Expressway

Expressway देश की रफ्तार देते हैं। एक्सप्रेसवे जिस इलाके से होकर गुजरते हैं, वहां विकास को नई धार मिलती है। Expressways को दूर के शहरों को जोड़ने के लिए बनाया जाता है। इससे कुछ शहरों की दूरी कम हो जाती है, जबकि कुछ शहरों की दूरी बढ़ने के बावजूद सफर में लगने वाला समय कम हो जाता है। भले ही एक्सप्रेसवे शहरों और बीच में पड़ने वाले गांवों को जोड़ते हों, लेकिन इस पर हर कोई नहीं जा सकता। आमतौर पर Expressways पर दोपहिया वाहनों यानी Two-Wheelers का जाना प्रतिबंधित यानी बैन होता है। कम स्पीड से चलने वाले वाहनों को लेकर भी एक्सप्रेसवे पर नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा एक्सप्रेसवे पर यू-टर्न नहीं होता है। इसके लिए बकायदा क्लोवर लीफ बनाकर व्यवस्था की जाती है। ज्यादातर Expressway क्लोज एक्सेस होते हैं, यानी इसमें एंट्री और एग्जिट के लिए जगहें फिक्स होती हैं। Expressway पर कहीं भी बीच में से चढ़ या उतर नहीं सकते।

क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट?

भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala Project) की शुरुआत केंद्र सरकार ने 2017 में की थी। इसका उद्देश्य देशभर में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे को बेहतर बनाना है। साथ ही एक्सप्रेसवे के जरिए इकोनॉमिक कॉरिडोर को मजबूत करना है, ताकि इसका फायदा व्यापार को मिल सके। सबसे बड़ी बात ये है कि इसके तहत बॉर्डर तक सड़क बनना है, ताकि अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती मिल सके। इसके अलावा इसके तहत सड़क नेटवर्क को समुद्री तट और बंदरगाहों से भी जोड़ना है। इसी के तहत ग्रीन-फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण होना है।

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत एक्सप्रेसवे का निर्माण

  • दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे
  • वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे
  • दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना एक्सप्रेसवे
  • अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे
  • दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे
  • बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे
  • कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे
  • अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर
  • चेन्नई-सलेम कॉरिडोर
  • अमृतसर-भटिंडा-जामनगर कॉरिडोर

यूपी एक्सप्रेसवे लिस्ट (15 UP Expressway List)

  • यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway)
  • नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida Expressway)
  • आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra- Lucknow Expressway)
  • दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi- Meerut Expressway)
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे ( Purvanchal Expressway)
  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे ( Bundelkhand Expressway)
  • गोरखपुर एक्सप्रेसवे ( Gorakhpur Expressway)
  • गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway)
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (Lucknow-Kanpur Expressway)
  • गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे (Ghaziabad-Kanpur Expressway)
  • गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway)
  • दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Saharanpur-Dehradun Expressway)
  • गाजीपुर बलिया मांझी घाट एक्सप्रेसवे (Ghazipur- Ballia Manjhi Expressway)
  • गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Shamli Expressway)
  • आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे (Agra-Gwalior Expressway)

बिहार में एक्सप्रेसवे (Bihar Expressway List)

  • वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे
  • गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे ( Gorakhpur-Siliguri Expressway )
  • रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे (Raxaul-Haldia Expressway )
  • अमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे ( Amas-Darbhanga Expressway)
  • पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे -300 किमी.
  • भागलपुर-बक्सर एक्सप्रेसवे -386 किमी.
  • बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा एक्सप्रेस-वे

राजस्थान में एक्सप्रेसवे

  • जयपुर-किशनगढ़-अजमेर-जोधपुर 350 किलोमीटर
  • कोटपूतली-किशनगढ़ 181 किमी.
  • जयपुर-भीलवाड़ा 193 किमी.
  • बीकानेर-कोटपूतली 295 किमी.
  • ब्यावर-भरतपुर 342 किमी.
  • जालोर-झलवाड़ा 402 किमी
  • अजमेर-बांसवाड़ा 358 किमी,
  • जयपुर फलोदी 345 किमी
  • श्रीगंगानगर-कोटपूतली 290 किमी.

देश का पहला एक्सप्रेस-वे (India's Frist Expressway)

देश का पहला एक्सप्रेस- वे मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे भारत का पहला 6-लेन परिचालन एक्सप्रेसवे है जो 2002 में शुरू हुआ था।

भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे

देश का सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) तेजी से बन रहा है और जल्द ही इस पर गाड़ियां फर्राटा भरती नजर आएंगी। इसे लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा अपडेट दिया है। बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में गडकरी कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पूरा होने का कार्यक्रम अक्टूबर, 2025 तक संशोधित किया गया है। इसमें कुल 1386 किमी. में से 82% यानी 1136 किमी. सड़क का काम पूरा हो चुका है।

देश का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे भारत का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे है। इस सड़क मार्ग में कुल 14 लेन हैं। 96 किलोमीटर का यह मार्ग डासना और गाजियाबाद के रास्ते दिल्ली को मेरठ से जोड़ता है। इसके 4 सेक्शन हैं। इस पर कुल 23 छोटे-बड़े ब्रिज, 10 फ्लाई ओवर, 3 रेलवे ब्रिज और 35 अंडरपास हैं। हालांकि, यह पूरा 14 लेन का नहीं है। इसके 27 किमी. का हिस्सा ही 14 लेन का विकसित किया गया है। शेष हिस्से को 6 लेन में बनाया गया है।

सबसे महंगा टोल टैक्स वाला एक्‍सप्रेसवे

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे टोल दर ((Mumbai Pune Expressway Toll Rate)
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे देश का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है। यहां कार के लिए एक तरफ का 336 रुपये टोल चुकाना होता है। इस लिहाज से देखें तो प्रति किमी के हिसाब से 3.40 पैसे देने पड़ते हैं। वैसे देश के अन्य एक्सप्रेसवे पर अधिकतम टोल दर 2 रुपये चालीस पैसे प्रति किलोमीटर तक रखी गई है। इस लिहाज से कंपेयर करें तो सीधे तौर प्रति किलोमीटर एक रुपये अधिक चुकाने होते हैं।

भारत में शीर्ष आगामी एक्सप्रेसवे (India's Upcoming Expressway)

नर्मदा एक्सप्रेसवे
नर्मदा एक्सप्रेसवे एक प्रस्तावित एक्सप्रेसवे है, जो मध्य प्रदेश के अमरकंटक और पश्चिम में अलीराजपुर को जोड़ेगा। नर्मदा एक्सप्रेसवे 906 किलोमीटर लंबा होगा। नर्मदा प्रगति पथ नाम का यह एक्सप्रेसवे राज्य के 13 जिलों से होकर गुजरेगा। बाद में इसे गुजरात के भरूच या अहमदाबाद तक 150 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा।
फरीदाबाद जेवर एयरपोर्ट एक्सप्रेसवे
31.425 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे फरीदाबाद में सेक्टर 65 के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लिंक रोड जंक्शन से शुरू होगा. यह जेवर एयरपोर्ट को सीधा जोड़ेगा। इस दौरान लाइन का लगभग 22 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में, जबकि बचा हुआ 9 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में होगा।
आगरा-बरेली एक्सप्रेसवे
228 किलोमीटर लंबे आगरा-बरेली एक्‍सप्रेसवे के बन जाने के बाद बरेली से आगरा और मथुरा जाने में 6 की बजाय केवल चार घंटे ही लगेंगे. साथ ही इस एक्‍सप्रेसवे की वजह से मथुरा ही नहीं बल्कि हाथरस का भी जाम से मुक्ति मिलेगी. करीब 4 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस एक्‍सप्रेसवे का निर्माण साल 2027 तक पूरा होने की उम्‍मीद है. आगरा खंड में अभी एक्‍सप्रेसवे का निर्माण चल रहा है।
अरुणाचल प्रदेश एनएच-913
फ्रंटियर हाईवे, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग-913 कहा जाता है। अरुणाचल प्रदेश के निर्जन या कम आबादी वाले क्षेत्रों से होकर गुजरने वाला 1,700 किलोमीटर लंबा राजमार्ग है। इसमें भारत-चीन सीमा पर नई सुरंगों और पुलों के अलावा 800 किलोमीटर का ग्रीनफील्ड सेक्शन भी होगा।
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे (Ahmedabad-Dholera Expressway)
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे की घोषणा साल 2010 में की गई थी, लेकिन कई कारणों के चलते इसे 2019 में हरी झंडी मिली। यह चार लेन एक्सप्रसेवे सरखेज में सरदार पटेल रिंग रोड से नवगाम में धोलेरा इंटरनेशनल हवाई अड्डे के मध्य बना है।
बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे (Bangalore-Chennai Expressway)
यह दक्षिण भारत का एक प्रमुख एक्सप्रेसवे है। यह चार लेन चौड़ा सड़क मार्ग दो राज्यों की राजधानी चेन्नई और बैंगलोर को जोड़ता है। यह कर्नाटक के होसकोटे और बांगरपेट, आंध्र प्रदेश में पलमनेर और चित्तूर और तमिलनाडु में श्रीपेरंबदूर के मध्य 260 किमी तक है। इसे 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के लिहाज से डेवलप किया जा रहा है।
रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे (Raipur-Visakhapatnam Expressway)
यह 6 लेन एक्सप्रेसवे 464 किमी एक्सप्रेसवे मध्य और पूर्व मध्य भारत के छत्तीसगढ़, ओड़िशा और आंध्र प्रदेश राज्यों में रेड कॉरिडोर से होकर गुजरता है। इससे यात्रा का समय का 14 घंटे से घटकर महज 7 घंटे रह जाएगा। वहीं, 590 किमी से दूरी घटकर 464 किमी हो जाएगी।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway)
चित्रकूट से इटावा तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे अपने आप में खास है। इस सड़क मार्ग को सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके आसपास औद्योगिक सिटी बसाकर लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्लान है। यह सबसे कम 28 महीने में बनकर तैयार होने वाला मार्ग है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है। इसके अलाव बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे (Solar Expressway) होगा, जो बिजली का उत्पादन करेगा। इससे एक लाख लोगों के घरों तक बिजली पहुंचेगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway)
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे यूपी के 9 जिलों को कवर करता है। लखनऊ-सुलतानपुर रोड के चंदसराय गांव से शुरू होकर गाजीपुर में मोहम्मदाबाद-बक्सर राजमार्ग पर हैदरिया गांव में समाप्त होता है।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (Lucknow Kanpur Expressway)
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे NHIA द्वारा शुरू की गई परियोजना है। 63 किलोमीटर 6 लेन इस एक्सप्रेसवे का अभी निर्माण कार्य जारी है। इस एक्सप्रेसवे की मदद से यात्री लखनऊ से कानपुर की दूरी 45-50 मिनट में तय कर सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि ये 2025 में आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यह रास्ते में उन्नाव को कवर करता हुआ आगे बढ़ेगा।
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे (Ghaziabad Kanpur Expressway)
गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे परियोजना गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव आदि शहरों को जोड़ेगी। इसके निर्माण पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है। इस कॉरिडोर के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर की दूरी केवल 5 घंटे 40 मिनट में तय हो जाएगी।
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Siliguri Expressway)
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे एक नहीं, बल्कि तीन क्षेत्रों की तस्वीर चमका देगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए बिहार के दरभंगा, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, फारबिसगंज को कनेक्ट करेगा। इससे यूपी के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर में सुधार होने की संभावना प्रबल है। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण से इन दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 600 किलोमीटर घट जाएगी। गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में 84. 3 किमी, बिहार में 416.2 किमी और पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी किमी की दूरी तय करता है। इसके निर्माण से इन राज्यों के बीच पड़ने वाले बड़ी सख्या में लोगों को सहूलियत मिलेगी।
अमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे (Amas-Darbhanga Expressway)
बिहार में एक और बड़े एक्सप्रेसवे को लेकर तैयारियां जोरों पर है। ये एक्सप्रेसवे राज्य के औरंगाबाद से दरभंगा समेत 8 जिलों से होते हुए गया तक जाएगा। दरभंगा से गया तक फोर लेन होगा। इसके निर्माण से राज्य के संबंधित जिलों के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। 189 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे औरंगाबाद के अमास से शुरू होगा। वहीं, अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली, समस्तीपुर समेत सात जिलों को पार करते हुए दरभंगा तक जाएगा। हाइवे का निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से किया जाएगा। यह परियोजना 4 फेज में पूरी होगी। इसके निर्माण से दोनों जिलों के बीच की दूरी करीब 4 घंटे कम होने के साथ अमस और दरभंगा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से कृषि उपज, कच्चे माल और औद्योगिक सामानों की तेज आवाजाही में सुविधा होगी।
गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Shamli Expressway)
यूपी के गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी को पश्चिमी यूपी से जोड़ेगा। यह 700 किमी की दूरी तय करते हुए 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा।
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway)
बिहार-बंगाल और झारखंड के लोगों को भी नए एक्सप्रेसवे की सौगात मिल चुकी है। सबसे पहले बात करते हैं वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे की। इस सड़क मार्ग का निर्माण 7 पैकेज में किया जा रहा है। इसमें से 5 पैकेज में बिहार के कई हिस्सों को जोड़ते हुए एक्सप्रेस वे का निर्माण होगा।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे (Raxaul-Haldia Expressway)
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे का निर्माण 2023 में शुरू हुआ था। रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे बिहार के कई जिलों से होकर झारखंड और पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक पहुंचेगा। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में रक्सौल और पश्चिम बंगाल में हल्दिया बंदरगाह को जोड़ने वाले मार्ग है। भारतमाला परियोजना के चरण 2 के तहत इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का उद्देश्य माल ढुलाई की दक्षता में सुधार करना और नेपाल, बिहार और झारखंड से निर्यात को बढ़ावा देना है। एक्सप्रेसवे के साल 2028 में पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि, इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई है। रास्ते में यह बिहार के मुजफ्फरपुर और पश्चिम बंगाल के आसनसोल-दुर्गापुर से होकर गुजरेगा।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway)
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे यूपी के सहारनपुर से होकर गुजरेगा। यह दिल्ली के साथ यूपी और उत्तराखंड के लोगों का सफर आसान करेगा। दावा है कि 239 किलोमीटर का ये एक्सप्रेसवे कुछ यात्रा के समय को ढाई घंटे कर देगा। इसके जल्द खुलने के आसार हैं। इस एक्सप्रेसवे से यात्री वादियों का नजारा ले सकेंगे।

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