Hypertension in India: नोएडा में बैडमिंटन खेल रहे शख्स की मौत की वजह बना High BP, कैसे चुपके से काल साबित हो रही है ये बीमारी
देश में हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हार्ट से मौत का आंकड़ा दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। हार्ट से मौत का एक नया मामला सामने आया है। नोएडा के सेक्टर 21ए स्थित एक स्टेडियम में शनिवार को बैडमिंटन खेलते समय 52 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई।
यह मामला ठीक उस दिन के बाद सामने आया है जब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित खतरनाक डेटा जारी करते हुए बताया था कि देश में चयापचय संबंधी बीमारियों की दर तेजी से बढ़ती जा रही है। अनुमान के अनुसार, भारत में अब ना केवल डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ी है बल्कि धीरे-धीरे हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे की समस्या भी बढ़ती जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 101 मिलियन लोग डायबिटीज और 315 मिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर, 136 मिलियन भारतीय प्री-डायबिटिक, 213 मिलियन हाई कोलेस्ट्रॉल , 185 मिलियन उच्च एलडीएल कोलेस्ट्रॉल है, जिसे अक्सर खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, 254 मिलियन मोटापा और 351 मिलियन पेट के मोटापे की समस्या से ग्रसित है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या का बढ़ना चिंता का विषय है। हाई बीपी की वजह से देश में लगातार हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
दिल्ली के अपोलो अस्पताल के एक वरिष्ठ कार्डियक सर्जन डॉ. मुकेश गोयल ने बताया कि , "भारत में तेजी से गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही है। पहले हम सोचते थे कि लोगों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप केवल शहर में रह रहे लोगों के खराब लाइफस्टाइल की वजह से है लेकिन अब ऐसा नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी हाई ब्लड प्रेशर के मरीज देखने को मिल रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि यह बीमारी दूर-दूर तक फैल रही है। खराब लाइफस्टाइल और स्ट्रेस इससे मुख्य कारण हैं।
डॉ गोयल का कहना है कि उच्च रक्तचाप भारत में एक महामारी बन गया है। उन्होंने आगे कहा, "उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों के साथ समस्या यह है कि इसके लक्षण जल्दी से नहीं दिखते हैं और जब तक इसके लक्षण दिखते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। एनसीडी शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े और आंखों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए शीघ्र पहचान और सक्रिय उपचार बेहद जरूरी है।
अपोलो हॉस्पिटल्स द्वारा अप्रैल में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, एनसीडी के कारण भारत में 65 प्रतिशत मौतें हो रही है जबकि 40 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती के मामले सामने आ रहे हैं।
भारत में कहां कमी है?डॉ गोयल के अनुसार, जब गैर-संचारी रोगों की बात आती है तो जागरूकता भारत में प्रमुख समस्याओं में से एक रही है। उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद हमारी सरकार ने जिस तरह पोलियो और मलेरिया जैसी बीमारियों के खात्मे के लिए जागरुकता का काम किया, उसी तरह गैर संचारी रोगों के लिए भी अभियान चलाए जाने की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब COVID-19 महामारी ने पूरे देश में तबाही मचाई थी तब उसकी रोकथाम के लिए देशभर में जागरूकता अभियान चलाए गए थे। ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए भी भारत में अभियान चलाने की जरूरत है।
(ये लेख हमारी सहयोगी अखबार Times of India की एक रिपोर्ट पर आधारित है।)
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