क्या महाराष्ट्र चुनाव से पहले बिखर जाएगा विपक्ष? शरद पवार दिखाएंगे सियासी पावर; जानें कहां फंस सकता है पेंच

Maharashtra Politics: क्या महाराष्ट्र चुनाव से पहले बिखर सूबे की सियासत में कोई बड़ा उलटफेर होने वाला है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि विपक्षी दलों के गठबंधन एमवीए के बीच एक मसले को लेकर दरार बढ़ सकती है। जिसकी ओर खुद शरद पवार ने इशारा किया है। क्या है वो माजरा आपको समझाते हैं।

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महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन का क्या होगा?

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से पहले राजनीतिक दलों के बीच कशमकश का दौर तेज हो चुका है। महाविकास अघाड़ी (MVA) में शामिल पार्टियों कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूटीबी) ने बीते लोकसभा चुनावों में सूबे की 48 में से 30 सीटों पर जीत हासिल करके अपना दबदबा स्थापित किया। अब सवाल ये है कि विपक्षी गठबंधन एमवीए का विधानसभा चुनावों में क्या होगा। अगर तीनों पार्टियों के बीच पेंच फंसता है, तो उसकी वजह क्या होगी? आपको इस लेख में राज्य के सियासी हालात से रूबरू करवाते हैं।

महाराष्ट्र में कहां फंस सकता है सियासी पेंच?

विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम सियासी पार्टियों और दिग्गज नेताओं ने अपनी-अपनी कमर कस ली है। विपक्ष गठबंधन में शामिल शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के दिग्गज इस कोशिश में जुट गए हैं कि सूबे की सत्ता से भाजपा नीत महायुति गठबंधन की शिंदे सरकार को उखाड़ फेंका जाए। इसके लिए रणनीतियां तैयार की जा रही हैं। कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों से विपक्षी दलों को इस बात का भरोसा आया है कि वो इस बार भाजपा नीत सरकार को परास्त करने में पूरी तरह सक्षम हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये विपक्षी गठबंधन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तक टिका रह पाएगा। इसके लिए सीट बंटवारा सबसे अहम कड़ी साबित होगा, जहां पेंच फंस सकता है।

पिछली बार के मुकाबले कितना अलग है ये चुनाव?

साल 2019 में जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हुए थे तो उस वक्त भाजपा और शिवसेना गठबंधन में सहयोगी थे। दोनों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। हालांकि इस बार का चुनाव पिछली बार की तुलना में काफी अलग होगा। इसकी वजह ये है कि जब 2019 में चुनाव हुए थे तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में दो फाड़ नहीं हुए थे। अब राज्य की दोनों ही मुख्य पार्टियों में दो धड़ा बन चुका है। शिवसेना की बात करें तो एक शिवसेना (यूटीबी) की कमान उद्धव के हाथ में है, तो दूसरी शिवसेना की बागडोर सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे संभाल रहे हैं। वहीं एनसीपी का जिक्र किया जाए तो एनसीपी (एसपी) के मुखिया शरद पवार हैं, तो बागी नेताओं की एनसीपी के रहनुमा उनके भतीजे अजित पवार हैं।

पहली बार महाराष्ट्र में होने जा रहा है ऐसा सियासी खेल

शिवसेना (यूटीबी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस एकसाथ गठबंधन में हैं, तो भाजपा के साथ अजित पवार और एकनाथ शिंदे की पार्टी गठबंधन में है। दोनों पार्टियों के टूटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। चारों नेताओं शरद पवार, अजित पवार, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के लिए ये किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि इस बार का चुनाव हर बार की तुलना में कितना अलग होगा।

अभी तक नहीं शुरू हुई सीट बंटवारे पर कोई बातचीत

हैरानी की बात है कि लोकसभा चुनाव बीत चुके हैं, विधानसभा चुनाव की खातिर तैयारियां तेज हो चुकी हैं, लेकिन अब तक सीट बंटवारों पर चर्चा तक शुरू नहीं हुई है। सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को सेट करने में ज्यादा देरी की जाएगी तो शायद चुनाव के वक्त पार्टियों के बीच मनमुटाव गहरा सकता है। उद्धव की शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि महाराष्ट्र चुनाव के लिए एमवीए में सीट बंटवारे पर अभी बातचीत शुरू नहीं हुई है।

विधानसभा चुनाव के लिए क्या है उद्धव खेमे की तैयारी?

राउत ने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे पर अभी बातचीत शुरू नहीं हुई है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विपक्षी गठबंधन में सभी समान हितधारक हैं। उन्होंने कहा कि एमवीए ने एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ा और दुनिया को यह दिखा दिया कि कैसे महाराष्ट्र ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पूर्ण बहुमत हासिल करने से रोक दिया।

पवार की टिप्पणी के बाद कितनी अहम राउत का बयान?

संजय राउत ने कहा, 'आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर अभी तक न तो राकांपा (एसपी) और न ही कांग्रेस के साथ बातचीत शुरू हुई है। इसलिए यह सवाल ही नहीं उठता कि कौन कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगा। सभी बराबर के हितधारक हैं।' उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीट हैं। किसी के लिए भी सीट की कमी नहीं होगी। सभी आराम से चुनाव लड़ सकते हैं।' संजय राउत की टिप्पणी ऐसे समय में आई जब राकांपा (एसपी) के एक नेता ने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के हवाले से कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने एमवीए के घटक दलों की तुलना में कम सीट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग होगी।

शरद पवार के बयान के क्या हो सकते हैं मायने?

जाहिर है, महाराष्ट्र में सबसे शानदार स्ट्राइक रेट पर जीत हासिल करने वाली शरद पवार की पार्टी को विधानसभा चुनाव में अधिक उम्मीदें होंगी। वजह हर कोई जानता है, लेकिन राउत ने इस पर कहा कि लोकसभा चुनाव में राकांपा (एसपी) ने सबसे ज्यादा सीट जीतीं। वह 10 सीट पर चुनाव लड़कर आठ पर विजयी रही। उन्होंने दावा किया कि 'शिवसेना (यूबीटी) ने 21 में से नौ सीट जीतीं, लेकिन विपक्ष ने सबसे ज्यादा हमारी ही पार्टी को निशाना बनाया। राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) दो-तीन सीट मामूली मतों के अंतर से हारी है।' समझा जा सकता है कि उद्धव की शिवसेना कोई भी समझौता करने के मूड में नहीं है, जिसकी ओर राउत ने साफ इशारा कर दिया है। महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी में शामिल शिवसेना (यूबीटी) को 9, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) को 8 और कांग्रेस को 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई। एमवीए ने राज्य की 48 सीट में से 30 सीट पर जीत हासिल की थी।

सियासी सरगर्मी के बीच शरद पवार ने की ये वकालत

इस बीच शरद पवार ने शनिवार को कहा कि महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अधिक अवसर दिए जाने चाहिए क्योंकि 'जिम्मेदारी सिर्फ पुरुषों के लिए आरक्षित नहीं है।' पवार यहां 'यशस्विनी सम्मान समारोह' में बोल रहे थे जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं को समाज में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने और उनके भाइयों ने जो पुरस्कार जीते हैं, उनका श्रेय 'मां को जाता है।' उन्होंने कहा, 'जिम्मेदारी केवल पुरुषों के लिए आरक्षित नहीं है। महिलाओं को भी अवसरों की जरूरत है। उन्हें विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अधिक अवसर दिए जाने चाहिए। अगर मौका दिया जाए तो महिलाएं मेहनत करके दिखा सकती हैं और यह एक सिद्ध तथ्य है।' उन्होंने कहा, 'मेरे परिवार में शिक्षा के दरवाजे मेरी मां ने खोले। मेरे भाइयों अप्पासाहेब और प्रतापराव को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है, जबकि मुझे पद्म विभूषण मिला है। इन सब पुरस्कारों का श्रेय मेरी मां को जाता है।' पूर्व रक्षा मंत्री पवार ने कहा कि उन्हें सशस्त्र बलों में महिलाओं को आरक्षण देने के अपने फैसले पर गर्व है। उन्होंने दावा किया कि महिलाओं के वायुसेना में शामिल होने के बाद से दुर्घटनाओं में कमी आयी है।

भाजपा भी बना रही विधानसभा चुनाव की रणनीति

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी है। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए भाजपा ने एक बैठक की। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। बताया गया कि यह बैठक शुक्रवार रात हुई, जो पांच घंटे तक जारी रही और इसमें चुनाव प्रचार अभियान की योजना बनाने तथा रणनीति को अंतिम रूप देने पर गहन मंथन किया गया। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अक्टूबर में होने की संभावना है।
पार्टी के एक सूत्र ने बैठक के संबंध में कहा, 'हमारी पहली बैठक पांच घंटे जारी रही और उसमें विधानसभा चुनाव के लिए प्रारंभिक रूपरेखा पर चर्चा की गई। कार्ययोजना को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा और बैठकें की जाएंगी।' शनिवार रात की बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, भाजपा महासचिव विनोद तावड़े, पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार, वरिष्ठ नेता रावसाहेब दानवे और पंकजा मुंडे समेत अन्य शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि गठबंधन सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे पर बाद में बात की जाएगी।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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