राहुल गांधी कराएंगे जातीय जनगणना! सड़क से लेकर संसद तक क्यों मचा संग्राम; 10 पॉइंट में समझें सारा विवाद

Caste Census: मोदी सरकार 3.0 में विपक्ष काफी मजबूत है, लेकिन इस बार उसने सड़क से लेकर संसद तक कई ज्वलंतशील मुद्दों को जमकर भुनाया है। इनमें से एक जातीय जनगणना भी है, जिसे विपक्षी नेताओं ने लोकसभा चुनाव में भी उछाला। आपको इस पर छिड़े बवाल से जुड़ी अहम बातें समझाते हैं।

Rahul Gandhi on Caste Census

जातीय जनगणना पर छिड़ा सारा विवाद समझिए।

Jati Janganana Controversy in 10 Points: बिहार में जाति आधारित जनगणना हुई, जिसके बाद से विपक्षी दलों ने देशभर में जातीय जनगणना (Caste Census) कराने की मांग तेज कर दी। अब राहुल गांधी ने दावा किया है कि वो जातिगत गणना कराएंगे। सड़क से संसद तक जातिगत जनगणना के मुद्दे पर हंगामा बरप रहा है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सांसदों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है और जातीय जनगणना करवाने के लिए लगातार लोकसभा में जोरदार हंगामा और नारेबाजी कर रहे हैं। आपको विवाद से जुड़े 10 अहम पॉइंट आपको इस लेख में समझाते हैं।

1). जातीय जनगणना की मांग को लेकर लोकसभा में हंगामा

कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसद जातीय जनगणना करवाने की मांग पर अड़े हुए हैं। हंगामा और नारेबाजी का सिलसिला जारी है। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही में बाधाएं आ रही हैं। विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा वेल में आकर तख्तियां लहराया। विपक्षी सांसद लगातार सरकार के खिलाफ नारे लगाते रहे, जातीय जनगणना की मांग करते रहे और माफी मांगने की भी मांग करते रहे। विपक्षी सांसदों के हंगामे पर सवाल खड़ा करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सुबह शाम जाति की बात करने वाले राहुल गांधी और कांग्रेस यहां जाति पूछने पर सवाल खड़ा करना चाहते हैं।

2). संसद में हंगामे के बीच राहुल गांधी पर भड़के किरेन रिजिजू

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश को तोड़ने के लिए सबसे पहले सेना के खिलाफ बयानबाज़ी की और सेना का मनोबल कमजोर करने का प्रयास किया। कांग्रेस ने भारत के लोकतंत्र को खत्म करने के लिए काम किया है। ये देश में हिंसा भड़काने और अराजकता फैलाने के लिए उकसाते हैं। देश को कमजोर करने के लिए काम करते हैं और सड़क से लेकर सदन तक कांग्रेस पार्टी डिस्टर्ब करती है। किरेन रिजिजू ने प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में कांग्रेस एवं उसके सहयोगी दलों के हंगामे और रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सरकार सदन के नियम से चलेगी। बीएसी की बैठक में जो तय हुआ था, कांग्रेस उसका भी उल्लंघन कर रही है।

3). राहुल पर किसने लगाया जिन्ना की चाल दोहराने का आरोप?

'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर सुर्खियों में आए फिल्म मेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें सबसे ऊपर लिखा गया- 'जातीय जनगणना एक भयावह राजनीतिक चाल क्यों है?' अपने पोस्ट में फिल्ममेकर ने लिखा, 'मैं अपनी फिल्म 'द दिल्ली फाइल्स' में ज्यादा बिजी हूं, इसलिए मैं राजनीति में क्या हो रहा है, इस पर बारीकी से नजर नहीं रख पा रहा हूं। कल रात मैंने राहुल गांधी का भाषण देखा, और इसमें एक बड़ी समस्या है। अगर जातियों के लिए चिंता सचमुच होती, तो मैं इसे समझता, लेकिन यह सिर्फ हिंदू वोटों को बांटने और सत्ता हासिल करने के लिए है। इस भयावह अभियान के केंद्र में पीएम मोदी हैं, जाति नहीं। यह मोदी पर केंद्रित है, जाति पर नहीं। इसलिए यह सच नहीं है, यह भयावह है।'

4). कैसे एक बार फिर जातीय जनगणना के मुद्दे ने पकड़ा तूल?

30 जुलाई की बाद है, लोकसभा में उस समय हंगामा हो गया, जब भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने जातिगत गणना के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया। ठाकुर ने कहा, "जिसकी जाति का पता नहीं है, वह जातिगत गणना की बात कर रहे हैं।" अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा कि उधार की बुद्धि से राजनीति नहीं चलती। आजकल कुछ लोगों पर जातिगत जनगणना का भूत सवार है।

5). क्या अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी को गाली दी? जानें सारा माजरा

अनुराग ठाकुर के 'जाति' संबंधी टिप्पणी पर पलटवार करते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, 'अनुराग ठाकुर ने मुझे गाली दी है, मेरी बेइज्जती की है, लेकिन मुझे इनसे माफी भी नहीं चाहिए। मुझे इसकी जरूरत नहीं है। आप मुझे जितना चाहें अपमानित कर सकते हैं, लेकिन आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि हम संसद में जातीय जनगणना विधेयक पारित कराएंगे। गरीबों और वंचितों के लिए आवाज उठाने वालों को अक्सर गालियां मिलती हैं। हम सभी गालियां सहने के लिए तैयार हैं और जातीय जनगणना करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

6). राहुल गांधी ने किया बड़ा दावा- हम जातीय जनगणना कराएंगे

हंगामे के बीच राहुल गांधी ने कहा, "इस देश में जो भी दलितों के लिए बोलता है, उनके लिए लड़ता है, उसे दूसरों से गालियां खानी पड़ती हैं। मैं सारी गालियां खुशी-खुशी खा लूंगा। महाभारत में अर्जुन की तरह मैं केवल मछली की आंख देख रहा हूं। हम जातीय जनगणना कराएंगे। आप मुझे जितनी चाहें उतनी गालियां दे सकते हैं।"

7). लोकसभा में अखिलेश यादव और अनुराग ठाकुर के बीच नोकझोंक

भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के बयान पर सपा सांसद अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि आप किसी की जाति कैसे पूछ सकते हैं? आप किसी की जाति नहीं पूछ सकते। इस बीत लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। अनुराग ठाकुर ने कहा अखिलेश यादव जी सिर्फ ज्ञान मत बांटिए। राहुल गांधी के साथ बैठकर अफवाह फैलाना मत सीखिए।

8). जातिगत जनगणना को लेकर पीएम मोदी पर भड़के खड़गे

संसद में किसी की जाति नहीं पूछी जाती। ऐसा जानबूझकर अपमान करने के लिए किया गया है। प्रधानमंत्री को भी ऐसी अशोभनीय बातों का समर्थन नहीं करना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि कब और किन बातों का बचाव करना है। मैं ऐसी अशोभनीय बातों का और उनके समर्थन में किए गए नरेंद्र मोदी के ट्वीट की घोर निंदा करता हूं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा संसद में दिए भाषण की तारीफ की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर कहा, 'यह भाषण मेरे युवा और ऊर्जावान सहयोगी अनुराग ठाकुर का है। जिसे अवश्य सुनना चाहिए। यह तथ्यों से समाहित है। यह इंडी गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है।' इसी को लेकर खड़गे ने पीएम मोदी को खरी-खोटी सुना दी।
इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जातिगत जनगणना को लेकर मंगलवार को अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा, “हां, मैं भारतीय हूं और दलित हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। हां, मैं आदिवासी हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। हां, मैं ओबीसी हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम कितने हैं। आज हम सभी को यह आंकने की ज़रूरत है कि इस देश की तरक़्क़ी में हमारी कितनी भागीदारी है। बीजेपी-आरएसएस वालों की हमसे यह छिपाने की साज़िश है, ताकि वो हमें पिछड़ा रख सकें और बहाने से आरक्षण छीनकर हमारे अधिकारों पर कब्जा जमा सके!”

9). जातीय जनगणना को लेकर मायावती ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को कोसा

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को कहा कि जातिवार जनगणना को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के बीच मंगलवार को संसद में हुई तकरार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज को छलने की कोशिश है। साथ ही उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना जैसे राष्ट्रीय मुद्दे पर केन्द्र सरकार को गम्भीरता दिखाने की जरूरत है। मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक हैंडल पर कहा, 'कल संसद में खासकर जाति व जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस और भाजपा में हुई तकरार (दरअसल) नाटकबाज़ी तथा ओबीसी समाज को छलने की कोशिश है, क्योंकि उनके आरक्षण को लेकर दोनों ही पार्टियों का इतिहास खुलेआम व पर्दे के पीछे भी घोर ओबीसी-विरोधी रहा है। इन पर विश्वास करना ठीक नहीं है।' उन्होंने कहा, 'बसपा के प्रयासों से यहाँ लागू हुए ओबीसी आरक्षण की तरह ही, राष्ट्रीय जातीय जनगणना जनहित का एक ख़ास राष्ट्रीय मुद्दा है और इसके प्रति केन्द्र को गंभीर होना जरूरी है। देश के विकास में करोड़ों गरीबों-पिछड़ों व बहुजनों का भी हक है जिसकी पूर्ति में जातीय जनगणना की अहम भूमिका है।'

10). मुझे गर्व है कि मैं जाट हूं और मेरी जाति ओबीसी श्रेणी में आती है: धनखड़

सरकार और विपक्ष के बीच जातीय जनगणना पर छिड़ी लड़ाई में राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने मंगलवार को बताया कि उन्हें गर्व है कि वह जाट हैं और उनकी जाति को राजस्थान के साथ ही केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा मिला हुआ है। सभापति को अपनी जाति के बारे में यह सफाई राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान उस वक्त देनी पड़ी जब सत्ता पक्ष के एक सदस्य ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए धनखड़ को ओबीसी बताया और उस पर कांग्रेस की एक सदस्य ने सवाल खड़े किए।
विपक्षी दलों ने बीते लोकसभा चुनाव में जातीय जनगणना के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। खुद नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड जब विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) के साथ थे, तो उन्होंने देशभर में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग जोर-शोर से उठाई थी। कई विपक्षी पार्टियों ने तो अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल तक किया था। हालांकि अब नीतीश पलट चुके हैं, लेकिन विपक्षी दल अपनी इस मांग पर अड़ा हुआ है।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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