98.6° नहीं बॉडी का सामान्य तापमान, इस Range को पार करने पर कहलाएगा बुखार, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
98.6 F Body Temperature Is Not Normal Study Reveals: आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि 98.6 डिग्री शरीर का नॉर्मल टेम्परेचर होता है। इसके बाद बढ़ने वाले शरीर के तापमान को बुखार माना जाता है। लेकिन अब इसकी परिभाषा बदल गई है। स्टडी में नॉर्मल बॉडी टेम्परेचर की रेंज को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
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98.6 F Body Temperature Is Not Normal Study Reveals: शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है? इस सवाल का जवाब छोटे-छोटे बच्चों को साइंस की कक्षाओं में रटा दिया जाता है लेकिन अब शायद पाठ्यक्रम में बदलाव करने का समय आ गया है। शरीर का तापमान कितना होना चाहिए इसका जवाब बदल गया है। स्टैनफोर्ड की एक स्टडी औसत शरीर का तापमान 98.6° फारेनहाइट से अलग बताती है। आइए स्टडी के हवाले से जानते हैं शरीर का टेंपरेचर कितना होता है।
साल 1868 में ये पता चला कि मानव शरीर का औसत तापमान 98.6°F (37°C) होता है। तब से लेकर आजतक हम इसे ही पढ़ते-पढ़ाते रहे हैं। लेकिन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी कहती है कि शरीर का औसत तापमान अब 36.6°C नहीं रहा है। संक्रामक रोगों की विशेषज्ञ जूली पार्सनेट के नेतृत्व में किए गए इस स्टडी में पता चला है कि शरीर का औसत तापमान 37°C नहीं होता है। जानते हैं क्या कहती है स्टडी
स्टैनफोर्ड की स्टडी
JAMA इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की डॉ. पार्सनेट और उनकी टीम ने 2008 से 2017 तक स्टेनफोर्ड हेल्थ केयर में देखे गए 6 लाख वयस्क रोगियों के तापमान का विश्लेषण किया। इसके साथ ही, उन्होंने उस दिन का समय भी नोट किया जब तापमान लिया गया था और प्रत्येक मरीज की उम्र, लिंग, वजन, ऊंचाई, बॉडी मास इंडेक्स, दवाएं और हेल्थ कंडीशन। इसका रिजल्ट आश्चर्यजनक आया क्योंकि उन्होंने जो सामान्य मानव शरीर का तापमान मापा वह 36.2°C और 36.8°C (97.3°F ओर 98.2°F) के बीच रहा। यानी आम मानक से कम।
क्या कहती हैं एक्सपर्ट
डॉ. पार्सनेट एक बयान में कहती हैं, कि अधिकतर लोग और डॉक्टर भी यही समझते हैं कि शरीर का सामान्य तापमान 98.6°F होता है। असल में क्या नॉर्मल तापमान है ये इंसान की सेहत पर निर्भर करता है। और शायद ही ये 37°C जितना अधिक होता है।
क्या है कारण
औसत शरीर के तापमान में कमी का कारण मेटाबॉलिज्म की दर हो सकती है। रिसर्चर्स ने ये पाया कि इंफ्लेमेशन में कमी इसका कारण हो सकता है, इससे ही शरीर के हर तरह के प्रोटीन का निर्माण होता है, जिससे मेटाबॉलिज्म की दर बढ़ती है। पिछली दो शताब्दियों में लोगों की सेहत में अद्भुत सुधार हुआ है, हमारे शरीर के लिहाज से हम बदले हैं और हमारा वातावरण भी बदला है। बैक्टीरिया और वायरस के साथ हमारे संबंध बदले हैं।
निष्कर्ष
शरीर का तापमान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में और दिन के अलग-अलग समय पर भिन्न हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह 36.2°C और 36.8°C (97.3°F ओर 98.2°F) के बीच होता है। बुखार की बात करें तो 98.2 तक शरीर का तापमान बुखार की श्रेणी नहीं आता है, 100.4°F (38°C) या उससे अधिक होने पर ही बुखार की दवा खाने की जरूरत होती है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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