2024 से पहले नीतीश का मास्टरस्ट्रोक साबित होगी जाति जनगणना? जानिए राष्ट्रीय स्तर पर क्या होगा प्रभाव

राष्ट्रीय स्तर पर इस रिपोर्ट की बात करें तो जाति आधारित जनगणना की मांग केंद्र में भी उठती रही है। लगभग सभी क्षेत्रीय पार्टियां, भाजपा के कुछ सहयोगी दल भी इसके पक्ष में रहे हैं। कांग्रेस और उसके नेता लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं

बिहार में आज जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट हुई जारी (फोटो- tejashwiyadav)

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने आज यानि कि रविवार को जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी कर दी है। इस मामले पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव तब भी साथ थे, जब वो एक दूसरे के विरोध में थे, बाद में जब साथ हुए और सरकार बनाई तो इसपर तेजी से काम हुआ। बीच में कोर्ट से रोक लगी फिर कोर्ट से ही हरी झंडी मिली, तब इस जनगणना को सरकार ने पूरा किया। 2024 के चुनाव से पहले जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट आना नीतीश सरकार का एक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।

बिहार में क्या होगा

बिहार में अगर जाति जनगणना के प्रभाव की बात करें तो यह भाजपा के लिए ये मुश्किलें पैदा कर सकता है। बिहार की राजनीति जातियों के बीच घूमती रही है। जाति आधारित जनगणना के विरोध में राज्य लेवल पर भाजपा कभी आ नहीं पाई। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी इसके सपोर्ट में बयान दे चुके हैं।
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