Yahya Sinwar: कौन है याह्या सिनवार जिसे हमास ने चुना नया चीफ, क्रूरता की सारी हदें कर चुका है पार; इजरायल कर रहा तलाश

Yahya Sinwar: 31 जुलाई को इस्माइल हनिया की हत्या के बाद हमास ने अपने गाजा नेता याह्या सिनवार को प्रमुख नियुक्त किया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है कि हमास ने कमांडर याह्या सिनवार को आंदोलन के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख के रूप में चुने जाने की घोषणा की है।

कौन है याह्या सिनवार जिसे हमास ने चुना नया चीफ

Yahya Sinwar: हमास ने अपना नया मुखिया चुन लिया है। याह्या इब्राहिम हसन सिनवार को हमास चीफ की जिम्मेदारी दी गई है। बता दें, 31 जुलाई को तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई थी। 61 वर्षीय याह्या सिनवार का संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने अपनी आधी जिंदगी जेल में गुजारी है। वह इजरायल की जेल में करीब 23 साल तक रह चुका है। इस्माइल हानिया की मौत के बाद वो हमास का सबसे शक्तिशाली नेता है। साल 1962 में दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में जन्मे याह्या सिनवार, हमास के साथ साल 1987 से ही जुड़ा है। याह्या सिनवार के मां-बाप अश्केलॉन के थे। बता दें कि 1987 में ही हमास की स्थापना हुई थी।

Yahya Sinwar

गौरतलब है कि इसी साल इजरायल ने उसे गिरफ्तार करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उसपर दो इजरायली सैनिकों की हत्या और चार फलस्तीनियों के अपहरण के आरोप लगाए गए थे। वह इजरायल की जेल में करीब 23 सालों तक रह चुका है। साल 2011 में उसे कैदी विनिमय सौदे के तहत रिहा किया गया था, उसे इजरायली सैनिक गिलाद शालिट की रिहाई के बदले रिहा किया गया था। इसके बाद साल 2012 में याह्या सिनवार को हमास राजनीतिक ब्यूरो में चुना गया और उन्हें कस्साम ब्रिगेड के साथ समन्वय का काम सौंपा गया। उसने साल 2014 में गाजा में इजरायल के खिलाफ चले सात सप्ताह के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।

2017 में याह्या सिनवार को बनाया गया था हमास के पोलित ब्यूरो का मेंबर

2012 में ही एक अफवाह उड़ी थी कि याह्या सिनवार की मौत हो गई है, लेकिन यह महज एक अफवाह साबित हुई। इसके बाद साल 2015 में अमेरिका ने उसे आतंकवादी घोषित कर दिया। याह्या सिनवार को साल 2017 में हमास के पोलित ब्यूरो का मेंबर बना गया था। याह्या सिनवार को एक क्रूर व्यक्ति माना जाता है। उसकी क्रूरता की कई कहानी है। याह्या सिनवार ने इजराइल के लिए जासूसी करने के शक में एक व्यक्ति को उसके भाई के हाथों ही जिंदा दफन करवा दिया था। 2015 में याह्या सिनवार के आदेश पर हमास कमांडर महमूद इश्तिवी को टॉर्चर कर उसकी जान ले ली गई थी।
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