महाराष्ट्र: 'लाडकी बहिन' योजना वाले NCP पोस्टर में 'मुख्यमंत्री' नदारद, अजित पवार ने साधी चुप्पी, क्या है रणनीति?

अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) द्वारा महाराष्ट्र सरकार की ‘माझी लाडकी बहिन’ योजना के प्रचार के लिए लगाए गए विज्ञापन पोस्टर से मुख्यमंत्री शब्द नदारद रहा। क्या हैं इसके मायने?

क्या है अजित पवार की रणनीति

Maharashtra Ladki Bahin Scheme: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले नए-नए ट्विस्ट आते दिख रहे हैं। मुकाबला बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति और एमवीए के बीच है। लेकिन चुनाव से पहले ही महायुति में कई सियासी उठापटक होती दिख रही है। अजित पवार की एनसीपी को लेकर लगातार कयासबाजी चल रही है और उनकी पार्टी को लेकर सियासी समीकरण भी उलझ रहे हैं। संघ अपने मुखपत्र आर्गेनाइजर में अजित पवार और उनकी पार्टी पर सवाल उठा चुकी है। इसी बीच गठबंधन सरकार में उप-मुख्यमंत्री अजित पवार भी अपनी राह आगे बढ़ रहे हैं।

‘माझी लाडकी बहिन’ योजना

अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) द्वारा महाराष्ट्र सरकार की ‘माझी लाडकी बहिन’ योजना के प्रचार के लिए लगाए गए विज्ञापन पोस्टर से मुख्यमंत्री शब्द नदारद रहा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिछले महीने विधानसभा में अपने बजट भाषण में ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ योजना की घोषणा की थी। पवार एकनाथ शिंदे सरकार में वित्त मंत्री भी हैं। ये पोस्टर सोमवार को अजित पवार के जन्मदिन के अवसर पर अहमदनगर जिले के पारनेर, अहमदनगर, श्रीगोंडा और कर्जत-जामखेड विधानसभा क्षेत्रों के उनके दौरे के दौरान लगाए गए थे।

‘मुख्यमंत्री’ शब्द नदारद

चारों स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में अजित पवार ने महिलाओं को संबोधित किया और योजना का उल्लेख ‘माझी लाडकी बहिन’ के रूप में किया गया, जबकि ‘मुख्यमंत्री’ शब्द का कोई उल्लेख नहीं किया गया। इससे साफ पता चलता है कि एनसीपी इस योजना का पूरा क्रेडिट सीएम एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी शिवसेना (शिंदे) को नहीं देना चाहती है। विधानसभा में अजित पवार ने ही इस योजना को सामने रखा था।

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