क्या अब दारा सिंह चौहान बनेंगे मंत्री? नामंकन में सीएम योगी की मौजूदगी के मायने समझिए
Dara Singh Chauhan: दारा सिंह चौहान ने सीएम योगी की उपस्थिति में नामंकन दाखिल कर दिया है। कहीं न कहीं ये इस ओर इशारा कर रहा है कि एक बार फिर से वो योगी सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा का ये दांव कितना सफल होगा, आपको सियासी गुणा-गणित समझाते हैं।
दारा सिंह चौहान ने दाखिल किया नामांकन।
UP Politics News: राजनीति की कौन कब बेवफा हो जाए और किसकी किस्मत कब चमक जाए, इसका अंदाजा लगा पाना बिल्कुल वैसा ही है, जैसे रेत के भंडार में सुई को ढूंढना। घोसी विधानसभा उपचुनाव में जब दारा सिंह को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी, तो उस वक्त वो खुद को कोस रहे होंगे। हालांकि अब उनकी किस्मत पलटने वाली है। सीएम योगी की उपस्थिति में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के उपचुनाव के लिए नामंकन दाखिल किया है।
दारा सिंह चौहान ने दाखिल किया नामांकन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद (एमएलसी) उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान ने नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद रहे। बता दें, डॉ. दिनेश शर्मा के इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई विधान परिषद की सीट पर पहले मतदान 29 जनवरी को होना था। लेकिन 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कारण सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग ने सोमवार को संशोधित चुनाव कार्यक्रम जारी किया था। अब 30 जनवरी को उपचुनाव होगा। वहीं नाम वापसी 22 जनवरी के बजाय 23 जनवरी को होगी। डॉ. शर्मा की एमएलसी सीट का कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक है।
क्या अब दारा सिंह चौहान बनेंगे मंत्री?
लोकसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में सभी पार्टियां हर तरह के सियासी गुणा-गणित में जुटी हुई है। भाजपा भी किसी तरह की कोताही बरतने के मूड में नहीं है। चौहान वोटबैंक को देखते हुए दारा सिंह चौहान को अगर योगी सरकार में मंत्री पद मिल जाए, तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी।
दल बदलने में माहिर हैं दारा सिंह चौहान
जैसे-जैसे हवा बदलती है, कुछ नेता अपना रुख बदल लेते हैं। दारा सिंह चौहान के दल बदलने का इतिहास बड़ा पुराना है। इसे समझने के लिए एक ही लाइन काफी है, कांग्रेस, सपा, बसपा, भाजपा, सपा, भाजपा... छात्र नेता के रूप में दारा सिंह चौहान काफी एक्टिव थे। छात्र राजनीति के बाद वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) से जुड़कर राजनीति में सक्रिय हो गए। हालांकि कांग्रेस का साथ लंबा नहीं चला और वर्ष 1996 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और लगातार दो बार वो राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद उन्होंने बसपा का साथ पकड़ लिया। फिर भाजपा, फिर से सपा और अब फिर से भाजपा।
हटने वाला है सियासी करियर पर लगा ब्रेक
पिछले वर्ष समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने वाले दारा सिंह चौहान के सियासी करियर पर लगा ब्रेक अब हटने वाला है। विधायकी के चुनाव में भले ही हार मिली, मगर अब वो विधान परिषद सदस्य के तौर पर उच्च सदन में नजर आएंगे। विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले योगी सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद वो अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। उस वक्त ये शोर था कि सपा और भाजपा के बीच इस चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
घोसी सीट से दारा सिंह चौहान को मिली थी जीत
उस वक्त सपा ने दारा सिंह को घोसी से मैदान में उतारा और उनकी जीत हुई। मगर सपा की सरकार नहीं बनी, एक साल बीते ही थे कि दारा सिंह चौहान ने भाजपा में वापसी कर ली। उनकी विधानसभा सदस्यता भंग हो गई, मगर भाजपा ने उन्हें उसी सीट से दोबारा मैदान में उतारा और वो हार गए। दारा सिंह को कुछ वक्त तक कुर्सी से दूर रहना पड़ा, मगर अब वो फिर से मंत्री बन सकते हैं।
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