुनाव जीतना BJP के लिए क्यों है जरूरी, 2024 लोकसभा चुनाव का मूड यही से होगा सेट
Karnataka Assembly Elections: बीजेपी ने 224 सदस्यीय विधानसभा की 150 सीटों पर कब्जा करने का एक मुश्किल लक्ष्य रखा है। निवर्तमान विधानसभा में भाजपा के पास 119 विधायक हैं।
कर्नाटक चुनाव जीतना बीजेपी के लिए जरूरी
Karnataka Assembly Elections: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और सभी दलों ने तैयारी तेज कर दी है। सत्तारुढ़ बीजेपी की कोशिश लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर चार दशक पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने की होगी। वहीं, कांग्रेस दोबारा सत्ता वापसी के लिए कमर कस चुकी है। जेडीएस भी इस खेल में किंगमेकर बनने की ओर निगाहें लगाए हुए है। लेकिन, यह चुनाव बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा अहम साबित होने जा रहा है। यहां मिली जीत या हार उसके 2024 लोकसभा चुनाव का मूड सेट करेगी। इसके लिए बीजेपी ने खास रणनीति भी तय की है।
मिशन में जुटे येदियुरप्पा
पिछले तीन महीनों में बीजेपी ने चुपचाप कर्नाटक में अपने सबसे कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा को अभियान पर लगा दिया है। उन्होंने राज्य के चारों ओर घूम कर बीजेपी के लिए अभियान का नेतृत्व करना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने 224 सदस्यीय विधानसभा की 150 सीटों पर कब्जा करने का एक मुश्किल लक्ष्य रखा है। निवर्तमान विधानसभा में भाजपा के पास 119 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 75 और जद (एस) के पास 28 विधायत हैं।
चुनाव आयोग ने 10 मई को मतदान और 13 मई को मतगणना की घोषणा की है। तेज और आक्रामक प्रचार के लिए मंच तैयार है। बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती है। अब तक कर्नाटक में कोई भी मुख्यमंत्री नए जनादेश के लिए दोबारा लौटने में सफल नहीं रहा है। इसके अलावा, कर्नाटक में भाजपा सरकार भारी सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है, नेतृत्व का संकट भी पैदा हो रहा है।
बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाने के मुद्दे पर चुप्पी
बीजेपी ने सीएम बसवराज बोम्मई और येदियुरप्पा के बीच किसी भी तरह की अनबन से इनकार किया है। लेकिन बीजेपी नेतृत्व बोम्मई को मुख्यमंत्री के रूप में दोहराने के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। हालांकि उन्हें विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जे.पी. नड्डा सहित पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा और उनके परिवार, विशेष रूप से उनके बेटे और राज्य भाजपा उपाध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र को खास तरजीह दी है।
येदियुप्पा के बेटे को मिलेगी अहम सीट
चुनावों की घोषणा से एक सप्ताह पहले अमित शाह ने येदियुरप्पा के आधिकारिक निवास का दौरा किया और सार्वजनिक रूप से विजयेंद्र के लिए अपना समर्थन दिखाया। 25-सदस्यीय कर्नाटक भाजपा चुनाव अभियान समिति में येदियुरप्पा और विजयेंद्र के साथ-साथ राज्य इकाई के प्रमुख नलिन कटील, राज्य के केंद्रीय मंत्री और प्रमुख जाति के नेता शामिल हैं। बताया जा राह है कि विजयेंद्र को विधानसभा की एक अहम सीट से उतारा जाएगा।
2024 योजना के लिए कर्नाटक बेहद अहम
कर्नाटक बीजेपी के लिए उसकी 2024 की योजना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह राज्य लोकसभा में 28 सांसद भेजता है, जिनमें से 2019 में 25 ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। दक्षिण में अपने एकमात्र गढ़ को बनाए रखना बीजेपी के मिशन 2024 के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही पार्टी पड़ोसी केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में भी कड़ी मेहनत कर रही है। बीजेपी बूथ स्तर पर अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत कर रही है। बीजेपी पीएम मोदी की भीड़ खींचने की क्षमता और बीएसवाई के अनुभव पर बहुत अधिक भरोसा कर रही है। इसके अलावा बीजेपी राज्य में हिंदुत्व के मुद्दे पर भी फोकस कर रही है। पिछले साल कर्नाटक ने हिजाब, हलाल भोजन और कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर कार्रवाई को लेकर सरकार के रुख ने बताया कि पार्टी हिंदुत्व के मुद्दे पर समझौता नहीं करेगी।
बीजेपी के लिए कर्नाटक चुनाव जीतना बेहद जरूरी है। अगर उसे यहां जीत मिलती है तो 2024 चुनाव के लिए बड़ा हौसला मिलेगा और पार्टी आक्रामक अंदाज में प्रचार में उतरेगी। अगर उसे हार मिलती है तो 2024 का रास्ता थोड़ मुश्किल हो सकता है। इससे विपक्षी एकजुटता को भी धार मिलेगी। चुनावी हार की सूरत में विपक्ष और आक्रमक तरीके से बीजेपी को घेरेगा वहीं, बीजेपी के सामने पुराने आंकड़े को दोहराना भी चुनौती बन जाएगा। क्योंकि विधानसभा चुनाव का हार लोकसभा सीटों पर भी नजर आएगा।
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