अल्कोहल का सेवन बना सकता है आपके दिल को बीमार, यहां जानें अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी के बारे में
Alcoholic Cardiomyopathy: अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी एक ऐसी बीमारी है, जो शराब के अधिक सेवन से होती है। लंबे समय तक शराब के अधिक सेवन से आपके हार्ट की मांसपेशियां काफी कमजोर और पतली हो जाती हैं, जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं शुरू हो सकती हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी क्या है?
- शराब के अधिक सेवन से होने वाली बीमारी है अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी
- अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी में हार्ट की मांसपेशियां हो जाती हैं कमजोर
- अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी से बचाव के लिए लाइफस्टाइल में करें बदलाव
क्या है अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी?
शराब आपके हार्ट को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है। जो एक लंबे समय तक अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, उन्हें अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। इस बीमारी में हार्ट की मांसपेशियां काफी पतली और कमजोर हो जाती हैं, जो कई तरह की परेशानियां का कारण बन सकती हैं।
अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी के लक्षण क्या हैं?
अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी की समस्या होने पर शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आ सकते हैं, जैसे-
- पैरों में सूजन
- सांस लेने में परेशानी
- थकान और कमजोरी होना
- चक्कर और बेहोशी आना
- भूख कम लगना
- मानसिक परेशानी
- ध्यान को केंद्रित करने में समस्या
- खांसी करने पर गुलाबी रंग का म्यूकस निकलना
- यूरिन में बदलाव, इत्यादि
अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी के कारण क्या हैं?
अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी के नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह बीमारी शराब के अधिक सेवन करने से हो सकती है। अधिक मात्रा में शराब पीने की वजह से यह शरीर के विभिन्न अंगों को विषाक्त कर देती है, जिसमें हार्ट भी शामिल है। इसकी वजह से हार्ट सही तरीके से ब्लड पंप नहीं कर पाता है, जिससे आपकी समस्या काफी ज्यादा बढ़ सकती है।
अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी से बचाव
अगर आप चाहते हैं कि अल्कोहलिक कार्डियोमायोपैथी डिजीज को रोका जा सके, तो इसके लिए शराब का कम से कम मात्रा में सेवन करें। इसके साथ ही स्मोकिंग से भी दूरी बनाएं, ताकि आप अपने हार्ट को मजबूत कर सकें। साथ ही अपने खानपान और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखें।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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