'कोई दोषी नहीं बचेगा', इधर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका; उधर CM योगी ने दिया ये बड़ा आदेश

Yogi in Hathras: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में एक सत्संग में हुई भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच कराने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है, जो भी लोग जिम्मेदार हैं उन्हें उनकी सजा दिलाई जाएगी। साथ ही योगी ने एक और बड़ा ऐलान किया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया बड़ा आदेश।

CM Yogi in Action Mode: हाथरस की घटना को लेकर इधर अदालत में याचिका दायर हुई कि सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की जाए, उधर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए। योगी कहा है कि 'यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है... इन सभी पहलुओं को जानने के लिए हम न्यायिक जांच भी कराएंगे जो उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी।' उन्होंने कहा, 'इसमें प्रशासन और पुलिस के सेवानिवृत अधिकारियों को रखकर घटना की तह में जाएंगे और जो भी इसके लिए दोषी होगा उन सभी को सजा दी जाएगी।'

'जो भी लोग जिम्मेदार हैं उन्हें मिलेगी सजा'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि हाथरस हादसे में जो भी लोग जिम्मेदार हैं उन्हें उनकी सजा दिलाई जाएगी। कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा। इसके लिए सीएम योगी ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच के भी आदेश दे दिए हैं। हाथरस में घटनास्थल का मुआयना और समीक्षा करने के साथ-साथ घायलों से मिलने के बाद सीएम योगी ने प्रेस वार्ता के माध्यम से इस पूरी घटना की तह में जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस पूरे आयोजन में अंदर की व्यवस्था आयोजन से जुड़े सेवादारों की थी, जबकि प्रशासन द्वारा बाहर पुलिस की व्यवस्था की गई थी, लेकिन हादसा होने के तुरंत बाद सेवादार वहां से भाग निकले। यहां तक कि उन्होंने हादसे के बाद लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की।

एडीजी आगरा की अध्यक्षता में SIT गठित

सीएम योगी ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए हमने एडीजी आगरा की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की है, जिसने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। उन्हें इस घटना के तह में जाने के लिए कहा गया है। बहुत सारे ऐसे पहलू हैं, जिन पर जांच होना बहुत आवश्यक है। भोले बाबा के विरुद्ध एफआईआर नहीं होने के प्रश्न पर सीएम योगी ने कहा कि प्रथम दृष्टया एफआईआर उन पर होती है जिन्होंने एप्लीकेशन की परमीशन मांगी थी। इसके बाद इसका दायरा बढ़ता है। निश्चित रूप से जो लोग भी इस घटना के जिम्मेदार होंगे वो सभी इसके दायरे में आएंगे।

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