2050 तक अल्जाइमर रोगियों की संख्या बढ़ने की आशंका; जानें WHO की चेतावनी, उपाय और लक्षण

Alzheimer's Disease : अल्जाइमर रोग आमतौर पर बढ़ती उम्र के लोगों में पाया जाता है, लेकिन कभी-कभी इसकी शुरुआत युवावस्था में भी हो सकती है। यह एक शापित बीमारी है, जिसका अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं मिल पाया है। WHO का अनुमान है कि 2050 तक पीड़ितों की संख्या तीन गुना हो जाएगी।

Health Tips: लोगों को अल्जाइमर कैसे होता है? (Image: Canva)

Health Tips in Hindi: अल्जाइमर रोग न्यूरोलॉजिकल डिजीज में से एक है। इसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं कम होने लगती हैं। इससे चीजों को याद रखने और भूलने की दर धीरे-धीरे इतनी बढ़ जाती है कि संबंधित व्यक्ति घर के लोगों के चेहरे भी भूलने लगता है। इस बीमारी के गंभीर लक्षण बुढ़ापे में दिखाई देने लगते हैं। हालांकि, शोध के अनुसार, इस बीमारी के लक्षण कम उम्र में भी महसूस किए जा सकते हैं। अल्जाइमर रोग आपकी लाइफस्टाइल और परिवार को प्रभावित कर सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, मस्तिष्क में अल्जाइमर रोग की शुरुआत के लगभग 10 साल बाद अल्जाइमर के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। साथ ही, यह अनुमान लगाया गया है कि 65 वर्ष की आयु के बाद 20 प्रतिशत लोगों में अल्जाइमर विकसित होने की संभावना होती है। अल्जाइमर का अभी तक कोई प्रभावी इलाज और दवा नहीं है। इसीलिए इस बीमारी को लाइलाज माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2050 तक अल्जाइमर के रोगियों की संख्या तीन गुना हो जाएगी। शोधकर्ताओं के अनुसार, उम्र, जेनेटिक और जीवनशैली में बदलाव से अल्जाइमर विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह दावा किया गया है कि रुक-रुक कर उपवास करने से अल्जाइमर को रोकने में मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए चूहों पर एक प्रयोग किया। चूहों के मस्तिष्क की कोशिकाओं का अध्ययन करने के बाद उन्होंने पाया कि उन्हें 48 घंटों तक कुछ भी नहीं खिलाया गया। उनके मस्तिष्क की कोशिकाओं की जांच करने पर पता चला कि मस्तिष्क की कोशिकाएं सुरक्षित हैं।

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