क्या बढ़ते वायु प्रदूषण में बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए? बच्चे की सेहत ज्यादा जरूरी या पढ़ाई, डॉक्टर ने दिया जवाब

Kya Pollution Mein Bachchon Ko School Bhejna Chahiye: बढ़ते प्रदूषण ने पेरेंट्स की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह उनके बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में ज्यादातर पेरेंट्स के मन में यह सवाल उठ रहा है कि इस जहरीली हवा में बच्चे को स्कूल भेजें या नहीं? आइए इसका जवाब डॉक्टर से जानते हैं।

Kya Pollution Mein Bachchon Ko School Bhejna Chahiye

Kya Pollution Mein Bachchon Ko School Bhejna Chahiye

Kya Pollution Mein Bachchon Ko School Bhejna Chahiye: दिवाली के त्योहार के बाद देश में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरे की घंटी को पार कर चुका है। इसमें कुछ इलाके दिल्ली एनसीआर के शामिल हैं, जहां अधिकतम AQI 350 को भी पार कर चुका है। इसकी गंभीरता को देखते हुए राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। क्योंकि प्रदूषण आपके बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। लेकिन वहीं बहुत से शहर और राज्यों के सरकारी व निजी स्कूल ऐसे भी हैं जिनमें बढ़ते प्रदूषण के बाद भी लगातार क्लास चल रही हैं।

ऐसे में पेरेंट्स के मन में प्रदूषण की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंता का विषय बना हुआ है। वह इस बात को लेकर काफी परेशान हैं कि आखिर उन्हें इस जहरीली हवा में अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए या नहीं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट डॉ. आकाश शाह से बात की। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

प्रदूषण बच्चों के स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुंचता है - How Pollution Affect Child Health In Hindi

डॉ. आकाश की मानें तो प्रदूषण के बढ़ते स्तर के दौरान बच्चों को स्कूल भेजना माता-पिता और शिक्षकों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। बच्चों के विकासशील फेफड़े और इम्यून सिस्टम उन्हें विशेष रूप से प्रदूषकों के हानिकारक प्रभावों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं, अस्थमा बढ़ सकता है और यहां तक कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य जटिलताएं भी हो सकती हैं। हालांकि, शिक्षा आवश्यक है लेकिन खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में आने से ऐसे जोखिम पैदा होते हैं जो तात्कालिक शैक्षणिक लाभों से कहीं अधिक हो सकते हैं।

प्रदूषण वाली जहरीली हवा में बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं?

डॉ. आकाश सुझाव देते हैं कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर स्कूलों और अभिभावकों को वैकल्पिक समाधानों पर विचार करके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। ऑनलाइन या हाइब्रिड शिक्षा एक सुरक्षित विकल्प प्रदान कर सकती है, जिससे बच्चे अधिक प्रदूषण के संपर्क में आए बिना अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, स्कूल एयर प्यूरीफायर में निवेश कर सकते हैं और बेहतर वायु गुणवत्ता के साथ इनडोर स्थान बना सकते हैं, जिससे व्यक्तिगत बातचीत सीमित लेकिन सुरक्षित हो सकेगी।

पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अधिक प्रदूषण वाले दिनों में बच्चों को मास्क पहनने और बाहरी गतिविधियों से बचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। यह एक निवारक उपाय है। सरकारों और शैक्षणिक संस्थानों को नियमित रूप से वायु गुणवत्ता की निगरानी करनी चाहिए और बच्चों के स्वास्थ्य को सबसे आगे रखते हुए स्कूल बंद करने या सुरक्षा उपायों के बारे में सूचित निर्णय लेना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। हेल्थ (Health News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited