ये है 17 करोड़ रुपए का एक इंजेक्शन: जानें, कौन सी बीमारी में आता है काम और क्यों है खास

Zolgensma Injection: जोलजेंस्मा को विशेष रूप से दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए तैयार किया गया है। हालांकि अभी तक जोलजेंस्मा को न तो भारत में मंजूरी मिली है और न ही इसका निर्माण यहां किया जाता है।

Zolgensma Injection: 17 करोड़ रुपए का एक इंजेक्शन।

Zolgensma Injection: एक इंजेक्शन (Injection) 17 करोड़ रुपये का ! सुनकर चौंकना स्वाभाविक है, लेकिन दो साल से कम उम्र के बच्चों में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोपी (Spinal Muscular Atrophy) के इलाज में इस्तेमाल होने वाले जोलजेंस्मा इंजेक्शन (Zolgensma Injection) का यही दाम है। यह दवा एक बार फिर सुर्खियों में है क्योंकि कर्नाटक में रहने वाले 15 महीने के एक लड़के को उपचार के लिये ऐसे ही एक इंजेक्शन का इंतजार है। जीन थेरेपी, दुनिया की सबसे महंगी दवाओं में से एक, आशाजनक परिणाम देती है लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह मांसपेशियों की बर्बादी और कमजोरी का कारण बनने वाली दुर्लभ तंत्रिका स्थिति के लिए एक निश्चित समाधान नहीं है। यह बीमारी का इलाज नहीं है लेकिन रोग के बढ़ने को सीमित कर देता है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर एसएमए से पीड़ित राज्य के 15 महीने के बच्चे के इलाज के लिए मदद मांगी है। भारत में अभी तक इसे मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का अनुमान है कि पिछले कुछ वर्षों में लगभग 90 बच्चों को जोलजेंस्मा प्राप्त हुआ है। यह देखते हुए कि बहुत ज्यादा अमीर लोगों को छोड़कर सभी के लिए एकल खुराक वाला यह इंजेक्शन पहुंच से बाहर है, ऐसे में इसे अधिकांशत: मानवीय सहायता कार्यक्रमों या क्राउड फंडिंग के माध्यम से जुटाया जाता है। डॉक्टर के पर्चे और सरकार की मंजूरी के बाद दवा का आयात किया जा सकता है।

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