गुरुद्वारे में अर्चना मकवाना के 'शीर्षासन' करने पर मचा बवाल, जानें इस आसन से मिलने वाले हेल्थ बेनिफिट्स

Yoga in Gurudwara: सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर 'अर्चना मकवाना' (Archana Makwana) का 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन गोल्डन टेंपल में योगा करना भारी बवाल का कारण बन गया है। जिसके लिए अर्चना को माफी भी मांगनी पड़ी है। आइए जानते हैं शीर्षासन से होने वाले फायदों के बारे में..

Archana Makwana doing yoga in gurudwara

21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर अर्चना मकवाना को गोल्डन टेंपल गुरुद्वारे के अंदर योग करना भारी पड़ता जा रहा है। इसे लेकर अर्चना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर माफी मांगते हुए एक वीडियो भी जारी किया है। गौरतलब है कि अर्चना मकवाना ने गुरुद्वारे में शीर्षासन करते हुए एक वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर शेयर किया था। जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप अर्चना पर लगा है। पंजाब पुलिस ने अर्चना के खिलाफ FIR भी दर्ज कर ली है। आइए जानते हैं शीर्षासन कैसे किया जाता है और इसके क्या फायदे हैं।

कैसे करें शीर्षासन?शीर्षासन का नाम शीर्ष से लिया गया है, जिसका अर्थ 'सिर' होता है। शीर्षासन को सभी आसनों में श्रेष्ठ बताया गया है। हालांकि इसका अभ्यास करना शुरुआत में थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन इसके फायदे जानकर आप इसे जरूर फॉलो करेंगे।

  • सबसे पहले आप जमीन पर योगा मैट बिछाकर उसपर कोई मोटा तकिया रख लें।
  • अब इस तकिये पर सिर रख कर अपने दोनों हाथों को आपस में फंसा कर सिर को आगे से पकड़ लें।
  • अब अपने शरीर को सिर से सहारा देते हुए ऊपर की ओर उठाएं।
  • इसमें आपको अपनी कमर को एकदम सीधा रखना चाहिए।
  • शुरुआत में आप अपने पैरों को केवल आधा उठा सकते हैं जिसे आप धीरे-धीरे पूरा कर लेंगे।
  • अब इस स्थिति में आपको 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करना है। जिसे धीरे-धीरे आप बढ़ा सकते हैं।

शीर्षासन के फायदे
  1. दिमाग को शांत करने में काफी मदद करता है।
  2. तनाव और अवसाद जैसी समस्या से निजात दिलाने का काम करता है।
  3. दिमाग में मौजूद पिट्यूटरी और पीनियल ग्लैंड को उत्तेजित करता है। शरीर को मजबूत और बैलेंस करता है।
  4. फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है।
डिस्क्लेमर- इस लेख का उद्देश्य केवल योगासन की विधि और इसके हेल्थ बेनिफिट्स को बताना है। इसका उद्देश्य किसी की धार्मिक और व्यक्तिगत भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।

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