NCP के बंटने की कहानी 'नवाब' की जुबानी, क्या चुनाव के बाद अजित पवार और शरद पवार आयेंगे एकसाथ ?

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने पार्टी के बंटने की इनसाइट स्टोरी का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि शरद पवार और अजित पवार साथ आएं, ये सभी कार्यकर्ता और महाराष्ट्र की जनता चाहती हैं, लेकिन ये फैसला इन दोनों नेताओं को ही करना है। इस दौरान नवाब मलिक ने उद्धव ठाकरे से अपने संबंधों पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे से उनके आज भी अच्छे संबंध हैं।

नवाब मलिक की जुबानी एनसीपी के दो फाड़ की 'इनसाइड स्टोरी'

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इंटरव्यू में पार्टी के बंटने की इनसाइट स्टोरी बताई। साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी को लेकर भी बातचीत की। उन्होंने कहा महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी की हमारी वजह से शुरुआत हुई थी और हम ही उसका अंत करेंगे ये सच्चाई है। पवार साहब ने तो 2014 के चुनाव के नतीजों के बाद हम विरोध कर रहे थे, लेकिन उन्होंने बीजेपी को अनकंडीशनल सपोर्ट का ऐलान कर ही दिया था। अजित पवार ने साफ किया है कि वे पॉलिटिकल एडजस्टमेंट में बीजेपी के साथ हैं। वैचारिक रूप से हमारे मतभेद हैं। बीजेपी की सारी बातों से हम कभी भी सहमत हो ही नहीं सकते। उद्धव जी, पवार साहब, मुलायम सिंह यादव, लालू यादव, ममता बनर्जी, फारुख अब्दुला, महबूबा और यहां तक कि कम्युनिस्ट भी बीजेपी के साथ पॉलिटिकल एडजस्टमेंट करते रहे हैं।

2019 की दिल्ली में हुई मीटिंग में नहीं थे शामिल

2019 की दिल्ली में हुई मीटिंग का मैं हिस्सा नहीं था लेकिन अजित दादा अगर कुछ बोल रहे हैं तो गलत नहीं हो सकता। ये बात सही कि पवार साहब ने कई बार संकेत दिए कि बीजेपी के साथ जाना चाहिए। पर्दे के पीछे की कहानी दादा जो बोल रहे हैं वो सच हो सकता है। अडानी के घर मीटिंग क्यों हुई या कहां हुई इसकी मुझे जानकारी नहीं है लेकिन दादा अगर बोल रहे हैं तो सच होगा।

पार्टी के कुछ लोग नहीं चाहते थे दादा की वापसी

दोनों तरफ बातचीत चल रही थी, मीटीगें हुई, उसमें तय हुआ कि शिवसेना के साथ जाना है। लेकिन नेहरू सेंटर में कांग्रेस से मंत्रिमंडल के लिए जो बातचीत हुई उस वक्त कांग्रेस का जो रवैया था उससे अजित दादा नाराज़ हुए थे जिसके बाद उन्होंने फैसला किया लेकिन हम दादा को वापस लाए। लेकिन एनसीपी के भीतर ही कुछ लोग थे जो नहीं चाहते थे कि दादा वापस आएं क्योंकि उनको लगता था कि दादा के रहने से उनकी राजनीति नहीं चल पाएगी। उन्हीं के कारण परिवार में फुट पड़ी।

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