175 किलो के ऑस्ट्रेलियन मरीज की एडवांस्ड रोबोटिक सर्जरी में मिली सफलता, सर्वाइकल स्पाईनल स्टेनोसिस से जुझ रहा था मरीज

दिल्ली के सीके बिरला हॉस्पिटल में सर्वाइकल स्पाईनल स्टेनोसिस से पीड़ित 175 किलो वजन के ऑस्ट्रेलियन मरीज की एडवांस्ड मिनिमली इन्वेसिव रोबोटिक सर्जरी की गई।

दिल्ली: आने वाले वक्त में मेडिकल के क्षेत्र में AI और रोबोटिक सर्जरी का एक अहम रोल होने वाला है। इसकी बड़ी वजह ये है की सर्जरी के कुछ वक्त पहले ही सर्जन को प्लानिंग करने का वक्त मिलता है , वह सारे ऑप्शन को अपनाकर देख सकता है कि रिजल्ट किस तरह का आने वाला है। सर्जरी करने में अब डॉक्टरों को पहले से कम वक्त लगता है और सॉफ्टवेयर के कारण डॉक्टर्स के पास मल्टीपल ऑप्शन भी उपलब्ध होते हैं। रोबोटिक सर्जरी मेडिकल टेक्नोलॉजी का सबसे लेटेस्ट तरीका है।

दिल्ली के सीके बिरला हॉस्पिटल में सर्वाइकल स्पाईनल स्टेनोसिस से पीड़ित 175 किलो वजन के ऑस्ट्रेलियन मरीज की एडवांस्ड मिनिमली इन्वेसिव रोबोटिक सर्जरी की गई। ऑस्ट्रेलिया का यह 33 वर्षीय मरीज सर्वाइकल स्पाईन स्टेनोसिस से पीड़ित था,जिसका सफल इलाज एडवांस्ड रोबोटिक टेक्नॉलॉजी के साथ मिनिमली इन्वेसिव सर्जिकल (एमआईएस) तकनीक द्वारा किया गया। यह मरीज पिछले दो सालों से सर्वाइकल स्पाईनल स्टेनोसिस से पीड़ित था। बिगड़े संतुलन की वजह से वह बैसाखी (crutch) के बिना 50 कदम भी नहीं चल पाता था। मरीज दाहिने पैर में अत्यधिक दर्द और दोनों पैरों के सुन्न पड़ जाने की शिकायत लेकर अस्पताल आया था।

रोबोटिक सर्जरी किया जाना मेडिकल टेक्नोलॉजी का सबसे लेटेस्ट तरीका है : डॉक्टर्सडॉ. अश्वनी माईचंद, डायरेक्टर - ऑर्थोपीडिक्स विभाग ने मरीज के टेस्ट के बाद उसमें सर्वाइकल स्पाईनल स्टेनोसिस का सही-सही पहचान की। मरीज का वजन ज्यादा होने के कारण यह बहुत रिस्की सर्जरी था जिसमें लकवा, आँतों और ब्लैडर पर नियंत्रण खोने और खड़े होने या चलने में असमर्थ होने का खतरा था।

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