देश के इस शहर में एक साल में मर जाते हैं 76 हजार लोग, आज ही छोड़ दें ये खतरनाक लत!

Health Tips in Hindi: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2022 में कैंसर से होने वाली मौतों के मामले में बिहार देश के राज्यों में चौथे स्थान पर है। यहां कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राजधानी पटना के मेदांता के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि बिहार में हर साल करीब 1.20 लाख नए मामले सामने आते हैं। इसमें 5 से 6% मरीजों की मौत हो रही है।

बिहार में साल 2023 में 76 हजार लोगों की कैंसर से गई जान

Cancer Causes and Death Rate: देशभर में कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अकेले बिहार की बात करें तो यहां हर पांच से आठ मिनट में एक मरीज की कैंसर से मौत हो जाती है। कैंसर के मामले में बिहार देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल भारत के चार राज्य हैं जहां हर साल एक लाख से अधिक कैंसर रोगियों का निदान किया जाता है। इन राज्यों में कैंसर से मृत्यु दर भी सबसे ज्यादा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2022 में बिहार कैंसर से होने वाली मौतों के मामले में देश के राज्यों में चौथे स्थान पर है। यहां कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। न्यूज़ 18 के मुताबिक राजधानी पटना के मेदांता के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. राजीव रंजन प्रसाद कहते हैं कि बिहार में हर साल करीब 1.20 लाख नए मरीज सामने आते हैं। इसमें पांच से छह फीसदी मरीजों की मौत हो रही है। भविष्य में कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार, बिहार में 2014 में 4,311, 2015 में 2,651, 2016 में 2,651, 2017 में 66,040, 2018 में 6,007, 2019 में 73,361, 73,7811, 74,781, 74,142, 74 थे। , 2020 में 142, 74,142, 74,142 2021 में 74,894, 2022 में 75,489 और 2023 में करीब 76 हजार लोगों की मौत कैंसर से हुई है। मेदांता के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. राजीव रंजन प्रसाद के मुताबिक बिहार में मुंह और गले के कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। अन्य सामान्य कैंसर में स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, पेट के कैंसर और फेफड़ों के कैंसर शामिल हैं।

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