लकी सीट बहन प्रियंका के लिए खाली करना राहुल गांधी का साबित होगा मास्टर स्ट्रोक? समझिए कांग्रेस का North और South प्लान
Priyanka Gandhi First Election: प्रियंका गांधी अभी तक अपने आप को चुनाव से दूर ही रखी हुईं थीं। राहुल गांधी जितनी जल्दी राजनीति में आए और संसद पहुंचे, उससे इतर प्रियंका गांधी संगठन में काम करती रहीं, पहले रायबरेली और अमेठी तक सीमित रहीं और फिर जब कांग्रेस में पूरी तरह से सक्रिय हुईं, तब भी वो पार्टी के लिए काम करती रहीं, चुनाव नहीं लड़ीं, लेकिन अब वो वायनाड उपचुनाव के जरिए अपना पहला चुनाव लड़ने जा रही हैं।
वायनाड से प्रियंका गांधी लड़ेगी पहला चुनाव
Priyanka Gandhi First Election: राहुल गांधी अपनी लकी सीट वायनाड से इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके हैं, साथ ही इसका भी ऐलान हो चुका है कि वायनाड में राहुल गांधी की जगह प्रियंका गांधी लेंंगी और भाई की लकी सीट से पहली बार अपना चुनाव लड़ेंगी। प्रियंका गांधी ने अभी तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है, वो अभी तक कांग्रेस के संगठन में काम करती रही हैं और अपनी पारिवारिक सीट रायबरेली और अमेठी में पर्दे के पीछे से लड़ाई लड़ती रही हैं। प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारना और लोकसभा भेजने की तैयारी करना, राहुल गांधी का एक मास्टर स्ट्रोक प्लान भी हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस इस कदम से नॉर्थ और साउथ इंडिया, दोनों क्षेत्रों का समीकरण साध सकती है।
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी बनेंगे लोकसभा में विपक्ष के नेता या कांग्रेस का बैकअप प्लान होगा एक्टिव? समझें पूरी रणनीति
राहुल गांधी का मास्टरस्टोक?
कहने को तो प्रियंका गांधी का यह पहला चुनाव होगा। वायनाड सीट से जिस तरह से राहुल गांधी ने दो बार आसान जीत हासिल की है, उससे ऐसे कहा जा सकता है कि प्रियंका गांधी भी यहां से जीत सकती हैं, हालांकि राजनीति में कुछ निश्चित नहीं होता। अगर प्रियंका गांधी यहां से जीत जाती हैं तो गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में होंगे। सोनिया गांधी राज्यसभा में, राहुल-प्रियंका लोकसभा में। दूसरी जिस वायनाड ने मुश्किल वक्त में गांधी परिवार का साथ दिया था, राहुल गांधी को संसद पहुंचाया था, इस बार भी काफी मतों से जिताया, वहां की जनता को ऐसा नहीं लगेगा कि गांधी परिवार ने उसका साथ छोड़ दिया है, छल किया है, एक गांधी वायनाड से जाएगा तो दूसरा गांधी वायनाड आएगा। इसके साथ ही नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया के समीकरण भी सधे रहेंगे।
कांग्रेस का नॉर्थ-साउथ समीकरण
गांधी नेहरू परिवार के सदस्य आम तौर पर नॉर्थ इंडिया खासकर उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ते रहे हैं। पंडित नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक और संजय गांधी से लेकर राजीव गांधी तक, बाद में सोनिया गांधी से लेकर मेनका गांधी तक और राहुल गांधी से लेकर वरुण गांधी तक उत्तर प्रदेश से ही चुनाव लड़ते रहे हैं और संसद पहुंचते रहे हैं। अभी तक गांधी परिवार के सदस्य मुश्किल वक्त में ही साउथ गए थे। 1977 में हारने के बाद 1980 में इंदिरा गांधी चिकमंगलूर से चुनाव लड़ी थीं। 1999 में सोनिया गांधी बेल्लारी से चुनाव लड़ीं और फिर 2019 में राहुल गांधी वायनाड पहुंचे। पहले गांधी परिवार जीत के बाद साउथ छोड़, नॉर्थ में ही आ जाता था, लेकिन पहली बार है कि राहुल गांधी जब साउथ इंडिया छोड़ रहे हैं तो गांधी परिवार का दूसरा सदस्य उसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहा है। दरअसल 2014 के चुनाव के बाद जब बीजेपी नॉर्थ में काफी मजबूत हो गई और कांग्रेस पिछड़ती गई, तब राहुल गांधी ने साउथ इंडिया पर फोकस किया। जहां उन्हें सफलता मिली। कांग्रेस यहां सबसे ज्यादा सीटें जीती। कई राज्यों में सत्ता में वापसी हुई। 2024 के चुनाव में जब रायबरेली से सोनिया गांधी ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया और राहुल गांधी उनकी जगह आए तो ये तो साफ था कि जीत के बाद राहुल गांधी वायनाड छोड़ेंगे। जिसके बाद यह शंका थी कि राहुल गांधी के साउथ से निकलने के बाद कहीं कांग्रेस वहां कमजोर न हो जाए, लेकिन प्रियंका गांधी के जाने के बाद कांग्रेस का साउथ समीकरण मजबूत होता दिख रहा है। अब गांधी परिवार का एक सदस्य जहां नॉर्थ में कांग्रेस के लिए काम करेगा तो वहीं दूसरा सदस्य साउथ में।
प्रियंका गांधी का पहला चुनाव, सीधे सांसदी का टिकट
प्रियंका गांधी अभी तक अपने आप को चुनाव से दूर ही रखी हुईं थीं। राहुल गांधी जितनी जल्दी राजनीति में आए और संसद पहुंचे, उससे इतर प्रियंका गांधी संगठन में काम करती रहीं, पहले रायबरेली और अमेठी तक सीमित रहीं और फिर जब कांग्रेस में पूरी तरह से सक्रिय हुईं, तब भी वो पार्टी के लिए काम करती रहीं, चुनाव नहीं लड़ीं, लेकिन अब वो वायनाड उपचुनाव के जरिए अपना पहला चुनाव लड़ने जा रही हैं। अगर जीतीं तो लोकसभा में कांग्रेस की आवाज और मजबूत होगी। भविष्य में नेता विपक्ष का पद भी शायद प्रियंका को मिले, क्योंकि राहुल गांधी अभी तक इस पद को लेकर कोई फैसला नहीं कर पाएं हैं। हो सकता है कि प्रियंका के जीतने के बाद राहुल पहले की तरह पार्टी की मजबूती के लिए जमीन पर काम करते रहें और प्रियंका लोकसभा में कांग्रेस का नेतृत्व करती रहीं। हालांकि ये तब होगा जब वायनाड से प्रियंका गांधी जीतेंगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited