10.4 करोड़ भारतीय ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित हो सकते हैं, एम्स की स्टडी में खुलासा

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। भारतीय वयस्कों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की व्यापकता की एक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण से पता चला है कि कामकाजी उम्र के लगभग 104 मिलियन (10.4 करोड़) भारतीय इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं।

obstructive sleep apnea

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। भारतीय वयस्कों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की व्यापकता की एक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण से पता चला है कि कामकाजी उम्र के लगभग 104 मिलियन (10.4 करोड़) भारतीय इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, लगभग 11 प्रतिशत भारतीय वयस्क ओएसए से पीड़ित हैं, जिनमें महिलाओं (5 प्रतिशत) की तुलना में पुरुषों (13 प्रतिशत) को अधिक खतरा है।

स्लीप मेडिसिन रिव्यूज जर्नल में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि ओएसए एक कॉमन स्लीप डिसऑर्डर है जो मोरबिडिटीसे जुड़ा है। एम्स में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ अनंत मोहन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने कहा, ''ओएसए प्रसार की वैश्विक समीक्षाओं में भारत और अन्य विकासशील देशों के डेटा का कम प्रतिनिधित्व है। इस व्यवस्थित समीक्षा और मेटा-विश्लेषण ने भारत में ओएसए की व्यापकता की जांच की।''

एम्स नई दिल्ली के अन्य रिसर्च टीम के सदस्य तेजस मेनन सूरी, तमोघना घोष, सौरभ मित्तल, विजय हड्डा और करण मदान थे। टीम ने उन लेखों के लिए मेडलाइन, एम्बेस और स्कोपस डेटाबेस की खोज की, जिनमें स्लीप स्टडी का इस्तेमाल करके सामान्य भारतीय वयस्क आबादी में ओएसए की व्यापकता की जानकारी दी गई थी।

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