टूट जाएगा INDIA गठबंधन या आप और कांग्रेस में होगा मिलाप? समझिए सारा गुणा गणित

Future of Opposition Alliance: ऐसा लगने लगा है कि लोकसभा चुनाव के लिए बने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) में पहली बार टूट होने वाली है। क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने एक दूसरे को खूब नीचा दिखाया। आपको इस रिपोर्ट में सारा गुणा गणित समझाते हैं।

Future of Opposition Alliance

टूटने वाला है विपक्षी गठबंधन INDIA?

क्या विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में आधिकारिक तौर पर पहली बार टूट होने जा रही है? ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ने पर विचार कर रही है । एक दिन पहले ही राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इससे जुड़े सवाल पर जवाब दिया कि 'इंडिया' गठबंधन के साथ बने रहने के मुद्दे पर 'आप' का शीर्ष नेतृत्व निर्णय लेगा।

इंडिया गठबंधन के बिखरने का सिलसिला शुरू!

पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव और फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव... इंडिया गठबंधन में दरार बढ़ती ही जा रही है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे की सहयोगी दल कम और जानी दुश्मन ज्यादा लगने लगी हैं। दोनों सियासी पार्टियां एक-दूसरे को नीचा दिखाने पर तुली रहती हैं। हरियाणा में आप के चलते कांग्रेस को हार मिली, तो दिल्ली में आप को हराने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि अब आम आदमी पार्टी इस बात पर विचार करने लगी है कि उसे इंडिया गठबंधन से अपना नाता तोड़ लेना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो यहीं से इंडिया गठबंधन के बिखरने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

कांग्रेस या आप विपक्षी गठबंधन के लिए कौन ज्यादा जरूरी?

इस सवाल का जवाब समझने में ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्योंकि हर कोई इस बात को समझता है कि राष्ट्रीय राजनीति में आम आदमी पार्टी से कही बड़ा कद कांग्रेस पार्टी का है, भले ही वो दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार 0 पर क्लीन बोल्ड हो गई हो। लेकिन लोकसभा चुनाव में वो देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी और उसके पास 99 सांसद हैं। जबकि आम आदमी पार्टी के पास सिर्फ 3 लोकसभा सांसद हैं। ऐसे में कांग्रेस की अहमियत आप की तुलना में काफी अधिक होगी।

रही बात दिल्ली में आप को मिली हार की तो ये समझा जा सकता है कि कांग्रेस ने हरियाणा और दिल्ली दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी को गठबंधन का विकल्प दिया था। हालांकि दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी की जिद और अड़ियल रवैये के चलते गठबंधन नहीं हुआ। केजरीवाल ने खुद ये ऐलान किया कि दिल्ली में आप अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। अब यहां उमर अब्दुल्ला की बात याद आ रही है- और लड़ो आपस में... ये भला कैसा गठबंधन है, जो कभी पार्टियों को एकसाथ ला देता है और गठबंधन में रहते हुए एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़वाता है और तो और चुनाव में अपने सहयोगियों को पानी पी पीकर कोसने के लिए मजबूर भी कर देता है।

गठबंधन में बनी रहना चाहती है या नहीं आम आदमी पार्टी?

अब ये सवाल तो वाकई बड़ा है कि आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल रहना चाहती है या नहीं? इसका जवाब फिलहाल धुंधला है, क्योंकि जब संजय सिंह से इस सवाल का जवाब मांगा गया तो उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पाले में गेंद डाल दी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के संबंधों में आई खटास के बीच, ‘आप’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ बने रहने के मुद्दे पर उनकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व निर्णय लेगा। राज्यसभा सदस्य सिंह से जब पूछा गया कि क्या आपकी पार्टी, ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी, तो उन्होंने कहा, 'पार्टी नेतृत्व इस पर फैसला करेगा। अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।'

गठबंधन के कई नेताओं ने एकता और सामंजस्य पर जोर दिया

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इन दोनों दलों के बीच तालमेल नहीं बन पाने से भाजपा को फायदा पहुंचने के दावों के बीच, ‘इंडिया’ गठबंधन के कई नेताओं ने एकता और सामंजस्य पर जोर दिया। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि ‘आप’ ने विधानसभा चुनावों में गठबंधन से इनकार कर दिया था, ऐसे में अब उसपर (कांग्रेस पर) आरोप लगाना गलत है।

यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली में ‘आप’ की हार के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी इसकी समीक्षा कर रही है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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