क्या केवल मंदिर जाने से खत्म होगी हिंदुओं की पीड़ा? मोहम्मद यूसुफ ने नहीं निभाया 'राजधर्म'
Attacks on Hindus in Bangladesh : बांग्लादेश में मंगलवार को भी हिंदुओं ने प्रदर्शन किया। हिंसा के खिलाफ हिंदुओं में बढ़े आक्रोश के बाद मोहम्मद यूनुस हरकत में आए और वे ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे और हिंदुओं से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया। सवाल मोहम्मद यूनुस से है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले।
- गत पांच अगस्त को शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दिया
- बांग्लादेश में हिंदुओं की संपत्तियों को नुकसान पहुचाया गया
- रिपोर्टों में कहा गया है कि हिंदुओं पर 200 से ज्याद हमले हुए
Attacks on Hindus in Bangladesh : बांग्लादेश में पांच अगस्त के बाद हिंदुओं पर जिस तरह से हमले हुए, उनकी हत्या हुई और उनकी संपत्तियों एवं मदिरों को जिस तरह से निशाना बनाया गया, उससे साफ जाहिर है कि हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार जरा भी गंभीर नहीं है। ऐसा लगता है कि उपद्रवियों और कट्टरपंथियों को हिंसा के लिए खुली छूट मिली गई। कई रिपोर्टें ऐसे भी हैं जिनमें कहा गया है कि उपद्रवियों को देखकर बांग्लादेश की पुलिस भाग खड़ी हुई।
200 से ज्यादा टार्गेटेड हमले
हिंदुओं पर हमले में तेजी पांच अगस्त से आई। इसी दिन शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा देकर और जान बचाकर भारत पहुंचीं। इसके बाद बांग्लादेश के गांवों से लेकर शहरों तक हिंदुओं पर हमलों की बाढ़ सी आ गई। रिपोर्टों में कहा गया है कि पांच अगस्त के बाद हिंदुओं पर 200 से ज्यादा टार्गेटेड हमले हुए हैं। इन हमलों में पांच हिंदुओं की जान गई। ये आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है। यही नहीं हिंदू महिलाओं और लड़कियों का उत्पीड़न किए जाने की भी रिपोर्टें हैं।
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उपद्रवियों से डरे हुए थे पुलिसकर्मी
बताया जाता है कि पांच अगस्त के बाद करीब तीन दिनों तक कानून-व्यवस्था नाम की चीज नहीं थी। पुलिसकर्मी उपद्रवियों से डरे हुए थे। वे ड्यूटी करने नहीं आ रहे थे। ऐसे में हिंसक भीड़ एवं कट्टरपंथियों को हिंदुओं पर जुल्म ढाहने के लिए खुला हाथ मिल गया। हिंदुओं को मारा-पीटा गया, मंदिरों में तोड़फोड़ हुई और संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया। उन सभी प्रतीकों को नष्ट करने की कोशिश हुई जो बांग्लादेश के निर्माण में भारत के योगदान को बताते और दिखाते हैं। कट्टरपंथियों में हिंदुओं के खिलाफ कितना नफरत भरा है, यह सब सामने आ गया।
ढाका में हिंदुओं का बड़ा प्रदर्शन
बांग्लादेश में शुरू से ही अपमान, हिंसा को झेलते रहे हिंदुओं का सब्र का बांध इस बार टूट गया। इस हिंसा के खिलाफ हिंदू सड़कों पर उतर आए और ढाका में वबड़ा प्रदर्शन किया। इन्होंने अंतरिम सरकार जिसके मुखिया मोहम्मद यूनुस हैं उनसे अपनी सुरक्षा की मांग की। बताया जा रहा है कि हिंसा के खिलाफ और सुरक्षा की मांग को लेकर हिंदुओं का अब तक का यह सबसे बड़ा प्रदर्शन है। इस हिंसा के खिलाफ हिंदुओं का प्रदर्शन केवल ढाका में नहीं बल्कि अमेरिका, भारत सहित दुनिया के अन्य देशों में भी हुए हैं।
ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे मो. यूनुस
बांग्लादेश में मंगलवार को भी हिंदुओं ने प्रदर्शन किया। हिंसा के खिलाफ हिंदुओं में बढ़े आक्रोश के बाद मोहम्मद यूनुस हरकत में आए और वे ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे और हिंदुओं से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया। सवाल मोहम्मद यूनुस से है। वह आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर बन गए। यानी कि अंतरिम सरकार के मुखिया। वह डिफैक्टो प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री के सभी अधिकार उनके पास हैं। लेकिन हिंदुओं पर हिंसा रोकने और उपद्रवियों पर कार्रवाई करने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। वह चाहते तो सीधे सेना और सुरक्षा बलों को हिंसा रोकने के लिए आदेश दे सकते थे।
यूनुस अपना दायित्व निभाने में विफल हुए
हिंसक भीड़ और उपद्रवियों को काबू में करने के लिए सख्ती की जरूरत होती है। सेना अगर सड़कों पर मार्च करती, गलियों में उसके कॉलम निकलते। सुरक्षा बलों की लगातार गश्ती होती तो कट्टरपंथियों पर दबाव बनता और उनके मन में भय पैदा होता लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। हिंसा रोकने के लिए कड़े फैसले लेने होते हैं लेकिन मोहम्मद यूनुस अपने इस उत्तरदायित्व पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने अपना राजधर्म नहीं निभाया। केवल मंदिर जाने और हिंदुओं से मुलाकात करने से उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। इस हिंसा के लिए जो भी दोषी हैं उनकी पहचान करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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